लखनऊ (ब्यूरो)। ईकोग्रीन को टर्मिनेशन नोटिस जारी करने के निर्देश के बाद नगर निगम ने घरों से वेस्ट कलेक्शन के लिए वेंडर्स तो लगा दिए हैैं, लेकिन सभी इलाकों तक अभी यह सुविधा नहीं पहुंची है। जिसकी वजह से भवन स्वामियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उम्मीद है कि होली के बाद ही वेंडर्स संबंधी व्यवस्था से अधिक से अधिक इलाकों को जोड़ा जा सकेगा।

ईकोग्रीन को जारी हुआ है नोटिस

हाल में ही मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब ने निगम प्रशासन को ईकोग्रीन कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैैं। हालांकि, इस नोटिस के काफी पहले से ही कंपनी ने वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था लगभग ठप कर दी थी। जिसकी वजह से लोगों को इधर-उधर वेस्ट डालने को मजबूर होना पड़ रहा था। जिसके बाद नगर निगम की ओर से वेंडर्स को वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था में लगाया गया है। वहीं, नगर निगम टीमों को भी तीन जोन में वेस्ट कलेक्शन के लिए लगाया गया है। इसके बावजूद शत प्रतिशत घरों से वेस्ट कलेक्ट नहीं हो रहा है।

अभी राहत की नहीं है उम्मीद

भले ही यह भी तय किया जा चुका हो कि वेस्ट कलेक्शन के लिए नई कंपनी का चयन किया जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी होने में अभी खासा समय लगेगा। दूसरी तरफ, जब तक ईकोग्रीन कंपनी का अनुबंध समाप्त नहीं हो जाता, तब तक नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती। इसको लेकर भी निगम प्रशासन के अधिकारी मंथन कर रहे हैैं।

प्राइवेट कर्मचारियों को दे रहे कूड़ा

इंदिरानगर, गोमतीनगर, आलमबाग समेत कई इलाकों में भवन स्वामियों की ओर से प्राइवेट कर्मचारियों को वेस्ट दिया जा रहा है। पहले तो नगर निगम ने इन कर्मचारियों को ईकोग्रीन से ही कनेक्ट कर दिया था, लेकिन अब ये फिर से स्वत: काम करने लगे हैैं। हालांकि, इनके द्वारा वेस्ट लिए जाने से लोगों के घरों में वेस्ट के ढेर नजर नहीं आ रहे हैैं, वरना स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती।

नए संसाधन बढ़ाने पर फोकस

निगम प्रशासन की ओर से शत प्रतिशत घरों से वेस्ट कलेक्ट करने के लिए नए संसाधन बढ़ाने पर भी फोकस किया जा रहा है। इसमें मैन पावर बढ़ाए जाने के साथ ही वेस्ट कलेक्शन गाडिय़ों की संख्या में भी इजाफा किया जाना शामिल है। वहीं, अगर नई कंपनी का चयन हो जाता है तो नए सिरे से वेस्ट कलेक्शन की रणनीति बनाई जाएगी।

जीपीएस ट्रैकिंग भी

निगम प्रशासन की ओर से अपने वेस्ट कलेक्शन वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग भी कराई जा रही है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि रोजाना कितने घरों और एरियाज से वेस्ट कलेक्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कितने ऐसे इलाके हैैं, जहां अभी तक वेस्ट कलेक्शन नहीं हुआ है।