लखनऊ (ब्यूरो)। अगर किसी को तीन सप्ताह से अधिक मुंह में दर्द या दर्द रहित छालों के अलावा जबान में दर्द, मुंह से बदबू आना जैसे लक्षण नजर आ रहे हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि यह माउथ कैंसर होने का लक्षण हो सकता है। ऐसे में बिना लापरवाही किए अपना ट्रीटमेंट डॉक्टर के परामर्श के साथ शुरू करना चाहिए। यह जानकारी केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के 111वें स्थापना दिवस के तहत आयोजित हो रहे चार दिवसीय व्याख्या की श्रंृखला के पहले दिन एचओडी प्रो। अभिनव अरुण सोनकर ने दी।

80 फीसदी मामले देरी से आते हैं

प्रोग्राम के दौरान सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो। विजय कुमार ने बताया कि देर से इलाज शुरू होने के कारण कैंसर मरीजों को बचाना बेहद मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में करीब 80 फीसदी और शहरी क्षेत्रों से करीब 30 फीसदी कैंसर मरीज देरी से अस्पताल पहुंचते हैं। वहीं, जनरल सर्जरी विभाग के डॉ। पारिजात सूर्यवंशी ने बताया कि भारत में तंबाकू का सेवन अधिक होने के कारण माउथ कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं। मुंह के कैंसर में सर्जरी ही सबसे बेहतर इलाज है। इसलिए समय रहते ही डॉक्टर की सलाह लेकर इसे कराना चाहिए, जिससे काफी हद तक मरीजों को फायदा मिलता है।

दो साल अतिरिक्त सर्तकता बरतें

वहीं, डॉ। गीतिका नंदा ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले आज भी काफी देर से पता चलते हैं। इसकी वजह से बीमारी का इलाज करना मुश्किल होता है। वहीं, रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि एक बार कैंसर ठीक होने के बाद दो साल में दोबारा हो सकता है। इसलिए इन दो साल में अतिरिक्त सतर्कता बरती जानी चाहिए। कैंसर की सर्जरी होने के बाद भी काफी मरीजों को सिंकाई की जरूरत पड़ती है। इसलिए घाव भरने के तुरंत बाद से अधिकतम छह सप्ताह में सिंकाई शुरू कर देनी चाहिए। ऐसे में अपने डॉक्टर के संपर्क में लगातार बने रहना चाहिए। कोई भी समस्या होने पर तत्काल परामर्श लेना चाहिए।