लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी पूर्वी ह्रदेश कुमार ने बताया कि असलम मूलरूप से बांग्लादेश के बुरसल के पंडरिया का रहने वाला है। अक्टूबर 2021 में पुलिस ने गोमतीनगर सहारा फ्लाईओवर के पास असलम के साथी हमजा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। हमजा भी बांग्लादेश का रहने वाला था। असलम के पास से आधार कार्ड, श्रम कार्ड, टीकाकरण प्रमाण पत्र, हेल्थ कार्ड और 2174 रुपये बरामद किए गए हैं।

कई साल से दिल्ली में रह रहा था
एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि असलम कई साल से दिल्ली में रह रहा था। उसने दिल्ली के पते पर आधार कार्ड भी बनवा लिया था। दो दिन पहले लखनऊ आया था। शुक्रवार को गोसाईगंज स्थित जेल में बंद साथी रवीबुल और बिलाल से मिलने गया था पर मुलाकात नहीं हो सकी। वहां से वह लौट रहा था। इस बीच रात को शहीदपथ के पास मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच और चिनहट थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनिल कुमार पांडेय की टीम ने धर दबोचा।

रेप व हत्या को अंजाम देता था गैैंग
गिरोह के लोग वारदात के दौरान हत्या करने के साथ ही रेप तक करते थे। गिरोह के छह बांग्लादेशी अबतक जेल जा चुके हैं। जबकि चार फरार बांग्लादेशी नासिर उर्फ नसीर, नूल इस्लाम, सुमान और शाहीन फरार हैं। चारों की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।

ट्रेन से उतरने के बाद दो गुटों में बंट जाते थे
चिनहट थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि ये लोग पांच से छह के समूह में ट्रेन और हवाई जहाज से जाते थे। इसके बाद संबंधित शहर में पहुंचकर एक मुलाकात करते थे। रेलवे ट्रैक के आसपास जंगल एरिया में रुकते थे। दिन में रेकी कर रात को वारदात करते थे। वाराणसी, लखनऊ, राजस्थान, एमपी समेत कई राज्यों में डकैती की घटनाएं कर चुके हैं।

रेलवे ट्रैक के किनारे चलते थे
बांग्लादेशी गैैंग उन घरों को निशाना बनाता था जहां से रेलवे ट्रैक करीब हो। वह वारदात को अंजाम देने के लिए रेलवे ट्रैक से पैदल आते थे और वारदात के बाद रेलवे ट्रैक के रास्ते किसी भी छोटे स्टेशन पर पहुंच कर ट्रेन के जरिए वह दूसरे शहरों में भाग जाते थे। कुछ दिन रहकर फिर अटैक करते थे। एक बार में वह तीन से चार वारदात को अंजाम देकर शहर छोड़ देेते थे।