लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से आईटी नेटवर्क पर 50 किलो वाट तक भार के नए बिजली कनेक्शन को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए एक प्रक्रिया जारी की गई है, जिसमें 40 मीटर से अधिक दूरी पर कनेक्शन के मामले में कई बिंदु स्पष्ट किए गए हैैं। जो सबसे महत्वपूर्ण बिंदु और कानून है, जिससे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को व्यापक लाभ मिलना है, उसे छुपा लिया गया है। अब उपभोक्ता परिषद की ओर से तस्वीर साफ कर दी गई है, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।

यह है नियम

उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 40 मीटर से अधिक दूरी के लिए जहां एक अतिरिक्त खंभे लगाने व लाइन निर्माण की आवश्यकता होगी। यदि कॉस्ट डाटा बुक में बनाए गए कानून के तहत दो उपभोक्ता एक साथ बिजली का कनेक्शन उसे क्षेत्र में मांगेंगे तो ऐसे में एक खंभे की लाइन का पूरा खर्च बिजली विभाग को वहन करना पड़ेगा। मतलब साफ है कि ऐसे मामले में एस्टीमेट का खर्च उपभोक्ता को नहीं देना होगा। अब दूसरा सवाल यह आता है कि यदि उसके आगे अगर दोबारा दो उपभोक्ता एक साथ बिजली का कनेक्शन मांग लेंगे तब क्या होगा। ऐसे मामले में वितरण मेस का विस्तार भी आगे 40 मीटर तक बिजली विभाग को करना होगा, क्योंकि कनेक्शन लिए जाने के बाद अंतिम पोल वहां से शुरू होगा और वहीं वितरण मेंस माना जाएगा। इसी प्रकार वितरण मेंस का विस्तार आगे भी किया जा सकता है। इस महत्वपूर्ण निर्णय को भी पावर कॉरपोरेशन यदि अपने बिजली कंपनियों को बताता तो ज्यादा उचित रहता।

मुआवजा कानून का लाभ नहीं

उपभोक्ता परिषद में आगे पावर कॉरपोरेशन से यह भी मांग उठाई कि जिस प्रकार से वर्तमान में सरलीकरण की दिशा में पावर कॉरपोरेशन डिस्काम के लिए प्रश्नोत्तरी टाइप आदेश जारी कर रहा है, इस समय उसे इस दिशा में भी एक पारदर्शी मार्ग दर्शक नीति जारी करना चाहिए कि मुआवजा कानून लागू होने के बाद भी उपभोक्ता मुआवजा कानून का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, वह मुआवजा कानून का लाभ कैसे लें।