लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया हादसे के बाद अपना सबकुछ खो चुके पीडि़तों ने बिल्डर पर कई संगीन आरोप लगाये हंै। घायलों के अनुसार बिल्डर ने सही से मेनटेनेंस नहीं किया और अवैध तरीके से पार्किंग का काम किया। पानी की निकासी का सही इंतजाम न होना और नींव कमजोर बनाना आदि इस हादसे का कारण लोगों ने बताया। घायलों की सरकार से अपील है कि उनको मुआवजा दिया जाये और बिल्डर के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये।

बिल्डर अक्सर धमकाता था

घायल रंजना अवस्थी ने बताया कि 2010 में रजिस्ट्री करवाने के बाद सबसे पहले फ्लैट में रहने आई थी। ऊपर वाले ने हमें बचाया वर्ना बिल्डर ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। बिल्डिंग में गलत तरह से काम कर रहे थे, मैने विरोध किया तो मुझे धमकाया गया। सपा पार्टी से जुड़े होने का रौब दिखाया जाता था। पार्किंग में अक्सर लड़ाई होती थी। मुझ अकेली महिला को परेशान किया करते थे। बिल्डिंग की कोई मैनटेनेंस नहीं करते थे। लिफ्ट भी अक्सर गिर जाती थी। सरकार से मुआवजा चाहिए। मेरी पूरी गृहस्थी चली गई। लड़की की शादी करनी थी लेकिन अब वो कैसे होगी यह चिंता सता रही है।

गंदा पानी जम जाता था

घायल नसरीन के बेटे अब्बास हैदर ने बिल्डर पर आरोप लगाते हुए बताया कि बिल्डिंग का जो भी वेस्ट पानी होता था, वो अक्सर पिलर के पास आकर भर जाता था। कई बार इसको लेकर कम्प्लेन की लेकिन, कोई सुनवाई नहीं होती थी। हम लोगों ने आपस में मिलकर सफाई करवाई। वहां अक्सर पानी और गंदगी रहती थी। बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

पांच मिनट में बिल्डिंग गिर गई

चौथे फ्लोर पर अफरीन फातिमा के घर पर काम करने वाली शाहजहां ने बताया कि मैं चाय बना रही थी। किचन के ऊपर से अचानक चट-चट की तेज आवाज आने लगी। जैसे कोई शीशा टूट रहा हो। फिर हम ऊपर की ओर देखने लगे और मालकिन से बोले कि भाभी कुछ टूट रहा है। लेकिन, कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। फिर करीब पांच मिनट के बाद अचानक से पूरी बिल्डिंग तेज आवाज के साथ गिरने लगी। करीब 12 घंटे के बाद हमे रेस्क्यू करके सुबह करीब 6 बजे लाया गया। अल्लाह का शुक्र है कि हम दोनों बच गये है। कोई ज्यादा चोट नहीं आई है।