- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने परखी इन हॉटस्पॉट की स्थिति

LUCKNOW : कोरोना संक्रमण के मामले में राजधानी रेड जोन में है। फिलहाल 280 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। जिसमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि, 229 मरीज इलाज कराकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। लॉक डाउन के बावजूद इतनी भारी तादाद में मरीज मिलने से सनसनी फैली हुई है। जिन इलाकों से संक्रमित मरीज मिले, वहां से यह अन्य इलाकों में न फैले, इसके लिये जिला प्रशासन व पुलिस ने हॉटस्पॉट घोषित किये हैं। इन सभी हॉटस्पॉट इलाकों को नगर निगम व फायर विभाग द्वारा कई-कई बार सेनेटाइज किया जा चुका है। फिलवक्त राजधानी में 11 हॉटस्पॉट बचे हैं, इनमें भी दो हॉटस्पॉट ऐसे हैं जहां से नये केस आना अब भी जारी है। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने इन हॉटस्पॉट का दौरा किया और वहां के हालात देखे। पेश है विशेष रिपोर्ट-

हॉटस्पॉट: कसाईबाड़ा, कैंट

कब बना : 3 अप्रैल

इलाके की मस्जिद आली जान में ठहरे सहारनपुर के जमातियों की जांच में 12 कोरोना पॉजिटिव मिले। जिसके बाद 3 अप्रैल को इलाके को सील कर हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया। हालांकि, बावजूद इसके इलाके में कोरोना संक्रमित मरीजों का मिलना जारी रहा और अब तक यह संख्या 96 पहुंच चुकी है।

जिम्मेदार: निजामुद्दीन मरकज से जलसे में शामिल होकर लौटे संक्रमित जमातियों से संक्रमण इलाके में फैला। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

वर्तमान हालात: इलाके में ट्रिपल लेयर बैरिकेडिंग की गई है। इतनी भारी तादाद में मरीजों के मिलने के बाद भी भीतरी इलाकों में लोग अब भी खुले में घूम-टहल रहे हैं। रोक-टोक करने पर पुलिस पर एक बार हमला भी हो चुका है।

हॉटस्पॉट: हाता रामदास, कैंट

कब बना : 18 अप्रैल

कैंट में रेलवे ट्रैक के ठीक किनारे स्थित हाता रामदास में एक व्यापारी के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद 18 अप्रैल को उसे हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया। इलाके में कोई दाखिल या निकल न सके, इसके लिये रेलवे ट्रैक पर भी पुलिस की तैनाती की गई।

जिम्मेदार: सर्वाधिक मरीज मिलने के बाद कसाईबाड़ा को सील कर दिया गया। लेकिन, इलाके से रेल पटरी होते हुए वहां के लोगों का आना-जाना जारी रहा। लिहाजा, सरकारी राशन की दुकान के सामने रहने वाला एक व्यापारी कोरोना संक्रमित हो गया।

वर्तमान हालात: इलाके में लोग लॉक डाउन प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रहे हैं। हालात काबू में हैं और उसके बाद कोई नया मरीज सामने नहीं आया।

हॉटस्पॉट: तोपखाना, कैंट

कब बना : 18 अप्रैल

कैंट के भीतरी इलाके में स्थित और सर्वाधिक इफेक्टेड एरिया कसाईबाड़ा से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित तोपखाना में बीती 18 अप्रैल से अब तक कुल आठ कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। हालांकि, बीते एक सप्ताह से वहां एक भी नया केस नहीं आया है।

जिम्मेदार: कसाईबाड़ा तक सब्जी बेचने जाने वाले वेंडर में सबसे पहले कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद उसके परिवार के दो अन्य कोरोना पॉजिटिव मिले। प्रशासन ने जांच का दायरा बढ़ाया तो पांच अन्य लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई।

वर्तमान हालात: इलाके में हॉटस्पॉट घोषित होने के बाद लोकल पुलिस के साथ ही मिलिट्री पुलिस ने भी इलाके में सख्ती की। जिसका असर भी दिखा और लोग अपने घरों में ही कैद हैं।

हॉटस्पॉट : नया गांव पश्चिम, नजीराबाद

कब बना : 14 अप्रैल

सबसे पहले इलाके के एक बुजुर्ग में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उस बुजुर्ग ने कैंट रोड स्थित मेडिकेयर हॉस्पिटल और फिर केजीएमयू में इलाज कराया। जहां उसकी मौत हो गई। 14 अप्रैल को इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया। बुजुर्ग के भाई व बेटे के भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मेडिकेयर हॉस्पिटल और केजीएमयू के मेडिसिन वार्ड को सील करना पड़ा। इसके अलावा बुजुर्ग ने चरक डायग्नोस्टिक्स में जांच भी करायी थी, जिसे सील कर दिया गया था। उसके घर के दो अन्य सदस्य भी संक्रमित मिले, जिनका इलाज जारी है।

जिम्मेदार: सउदी अरब से लौटे बुजुर्ग ने जमातियों से भी मुलाकात की। जिसके बाद उसमें कोरोना के लक्षण दिखाई पड़े।

वर्तमान हालात: इलाके को हॉटस्पॉट घोषित होने के बाद स्थानीय लोग लगातार नियमों का पालन कर रहे हैं और घरों में कैद हैं।

हॉटस्पॉट: कटरा आजमबेग, चौक

कब बना : 27 अप्रैल

चौक के नक्खास रोड पर बैंक ऑफ बड़ौदा के ठीक बगल वाली कटरा आजमबेग गली को पूरी तरह से सील किया गया है। इस गली में केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर स्थित मेडिकल केयर यूनिट के आईसीयू में तैनात नर्स में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद 27 अप्रैल को इस गली को हॉटस्पॉट घोषित किया गया था। अब तक इलाके में नर्स के अलावा परिवार के सात अन्य सदस्यों के साथ ही तीन पड़ोसियों यानी 12 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।

जिम्मेदार: कोरोना के लक्षण होने के बावजूद नर्स आईसीयू में ड्यूटी करती रही। वहीं, मोहल्ले में भी लोगों से मुलाकात करती रही। जिसकी वजह से इलाके में संक्रमण फैला।

वर्तमान हालात: एक गली में इतनी भारी तादाद में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने से इलाके में दहशत है। पुलिस ने भी सख्ती बढ़ाई, लिहाजा लोग अपने घरों में ही कैद हैं।

हॉटस्पॉट: जलीलिया मदरसा, नई बस्ती इरादतनगर

कब बना : 7 अप्रैल

इलाके में रहने वाली महिला निशात हॉस्पिटल में नर्स है। कोरोना लक्षण पाए जाने पर जांच हुई तो कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जिसके बाद 7 अप्रैल को इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया। इसके बाद एक अन्य युवक में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। एहतियातन निशात हॉस्पिटल भी सील किया गया।

जिम्मेदार: कोरोना संक्रमण के लिये इलाके में महिला नर्स को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। आशंका है कि हॉस्पिटल जाने के दौरान वह संक्रमण की चपेट में आई।

वर्तमान हालात: पुलिस ने सील इलाके में सख्ती कर रखी है। लोगों को घरों में रहने की चेतावनी दी जा रही है। लिहाजा, लोग घरों में कैद हैं। उन्हें सिर्फ सामान खरीदने के लिये ही बाहर निकलने की परमीशन दी गई है।

हॉटस्पॉट: बिरहाना, रकाबगंज

कब बना : 25 अप्रैल

400 मकानों वाली गली को एक केबिल ऑपरेटर संक्रमित मिलने के बाद 25 अप्रैल को सील किया गया था। जिसके बाद उसके परिवारीजनों का कोरोना टेस्ट किया गया तो परिवार के सात अन्य सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। दहशत में आए दो हजार लोगों की रिहाइश वाले इस इलाके में लोग घरों में ही कैद हैं।

जिम्मेदार: कोरोना संक्रमित मिला मरीज अपनी रिश्तेदारी में आयोजित समारोह में शामिल होने गया था। लौटने के बाद उसकी तबियत बिगड़ी। पर, उसने जांच नहीं करायी। जिस वजह से संक्रमण परिवारीजनों में भी फैल गया।

वर्तमान हालात: एक ही परिवार के आठ लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद कोई नया केस सामने नहीं आया है। लिहाजा, पुलिस ने लोगों को शर्तो के साथ सामान आदि खरीदने के लिये छूट दी है।

हॉटस्पॉट: खंदारी लेन, लालबाग

कब बना : 29 अप्रैल

कैसरबाग के लालबाग स्थित खंदारी लेन में फल विक्रेता के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद 29 अप्रैल को हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया था। बाद में सब्जी विक्रेता के परिवार समेत 20 लोगों की जांच करायी गई जिसमें सिर्फ सब्जी विक्रेता की बेटी कोरोना पॉजिटिव पाई गई।

जिम्मेदार: पॉजिटिव पाया गया फल विक्रेता बिना कोई सुरक्षा मानक का पालन किये सब्जी बेचता था। इसी दौरान उसे संक्रमण हुआ। लक्षण उभरने के बाद भी उसने देशी इलाज जारी रखा।

वर्तमान हालात: सब्जी विक्रेता और उसकी बेटी के अलावा कोई नया केस न आने की वजह से पुलिस ने सख्ती में थोड़ी ढील दी है। लोगों को मास्क लगाकर बैरिकेडिंग तक आकर खरीदारी करने की परमीशन दी गई है।

हॉटस्पॉट: कैसरबाग सब्जीमंडी और घसियारी मंडी

कब बना : 9 मई

कैसरबाग सब्जीमंडी और घसियारी मंडी इलाके में कोरोना संक्रमित फल आढ़ती मिलने के बाद 9 मई को हॉटस्पॉट घोषित किया गया। सब्जी मंडी और घसियारी मंडी में कुल मिलाकर दो हजार से अधिक मकान हैं। कॉन्टैक्ट हिस्ट्री तलाशते हुए अब तक की गई जांच में 23 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

जिम्मेदार: खंदारी लेन में संक्रमित मिले फल विक्रेता को जिम्मेदार माना गया। उसकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री ट्रेस करते हुए जांच की सुई फल आढ़ती तक पहुंची। जिससे यह संक्रमण इलाके में फैला।

वर्तमान हालात: सब्जी मंडी में मरीजों के लगातार मिलने की वजह से मंडी को पूरी तरह सील किया गया है। सब्जियों व फल की खरीद बिक्री पर रोक है और लोग घरों में बंद हैं।

हॉटस्पॉट: फूलबाग-नजरबाग

कब बना : 3 अप्रैल

फूलबाग व नजरबाग मस्जिद में 3 अप्रैल को जमाती पकड़े गए। शुरुआती जांच में उनमें से दो में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। लिहाजा, 4 अप्रैल को इलाका हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया। बाद में आठ अन्य जमाती भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जिसके बाद इलाके में सख्ती बढ़ाते हुए सेनेटाइजेशन कराया गया।

जिम्मेदार: मस्जिद में छिपे मिले जमाती दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से लौटे थे। संक्रमण होने के बाद भी उन्होंने जांच कराने की जरूरत नहीं समझी। लिहाजा, उन्हें ही संक्रमण का जिम्मेदार माना गया।

वर्तमान हालात: संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिस इलाके में सख्ती बरकरार रखे हुए है। लिहाजा, लोगों को सिर्फ बैरिकेडिंग तक खरीदारी करने आने के लिये परमीशन है। ।

हॉटस्पॉट: मालवीय नगर, मोतीझील कॉलोनी, खाला बाजार

कब बना : 21 अप्रैल

यहां पर 21 अप्रैल को कोरोना का पहला केस मिला था। इसके बाद से यहां पर कोई भी नया केस नहीं मिला है। मौजूदा समय में क्षेत्र के लोग हॉट स्पॉट हटाने और बाहर जाने देने की अनुमति मांग रहे हैं, पर पुलिस प्रशासन के लोग केवल इमरजेंसी वाले व्यक्ति की पुष्टि होने के बाद ही बाहर जाने की अनुमति दे रहे हैं।

जिम्मेदार : इस एरिया में एक व्यक्ति पांडेयगंज स्थित गल्ला मंडी के थोक के व्यापारी के यहां पर डिलिवरी मैन का काम करता था। यह व्यक्ति सदर के क्षेत्र में हॉट स्पॉट बनने के बाद भी वहां पर माल सप्लाई के लिए जा रहा था। वहीं से यह कोरोना से संक्रमित हो गया था।

वर्तमान हालात : बीते 20 दिनों से कोई नया केस न आने के कारण पुलिस व प्रशासन के लोगों ने यहां रह रहे लोगों को बैरकेडिंग के पास आकर जरूरी सामन खरीदने की छूट दे रखी है। बाहर से सामन बेचने वाले लोग बैरकेडिंग के पास आकर खड़े होते है फिर एक-एक कर लोग खरीदारी करते है। इसके अलावा दूध व जरूरी चीजों की सप्लाई भी इसी तरह करवाई जा रही है।