लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने सोमवार को विधि अनुभाग से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक की। इसमें पाया गया कि बड़ी संख्या में न्यायालय में प्रचलित वादों में प्राधिकरण की तरफ से शपथ पत्र दाखिल नहीं किये गये हैं। इस पर वीसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई। समीक्षा में लापरवाही उजागर होने पर उपाध्यक्ष ने गोमती नगर क्षेत्र में अर्जन का कार्य देखने वाले सर्वेयर दिलीप कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वीसी ने सभी प्रकरणों में एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र योजित करने का अल्टीमेटम दिया है। इसमें लापरवाही पाये जाने पर संबंधित का वेतन रोकने के आदेश जारी किये गये हैं।

कमजोर होता है प्राधिकरण का पक्ष

बैठक के दौरान वीसी द्वारा न्यायालय में प्रचलित वादों की अनुभाग वार समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि प्रवर्तन अनुभाग के 189, अर्जन अनुभाग के 173, अभियंत्रण अनुभाग के 117 तथा सम्पत्ति अनुभाग से सम्बंधित 91 प्रकरणों में न्यायालय में प्राधिकरण की तरफ से शपथ पत्र ही नहीं योजित किये गये हैं। जिससे कि न्यायालय में प्रचलित इन वादों में प्राधिकरण का पक्ष कमजोर होता है। इस पर वीसी ने नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई।

मिल सकती थी जमीन

वीसी ने अर्जन अनुभाग के सभी अमीनों को मीटिंग हॉल में बुलाकर अलग-अलग प्रकरणों में रिपोर्ट तलब की तो पता चला कि कई वाद ऐसे हैं, जिनमें प्रभावी पैरवी करने से प्राधिकरण को करोड़ों रुपये की जमीन मिल सकती है। इस पर वीसी ने प्रभारी अर्जन एसडीएम शशिभूषण पाठक को निर्देश दिये कि इन सभी प्रकरणों में एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दाखिल हो जाने चाहिए। इसी तरह अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अपने अनुभाग से संबंधित प्रकरणों में एक सप्ताह के अंदर न्यायालय में शपथ पत्र योजित करने का अल्टीमेटम दिया गया है। वीसी ने आदेश जारी किये कि अगले सप्ताह पुन: इन प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। इसमें लापरवाही पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रवृष्टि देने के साथ ही उनका मासिक वेतन आहरित नहीं किया जाएगा। बैठक में अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, मुख्य विधि परामर्शदाता संजय कुमार शुक्ला, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, विशेष कार्याधिकारी प्रिया सिंह, रामशंकर आदि मौजूद रहे।