- पिछले साल 87.66 फीसदी था पासिंग परसेंटेज

LUCKNOW :

प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद बोर्ड एग्जाम के शुरू होते ही नकल माफिया पर की गई कार्रवाई का असर रिजल्ट साफ तौर पर देखने को मिला। यूपी बोर्ड की रिजल्ट में इस बार पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इस साल एग्जाम छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। ओवरआल पासिंग प्रतिशत पिछले साल की तुलना में करीब साढ़े छह फीसदी नीचे आया है। हाईस्कूल में यह अंतर करीब छह फीसदी का है।

पिछले दो साल से यूपी बोर्ड रिजल्ट घोषित करने के मामले में आईएसई और सीबीएसई से आगे निकल गया था। इस साल विधानसभा चुनाव के चलते परीक्षाएं देर से शुरू हुई। जिससे बोर्ड अपना रिजल्ट घोषित करने में पिछड़ गया। माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक अमरनाथ वर्मा ने बताया कि इस साल इंटरमीडिएट में कुल 82.62 फीसदी छात्र सफल रहे। पिछले साल सफलता का प्रतिशत 87.99 फीसदी था। इस साल 77.16 फीसदी छात्र सफल हुए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 84.35 फीसदी था। पिछले साल छात्राओं की सफलता का प्रतिशत 92.48 था जो इस साल घटकर 88.80 पर आ गया। हाईस्कूल का रिजल्ट पिछले साल 87.66 फीसदी था जो इस साल घटकर 81.18 फीसदी पहुंच गया। इस साल हाईस्कूल में 76.75 फीसदी छात्र सफल हुए जबकि पिछले साल उनकी सफलता 84.82 फीसदी थी। पिछले साथ 91.11 फीसदी छात्राएं सफल हुई थीं जबकि इस साल उनकी सफलता का प्रतिशत 86.50 है।

एग्जाम छोड़ा

हाईस्कूल 4,03,019

इंटरमीडिएट 1,324,75

बाक्स

हाईस्कूल में कॉमर्स, इंटर में साइंस का जलवा

इस बार इंटरमीडिएट में साइंस के स्टूडेंट्स का जलवा रहा तो कॉमर्स के स्टूडेंट्स ने साइंस को पछाड़ा। हाईस्कूल में कॉमर्स के छात्र 94.22 फीसदी रिजल्ट के साथ टॉप पर रहे तो कृषि भाग-2 के स्टूडेंट्स ने 94.15 फीसदी रिजल्ट के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। 86.60 फीसदी रिजल्ट के साथ व्यावसायिक विषयों के स्टूडेंट्स तीसरे स्थान पर रहे। मानविकी के 84.11, साइंस के 80.82 फीसदी स्टूडेंट्स सफल घोषित किए गए हैं। इंटरमीडिएट में टॉप टेन के सभी छात्र साइंस स्ट्रीम के हैं। बता दें कि टॉप टेन पोजीशन कुल 87 स्टूडेंट्स के बीच शेयर हुई है।