लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता को बेहतर, स्वच्छ बनाने के लिए साथ ही प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण के लिए नगर विकास विभाग की ओर से लखनऊ समेत सभी शहरों में ट्रिपल सी मॉडल लागू किया जा रहा है। इसके लिए एक दर्जन से अधिक संस्थाओं को नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल किया गया है।

यह है कार्ययोजना

नगर विकास विभाग ने ट्रिपल सी मॉडल के तहत नगरों का विकास करने की एक कार्ययोजना बनाई है। ट्रिपल सी मॉडल यानी कोलैब्रेशन, कोऑर्डिनेशन एवं कोऑपेरशन। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बताया कि उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग ने ट्रिपल सी मॉडल के अंतर्गत 14 अलग-अलग कार्यक्षेत्र की संस्थाओं को नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल किया है। ये संस्थाएं नगर विकास विभाग के अमृत मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन आदि के साथ काम करेंगी।

कूड़ा प्रबंधन बड़ी चुनौती

प्रमुख सचिव नगर विकास ने कहा कि शहरों में कूड़ा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। शहरों को कूड़ा मुक्त करने के लिए नगर विकास विभाग ने जीआईजेड को नॉलेज पार्टनर बनाया है। ये कंपनी स्वच्छ भारत मिशन के तहत कूड़ा प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ बेहतर कूड़ा प्रबंधन की सफल स्टोरीज को लोगों को सामने लाएगी। कूड़ा प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों का बेहतर ढंग से प्रशिक्षण, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और अन्य गैर बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन पर राज्य स्तरीय दिशानिर्देश विकसित करने आदि का कार्य करेगी।

जवाबदेही तय होगी

प्रमुख सचिव के मुताबिक, शहरों में स्वच्छ जल एवं पर्यावरण के लिए जिम्मेदारों की जवाबदेही तय होगी। नगर विकास विभाग ने इसके लिए सीएसई संस्था को नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल किया है। ये संस्था राष्ट्रीय और राज्य स्तर के स्वच्छता कार्यक्रमों जैसे स्वच्छ भारत मिशन शहरी, अमृत मिशन, नमामि गंगे आदि से संबंधित शहरी जल एवं स्वच्छता कार्यक्रमों के अंतर्गत जवाबदेही के घटकों का निर्माण करेगी। नदी जल गुणवत्ता निगरानी, भूजल गुणवत्ता परीक्षण, सीवेज उपचार संयंत्रों की निगरानी सहित अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी।

जांच का कार्य करेगी संस्था

नगरों के विकास में प्रशासनिक स्तर पर विषयों की मॉनिटरिंग, अप्रूवल सहित स्थानीय योजनाओं के निर्माण में तेजी से विकास कार्यों की शीघ्रता सुनिश्चित हो पाती है। इसी के अंतर्गत नगर विकास विभाग ने आरसीयूईएस संस्था के साथ एमओयू साइन किया है। ये संस्था शहरों में स्थानीय योजना, डिजाइन, खरीद, कार्यान्वयन और प्रबंधन सहित परियोजनाओं की कैपेसिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

निकायों की क्षमता बढ़ाना जरूरी

नगरों के विकास के लिए स्थानीय निकायों की क्षमता बढ़ाना अतिआवश्यक है। इसके लिए नगर विकास विभाग ने एआईआईएलएसजी संस्था के साथ पांच साल के लिए एमओयू साइन किया है। ये संस्था शहरों में स्थानीय योजना बनाने, उनके डिजाइन तैयार करने में अमृत मिशन के तहत मदद करेगी। संस्था नगरों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के मूल्यांकन का कार्य करेगी।

वित्त प्रबंधन को लेकर भी जागरूक करेंगे

नगरों के विकास में वित्त प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि विकास के लिए समय से वित्त का प्रबंधन आवश्यक है, तभी लक्ष्य के सापेक्ष विकास कार्य पूरा हो सकते हैं। नगर विकास विभाग ने बेहतर वित्त प्रबंधन के लिए प्रजा संस्था के साथ एमओयू किया है, जो नगरपालिका वित्त, संपत्ति कर, वित्तीय निर्वाह और आत्मनिर्भरता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेगी एवं गुणात्मक सुधार का कार्य करेगी। इसके साथ ही जनाग्रह संस्था के साथ पांच साल के लिए एमओयू साइन हुआ है, जो गवर्नमेंट सिस्टम में तमाम गतिविधियों के लिए टेक्निकल सपोर्ट मुहैया कराएगी।

शहरी विकास के लिए रणनीति का निर्माण

प्रदेश के नगरों में जलवायु के अनुकूल और टिकाऊ शहरी विकास के लिए शहरी हितधारकों द्वारा आवश्यक तकनीकी जानकारी और प्रमुख कौशल को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए नगर विकास विभाग ने टेरी संस्था के साथ एमओयू साइन किया है। ये संस्था शहरों में एकीकृत शहरी जल प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं बिजली सहित अन्य कार्यों को लेकर प्रशिक्षण के माध्यम से शहरी लोकल बॉडीज के कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने का कार्य करेगी।

परिवहन व्यवस्था को बेहतर करने का लक्ष्य

शहरों में बेहतर परिवहन व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है। बढ़ती आबादी के साथ परिवहन व्यवस्था बेहतर करने की प्लानिंग न होना एक बड़ी चुनौती है। परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये नगर विकास विभाग ने सीईईडब्ल्यू संस्था के साथ एमओयू साइन किया है, जो परिवहन प्रणाली के लिए नीतियां तैयार करेगी एवं उनको लागू करवाने में सहयोग करेगी। इसके साथ ही डब्ल्यूआरआई संस्था ट्रैफिक सिस्टम सतत रूप से चलने को लेकर सुझाव प्रदान करेगी।

एयर क्वालिटी सुधारने के लिए सुझाव

शहरों के तेजी से विकास के साथ वहां के निवासियों का स्वास्थ्य भी ठीक रहे इसकी मॉनिटरिंग भी नगर विकास विभाग की ओर से किया जाएगा। नगर विकास विभाग ने एयर पॉल्यूशन की जानकारी के लिए और उसके समाधान के लिए एपीएजी संस्था के साथ एमओयू किया है। ये संस्था मोबाइल ऐप डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर केंद्रित सर्वेक्षणों के माध्यम से शहर की सीमा के भीतर एयर पॉल्यूशन स्रोत की पहचान करेगी। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगी कि संबंधित अधिकारियों द्वारा एक सहमत एसओपी के अनुसार उनका उचित समाधान किया जाए।

ताकि पब्लिक को मिले बेहतर सेवाएं

शहरों में रह रहे आम जनमानस को सरकारी सेवाओं की बेहतर और डिजिटली जानकारी आसानी से मिल जाये। ये भी नगरीय विकास का एक महत्वपूर्ण पार्ट है। नगर विकास विभाग ने सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए एक संस्था के साथ एमओयू किया है। ये संस्था नगर विकास से जुड़ी सभी योजनाओं को ऑनलाइन माध्यमों से लोगों तक पहुंचाने में सहयोग करेगी।

एआई से होगी नदियों की सफाई

प्रमुख सचिव नगर विकास ने बताया कि शहरों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से नदियों की सफाई, जलवायु निगरानी, प्लांट हेल्प इत्यादि के क्षेत्र में कार्य किए जाने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा सीआईपीएससी संस्था के साथ एमओयू किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से सफाई में वायु प्रदूषण बिल्कुल नहीं होगा और किसी मैनपावर की भी आवश्यकता नहीं होगी। ये रोबोटिक टेक्नोलॉजी प्लास्टिक कचरे का भी पता कर लेगी।