हाईस्कूल

इंजीनियरिंग करना चाहता हूं : आदर्श

- 92.2 प्रतिशत

यूपी बोर्ड हाईस्कूल में एलपीएस के आदर्श शुक्ला ने 92.2 प्रतिशत हासिल कर सिटी में टॉप किया है। पिता की मृत्यु के बाद मां और मामा ने पढ़ाई का भार उठाया। आदर्श शुक्ला ने बताया कि मैं अपने मां को हर खुशी देना चाहता हूं वो चाहती हैं कि पढ़ लिखकर मैं अच्छी जॉब करुं। आदर्श ने बताया कि अच्छे नंबर लाने का मंत्र एकाग्र होकर पढ़ाई करना है। कभी भी मैंने रटा नहीं बस हमेशा तीन से चार घंटे ही पढ़ाई की मगर एकाग्र होकर। आगे मुझे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाना है।

2.अनामिका यादव - 90.8 प्रतिशत

टाइम टेबल फॉलो कर पाई सफलता

हाईस्कूल में 90.8 प्रतिशत के साथ नाम रोशन करने वाली अनामिका यादव इंजीनियर बनकर देश का और अपने माता पिता का नाम रोशन करना चाहती है। अनामिका ने बताया कि मैं हमेशा से तीन से चार घंटे पड़ती थी एग्जाम के समय मैंने कोई स्पेशल तैयारी नहीं की। बस पूरे साल का टाइम टेबल फॉलो किया। मैं ज्यादातर रात में ही पढ़ाई करती थी रात के समय सुकून बहुत होता था जिसकी वजह से एकाग्रता के साथ पढ़ाई हो जाती थी।

3. अनूप कुमार - 90 प्रतिशत

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना सपना

हाई स्कूल में 90 प्रतिशत हासिल करने वाले अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते है। अनूप के पिता एक देवरिया गहीला में किसानी करते हैं। अनूप ने कहा कि वो सेल्फ स्टडी करने के साथ प्रतिदिन करीब 6 घंटे तक पढ़ाई करते था। साथ ही अगर किसी भी सब्जेक्ट में कंफ्यूजन होता था तो दूसरे दिन टीचर से पूछता जरूर था। किसी भी चीज का कंफ्यूजन नहीं रखता था।

4. श्रृष्ठि कश्यप - 90.2 प्रतिशत

जब मूड करता था तभी पढ़ती थी

पढ़ाई के दौरान जब लगता था कि मूड नहीं है तो मैं पढ़ाई नहीें करती थी। जब मूड होता था तभी पढ़ाई करती थी। श्रृष्टि कश्यप ने कहा कि वो सीए बनना चाहती है। मैंने कोई स्पेशल तैयारी नहीं की बस रेगुलर पढ़ाई की और हर सब्जेक्ट को समय समय पर रिवाइज करती रहती थी जिससे वो फ्रेश रहते थे उसके अलावा टीचरों ने बहुत हेल्प की।

5. अखिलराज श्रीवास्तव 90.5 प्रतिशत

हाईस्कूल में 90.5 प्रतिशत लाने वाले अखिलराज श्रीवास्तव का सक्सेस मंत्र रेगुलर पांच घंटे की पढ़ाई है। अखिलराज ने बताया कि मैं इंजीनियर बनना चाहता हू। उसी के लिए मैं अभी से मेहनत कर रहा हूं। मैं हमेशा से टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करता हूं।

यूपी बोर्ड इंटर

आकृति राज - 94.4 प्रतिशत

आईएएस बनना चाहती हैं आकृति

सिटी टॉप करने वाली आकृति राज ने बताया कि वो आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं। उन्होंने कहा रेग्यूलर स्टडी करने से यह मुकाम हासिल हुआ है। डेली मैं पांच से छह घंटा पढ़ाई करती थी। साथ ही कोर्स को रिवाइज को करती रहती थी जिससे एग्जाम के समय ज्यादा याद नहीं करना पड़ा बस रिवाइज ही करना पड़ा। इसके अलावा टीचर्स ने मेरा बहुत सपोर्ट किया जब कुछ नहीं समझ आता था तो जब तक समझ नहीं लेती थी तब तक टीचर का पीछा नहीं छोड़ती थी। अब मुझे आगे की तैयारी करनी है।

तुषा सिंह- 93.8 प्रतिशत

हर सब्जेक्ट पर दिया बराबर ध्यान

यूपी बोर्ड के इंटर में 93.8 प्रतिशत नंबर लाकर शहर का गौरव बढ़ाने वाली तुषा सिंह ने अपने सक्सेस का राज समय का सही उपयोग को बताया। उन्होंने बताया कि मैं हर सब्जेक्ट को बराबर का समय देती थी ऐसा नहीं था कि यह सब्जेक्ट इजी है तो इसको कम समय दूं। इसके अलावा टाइमिंग का बहुत ख्याल रखती थी। मैं अक्सर रात के समय पढ़ाई करती थी। उस वक्त एकाग्र होकर अच्छे से पढ़ाई हो जाती थी। अब नीट की तैयारी करनी है और डॉक्टर बनना है। उन्होंने कहा कि शुरु से ही मेरा डॉक्टर बनने का लक्ष्य था।

वैशाली सिंह- 93.6 प्रतिशत

डॉक्टर बनकर सेवा करूंगी

वैशाली ने बताया कि वो डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है। इंटर में अच्छे नंबर से पास होने के बारे में उन्होनें बताया कि मैंने एग्जाम के समय ही नहीं पढ़ाई की जबकि जब कोर्स स्टार्ट हुआ था तबसे लेकर आखिर तक टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करती रही। इस तरह कभी लगा ही नहीं कि यह कोर्स ज्यादा हो गया। इसका बहुत प्रेशर है। इसके अलावा सेल्फ स्टडी करके पढ़ाई की। अगर कभी कोई परेशानी हुई तो टीचर से डिस्कस कर लेती थी।

प्रतीक कुमार- 91.4 प्रतिशत

डिफेंस फील्ड में जाने का मन

प्रतीक कुमार ने बताया कि टीचर का सपोर्ट और खुद की रेगुलर स्टडी के दम पर आज मैंने यह मुकाम हासिल किया है। सक्सेस का एक ही मंत्र है निरंतर अभ्यास। अगर आप समय के साथ निरंतर अभ्यास करते हैं तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि मेरा सपना डिफेंस ज्वाइन करना है। इसके लिए मैं एनडीए व सीडीएस की तैयारी कर रहा हूं।

पल्लवी यादव, 93.8 प्रतिशत

इंजीनियरिंग फील्ड में जाने का मन

मैंने अपनी पढ़ाई का टाइम तय कर लिया था, रेग्यूलर स्कूल जाती थी और सेल्फ स्टडी पर पूरा फोकस था। हर सब्जेक्ट को मैंने बराबर समय दिया। टाइम मैनेजमेंट के जरिए मुझे यह मुकाम मिला। मेरा आगे का लक्ष्य इंजीनियरिंग करना है। एकेटीयू की ओर से एसईई में 1033 रैंक मिली है।

सिमरन चौधरी, 92.20 फीसद

टाइम मैनेजमेंट से मिली सफलता

मैं रोजाना 4 से 5 घंटे की पढ़ाई करती थी। इसके अलावा हमेशा टीचर्स से पूछा करती थी। मेरे टीचर्स ने बहुत हेल्प की। सेल्फ स्टडी और टाइम मैनेंजमेंट मेरी सफलता का राज है। रात के समय मैं ज्यादा स्टडी करती थी क्योकि उस समय एकाग्रता के साथ पढ़ाई हो जाती थी। अब मेरा आगे का लक्ष्य बैकिंग सेक्टर में करियर बनाना है।