लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी पुलिस के साइबर एक्सपट्र्स राहुल मिश्र के मुताबिक, इन दिनों लोग वाट्सएप हैक का शिकार हो रहे हैं। जालसाज किसी के भी वाट्सएप को हैक करने के लिए दो बातों का सहारा लेते हैं। पहला कॉलर खुद को जियो का कस्टमर केयर बताकर कहता है कि आपके मोबाइल में इंटरनेट स्पीड स्लो है क्या। अगर आप हां में जवाब देते हैं तो समझिये आप उसके चंगुल में फंस गए। दूसरा अगर पूछे कि आपने आपना सिम 5जी अपग्रेड कराया की नहीं। अगर आपने नहीं का जवाब दिया तो इससे आप जालसाज के चंगुल में पूरी तरह से फंस गए हैं।

ऐसे होता है वाट्सएप हैक
- सबसे पहले कॉलर *४०१* के बाद दस डिजिट का नंबर प्त आपको मोबाइल में डालकर कॉल करने के लिए कहेगा।
- इस प्रोसेस के करते ही आपकी कॉल जालसाज के मोबाइल पर फारवर्ड हो जाएगी।
- प्रोसेस के पूरा होने पर जालसाज वाट्सएप को अपने फोन से क्रिएट करते हैं, यहां ओटीपी के लिए कॉल का ऑप्शन सेलेक्ट कर दिया जाता है।
- फॉरवर्ड कॉल होने की वजह से ओटीपी जालसाज के मोबाइल नंबर पर सेंड हो जाता है, इसके बाद वह ओटीपी इंटर करने के बाद वाट्सएप बना लेते हैं।
- फिर टू स्टेप वैरिफिकेशन कर लिया जाता है, इसके बाद आपके वाट्सएप के सभी ग्रुप जालसाजों के मोबाइल पर आ जाता है।

ऐसे होता है ठगी का खेल
-जालसाज पहले आपके मोबाइल नंबर से फेसबुक, इंस्टाग्र्राम समेत अन्य सोशल साइट से आपकी डिटेल खंगालते हैं।
-आपके वाट्सएप पर मौजूद गु्रप से चुनिंदा मोबाइल नंबर निकालकर उन्हें मैसेज करते हैं और अर्जेंट में पैसा मांगते हैं।
- आपका मोबाइल नंबर आपके अपनों के पास जाने से अगले को यकीन हो जाता है कि आपको सच मे पैसों की जरूरत है।
- जालसाजों के द्वारा मांगे पैसों को कई बार लोग फोन कर चेक कर लेते हैं, लेकिन कई लोग बिना कुछ सोचे समझे पैसे दे देते हैं।

ऐसे करें बचाव
- अगर आपसे कोई पैसा मांगे तो एक बार कॉल कर जरूर पूछें।
- फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत अन्य पर स्टेटस लगाकर अपनों को जानकारी दें।
- किसी अंजान के कहने पर ऐसा कोई नंबर डायल न करें।
- बिना जरूरत के किसी एप को अपने मोबाइल में इंस्टाल करने से बचें।
- वाट्सएप हैक होता है तो सबसे पहले पुलिस को सूचित करें।
- अपनों को फोन कर इसके बारे में जानकारी दें और कहें कि कोई पैसा मांगे तो मना करें।

वाट्सएप का इस्तेमाल सभी करते हैं, लेकिन अगर अलर्ट नहीं रहते हैं तो यह हैक हो सकता है। इससे बचने के लिए किसी के कहने पर कोई भी कोड अपने मोबाइल नंबर से न डायल करें।
राहुल मिश्र, साइबर एक्सपर्ट, यूपी पुलिस