लखनऊ (ब्यूरो)। ठाकुरगंज इलाके में सोमवार रात कॉल गर्ल सप्लाई को लेकर दो सेक्स रैकेट संचालकों के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गई। इस लड़ाई में एक गैैंग ने दूसरे को फंसाने के लिए अपहरण और लूट की घटना को भी अंजाम दे दिया। लूट व किडनैपिंग जैसी गंभीर घटना को लेकर पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस ने जब चार आरोपियों की गिरफ्तार किया तो उसमें यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पूछताछ में उन्होंने बताया कि सेक्स वर्कर सप्लाई को लेकर एक-दूसरे के ग्राहक तोडऩे के चलते लूट और अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस दोनों सेक्स रैकेट संचालकों को गिरफ्तार कर इससे जुड़े लोगों के विषय में जानकारी जुटा रही है।

कार सवार युवक से की थी लूट

डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि सोमवार देर रात पीर बुखारा इलाके में कार सवार युवक और युवतियों को पिस्टल के बल पर मारपीट कर अगवा करने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में फैजान जानकीपुरम विस्तार, समद फैजुल्लागंज, ऐजाज फरीदीपुर और किशन यादव कन्नौज कालिका नगर का रहने वाला है। इनके पास से वादी से लूटे गए मोबाइल फोन, रुपये के अलावा देशी तमंचा भी बरामद हुआ है।

पीडि़त ने इच्जत के चलते दी थी लूट की सूचना

पूछताछ में सामने आया कि ये सभी सेक्स रैकेट से जुड़े हैं और एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के लिए ग्राहक के साथ लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। वादी ने इच्जत के चलते घटना की सही जानकारी नहीं थी। उसने कहा था कि मोहल्ला पीर बुखारा में कार सवार युवकों ने गाड़ी को ओवरटेक कर तमंचा दिखाकर लूटपाट की थी। उस समय उसके साथ उसकी महिला मित्र भी थीं, जबकि वे दोनों सेक्स वर्कर्स थीं।

फेक कॉल कर बुलवाई थीं युवतियां

ठाकुरगंज इंस्पेक्टर विकास राय के मुताबिक, गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। किशन ने पूछताछ में बताया कि फैजान भी शहर में सेक्स रैकेट चलाता है। इसको लेकर दोनों में वर्चस्व को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। फैजान ने उसको नीचा दिखाने के लिए एक अंजान नंबर से इंटरनेट कॉलिंग से संपर्क कर दो महिलाओं की बुकिंग की। इसके चलते दो युवतियों को वासु साहू नाम के युवक के पास भेजा। जहां फैजान ने अपने साथी समद और ऐजाज के साथ मिलकर वासु से मारपीट कर अगवा किया और फिर बीकेटी के पास ले जाकर छोड़ दिया।

2000 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए

पुलिस के मुताबिक, घटना का खुलासा करने के लिए सर्विलांस टीम, सीसीटीवी चेकिंग टीम और ग्राउंड सर्विलांस टीम का गठन किया गया था। तीनों टीमों ने सीडीआर के साथ दुबग्गा से बीकेटी तक के लगभग 2000 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को चेक कर घटना से जुड़ी जानकारी जुटाई। जिसके आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।