लखनऊ (ब्यूरो)। पीरियड्स के दौरान महिलाएं आज भी बड़ी संख्या में सेनेटरी पैड की जगह कपड़े का ही इस्तेमाल कर रही हैं, जबकि ऐसा न करने को लेकर तमाम जागरूकता अभियान चलाए जाते रहते हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-21 के अनुसार, पीरियड्स के दौरान देश की 15-24 वर्ष की 50 फीसदी लड़कियां कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। वहीं, राज्यों की बात की जाये तो उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक 69.4 फीसदी लड़कियां कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। इसके बाद असोम में 69.1 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 68.6 फीसदी लड़कियां कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं। वहीं, डॉक्टर्स का कहना है कि जागरूकता की कमी और पैसों का अभाव इसका बड़ा कारण हो सकता है।

शहर के मुकाबले गांव में समस्या ज्यादा

क्वीन मेरी की एचओडी डॉ। एसपी जैसवार के मुताबिक, सेनेटरी पैड को लेकर आज भी लड़कियों और महिलाओं में जागरूकता की कमी है। आज भी लोग पुराने जमाने की तरह कपड़ा ही यूज कर रहे हैं। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे-पैड न खरीद पाना, घर से बाजार की दूरी, बाजार में उपलब्ध न होना, पैसों की कमी, नुकसान को लेकर अवेयरनेस न होना। यह समस्या शहर के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखने को मिलती है।

साफ पैड का करें इस्तेमाल

डॉ। जैसवार के मुताबिक, इंफेक्शन अगर जेनिटल ट्रैक्ट में होगा तो इससे बच्चेदानी में सूजन, बच्चेदानी में नली बंद होना, गर्भधारण में दिक्कत आदि समस्या हो सकती हैं। ऐसे में घर पर सूती कपड़ों का पैड बनाकर इस्तेमाल उसे साबुन-पानी से अच्छे से धोकर और धूप में सुखाकर किया जा सकता है। इस्तेमाल के बाद इसे गड्ढे में दबा दें। हम स्कूल प्रोग्राम और ओपीडी में लड़कियों और महिलाओं को हाइजीन को लेकर जागरूक कर रहे हैं।

बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा

क्वीन मेरी की डॉ। सुजाता देव ने बताया कि अज्ञानता और पैसे बचाने के चलते महिलाएं कई बार पीरियड्स के दौरान सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग नहीं करती हैं। वे कपड़े का प्रयोग करना ही बेहतर समझती हैं। यह उन्हें आसान भी लगता है। हालांकि, कपड़ा गंदा रहने से महिलाएं कई तरह के संक्रमण की गिरफ्त में आ जाती हैं। योनि में खुजली, पीला गाढ़ा स्राव, कभी-कभी हरे रंग के पानी का स्राव भी उनकी परेशानी का सबब बन जाता है। इस तरह के संक्रमण के बार-बार होने से कई बार महिलाएं बांझपन जैसी बीमारियों की भी शिकार हो जाती हैं।

सैनिटरी नैपकिन उपयोग नहीं करने के कारण

-जानकारी का अभाव

-संकोच

-उपलब्धता न होना

-धन की कमी

-डिस्पोजल की समस्या

राज्य प्रतिशत

यूपी 69.4

असोम 69.1

छत्तीसगढ़ 68.6

बिहार 67.5

एमपी 64.8

मणिपुर 63.9

यह समस्या शहर के मुकाबले गांव में ज्यादा देखने को मिलती है। जागरूकता की कमी इसकी बड़ी वजह है। इसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

-डॉ। एसपी जैसवार, एचओडी, क्वीन मेरी