लखनऊ ब्यूरो: सुनो जी, पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम आसमान पर पहुंच गए हैैं। सब्जी, फल से लेकर कपड़े प्रेस कराना तक महंगा हो गया है। पड़ोस वाली भाभी बता रहीं थी कि कल वे रेस्टोरेंट में खाना खाने गई थीं, वहां भी बिल पहले से अधिक आया है। कॉमर्शियल गैस सिलिंडर के रेट बढऩे से अब बाहर खाना खाना तक मुश्किल हो गया है। घर का भी बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। यह तो महज एक घर की तस्वीर है, लेकिन हकीकत यह है कि इस समय आम आदमी महंगाई के बोझ से दबा है। घरेलू यूज की चीजों से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक महंगाई की चपेट में हैैं। महंगाई के ग्राफ और उसके अलग-अलग माध्यमों पर पड़ते असर को पढ़ें इस स्पेशल रिपोर्ट में।।।

पेट्रोल के दाम

दिन रेट

5 अप्रैल 104.45 प्रति लीटर

4 अप्रैल 103.65 प्रति लीटर

3 अप्रैल 103.25 प्रति लीटर

2 अप्रैल 102.45 प्रति लीटर

1 अप्रैल 101.66 प्रति लीटर

नोट- वर्तमान में पेट्रोल का रेट राजधानी में 105.25 रु। प्रति ली।

विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही उम्मीद जताई जा रही थी कि पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे और ऐसा ही हुआ। 22 मार्च से पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी शुरू हुई। यह शुरुआत 80 पैसे प्रति दिन बढ़ोत्तरी के हिसाब से शुरू हुई, जो 6 अप्रैल तक जारी रही। अभी तक 13 से 14 बार पेट्रोल के दामों में इजाफा देखने को मिला है। पिछले 17 दिनों में नौ रुपये के करीब बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

पेट्रोल के दामों में आग

पेट्रोल के बढ़ते दामों का असर भी दिखाई देने लगा है। पहले जहां 500 रुपये में 5 लीटर पेट्रोल बाइक में डलता था, वहीं अब इतने रेट में 4.75 ली। पेट्रोल ही गाड़ी में पड़ रहा है।

ये हुआ है असर

1-कार शेयरिंग पर फोकस

बढ़ते पेट्रोल के दामों के कारण 5 फीसदी लोगों ने कार शेयरिंग शुरू कर दी है। वहीं जो लोग पहले तीन से चार किमी। जाने के लिए भी कार का यूज करते थे, वो अब बाइक से ये सफर तय कर रहे हैैं।

2-मेट्रो का सफर

जिन लोगों के ऑफिस हजरतगंज या मेट्रो रूट पर हैैं, वो लोग अब मेट्रो से सफर करन मुनासिब समझ रहे हैैं। इससे उनकी जेब कम ढीली हो रही है। जबकि पहले ये लोग कार से ऑफिस जाना पसंद करते थे।

पेट्रोल और डीजल के रेट बढऩे की वजह से कार शेयरिंग करना मजबूरी हो गई है। प्रयास यही कर रहे हैं कि कार का यूज कम से कम करें।

विवेक शर्मा, सर्विस पर्सन

पेट्रोल और डीजल के रेट बढऩे के कारण जेब पर अधिक भार पड़ रहा है। अब तो पेट्रोल के दाम 105 के आसपास पहुंच गए हैैं। ऐसे में सेविंग के लिए कार का यूज कम कर दिया है।

सैफ खान, एडवोकेट

रुला रहे डीजल के रेट

डीजल के दाम

दिन रेट

5 अप्रैल 96.03 प्रति लीटर

4 अप्रैल 95.21 प्रति लीटर

3 अप्रैल 94.81 प्रति लीटर

2 अप्रैल 94.01 प्रति लीटर

1 अप्रैल 93.20 प्रति लीटर

नोट- वर्तमान में डीजल के रेट-96.83 रु प्रति ली राजधानी में।

पेट्रोल के साथ-साथ 22 मार्च से डीजल के रेट में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। हर दिन 80 पैसे के आसपास रेट बढ़ रहे हैैं। पिछले 17 दिनों में डीजल के रेट में भी नौ रुपये से अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। जबकि 22 मार्च से पहले करीब साढ़े चार माह तक डीजल के रेट में बढ़ोत्तरी नहीं हुई थी।

ये दिख रहा असर

1-माल ढुलाई महंगी

बढ़ते डीजल की वजह से माल ढुलाई के रेट पर खासा इजाफा देखने को मिल रहा है।

माल ढुलाई रेट इस तरह समझें

- 50 से 70 रुपये प्रति किमी पहले रेट था बड़ी गाडिय़ों का

- 100 रुपये प्रति किमी तक पहुंच गया रेट

- 12 से 14 रुपये प्रति किमी रेट था छोटी गाड़ी का

- 18 रुपये तक रेट पहुंच गए हैैं वर्तमान समय में

टूर एंड ट्रैवल्स पर भी असर

- 6 से 10 हजार रुपये लगते थे कानपुर-लखनऊ तक की बस बुकिंग पर

- 15 से 17 हजार रेट पहुंच गए हैैं अब

- 2 से 3 रुपये प्रति किमी रेट बढ़े टूर एंड ट्रैवल्स में लगी छोटी गाडिय़ों के

सब्जी-फलों के दामों में इजाफा

डीजल के दामों में इजाफा होने से इसका सीधा असर सब्जी-फलों के दामों में भी देखने को मिल रहा है। पिछले 15 दिनों में सब्जी-फलों के दामों में 10 से 12 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है।

सब्जी भी हो गई महंगी

सब्जी दाम (किलो में)

आलू 20

प्याज 25

टमाटर 30 से 40

लौकी 50

बैैंगन 50 से 60

कटहल 80-100

मटर 80

शिमला मिर्च 100

लहसुन 120-140

नींबू 240

फलों के दाम एक नजर में

फल दाम (रु)

केला 50-60 रु प्रति दर्जन

संतरा 80-100 रु किलो

सेब 140-180 रु किलो

अंगूर 60-100 रु किलो

पपीता 40 रु किलो

तरबूज 30 रु किलो

खरबूजा 50-80 रु किलो

अनार 100-140 रु किलो

डीजल के रेट बढऩे की वजह से माल ढुलाई के रेट बढ़े हैैं। छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की गाडिय़ों के रेट में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही लगभग सभी रुट की ट्रैवलिंग व्हीकल बुकिंग का रेट भी बढ़ा है।

हसन मुरतुझा रिजवी, ट्रांसपोर्टर एवं टूर एंड ट्रैवल्स संचालक

पिछले दो सप्ताह से सब्जी और फलों के दामों में खासी उछाल देखने को मिल रही है। इस समय नींबू इत्यादि के रेट सबसे अधिक बढ़े हुए हैैं। इसके साथ ही संतरा, केले इत्यादि के दामों में भी इजाफा हुआ है।

मो। मिराज, सब्जी व फल विक्रेता

घर चलाना हुआ मुश्किल

यह बात सही है कि इस समय महंगाई चरम पर है। जिसकी वजह से घर का बजट बिगड़ गया है। सब्जी से लेकर फलों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैैं। तेल और रिफाइंड तो पहले से ही महंगा है।

डॉ। शिखा शर्मा

पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि का असर घरेलू यूज से जुड़ी चीजों पर दिखाई दे रहा है। सभी तरह के खाद्य पदार्थों के रेट बढ़ गए हैैं।

डॉ। सुगंधा अग्रवाल

सीएनजी ने भी बढ़ा दी टेंशन

एक तरफ जहां पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ 31 मार्च को सीएनजी की दरों में भी आठ रुपये 30 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है। इससे पहले दिसंबर में सीएनजी के रेट में ढाई रुपये के करीब बढ़ोत्तरी हुई थी। आज के सीएनजी रेट-80.80 रु। प्रति किलो

सीएनजी वृद्धि का असर

1-ऑटो और टेंपो संचालकों ने बढ़ाया किराया

सीएनजी के रेट बढऩे की वजह से ऑटो-टेंपो चालकों ने भी लगभग सभी रुटों पर किराया बढ़ा दिया है।

इस तरह बढ़ा है किराया

स्थान तय किराया वसूला गया

चारबाग से निशातगंज 20 रुपए 22 रुपए

चारबाग से कैसरबाग 15 रुपए 17 रुपए

चारबाग से हजरतगंज 10 रुपए 12 रुपए

नोट- अन्य रूट पर भी इसी तरह वसूला गया बढ़ा किराया।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी कर रहा परेशान

सिटी बस का भी बढ़ेगा किराया

सीएनजी के दाम बढऩे से सिटी बस प्रबंधन भी सिटी बसों का किराया बढ़ाने पर विचार कर रहा है। जल्द मंडलायुक्त के सामने इसका प्रस्ताव रखने की तैयारी है। उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही किराया बढ़ाया जाएगा।

2014 में तय हुआ था किराया

एसटीए ने अंतिम बार ऑटो-टेंपो का किराया वर्ष 2016 में बढ़ाया था। उस समय सीएनजी करीब 48 रुपए प्रति किलो थी। अब सीएनजी के दाम 80.80 रुपए हो गए हैं, लेकिन किराया वही रहने से ऑटो-टेंपो चालकों को परेशानी हो रही है।

ओला-उबर ने भी बढ़ाया किराया

सीएनजी कीमतों में बढ़ोतरी के बाद ओला-उबर ने अपना किराया बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत 100 रुपये किराये पर सात फीसदी यानी अब 107 रुपये लिया जाएगा। यह जानकारी देते हुए ओला-उबर चालक एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके पांडेय ने बताया कि किराये बढ़ाने को लेकर चालकों ने आठ अप्रैल से ओला।उबर की बुकिंग नहीं लेते हुए संचालन ठप करने की घोषणा की थी। जिसे देखते हुए ओला-उबर की ओर से सात फीसदी किराये में बढ़ोतरी का आदेश बुधवार को जारी किया है।

सीएनजी के रेट बढऩे की वजह से किराया बढ़ाया जाना मजबूरी हो गई है। इस संबंध में आरटीओ प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है। वर्तमान समय में प्रति रुट दो रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई है।

पंकज दीक्षित, अध्यक्ष, लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन

स्कूली वाहनों की बढ़ी फीस

सीएनजी के रेट बढऩे की वजह से स्कूली वाहनों की फीस भी बढ़ गई है। स्कूल वाहन संचालकों ने पेरेंट्स से 500 से एक हजार रुपए तक अधिक वसूलना शुरू कर दिया है। सभी स्कूलों में किराया 500 रुपए प्रति बच्चा बढ़ा दिया गया है। ऐसे में एक वैन में यदि 10 बच्चे सफर करते हैं तो उन्हें 5000 रुपए अधिक अब मिलेंगे।

गड़बड़ा गया बजट

पेरेंट्स के अनुसार अगर किराया 100 या 200 रुपए बढ़ता, तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अचानक 500 रुपए से 1 हजार रुपए तक किराया बढ़ जाने से उनका बजट गड़बड़ा गया है। पहले कई स्कूलों में 2 किमी का किराया 1800 रुपए लिया जा रहा था, जो अब बढ़कर 2500 रुपए हो गया है। स्कूली वाहनों का किराया बढ़ाकर सही नहीं किया गया है।

राजधानी में मौजूद अधिकृत स्कूली वाहन

बसें- 1287

स्कूली वैन- 2867

अनाधिकृत स्कूली वाहन अनुमानित

बसें- 2000 से अधिक

स्कूली वैन- 3500 से अधिक

सभी स्कूली वाहनों का किराया बढ़ा दिया गया है। सीएनजी की कीमत जब 45 रुपए थी, तब जो किराया 1500 रुपए था, जो अब बढ़कर 2500 पहुंच गया है। स्कूली वाहनों के काम में कोई बचत नहीं रह गई है। हम तो अभी तक कोरोना काल का टैक्स और जुर्माना अदा कर रहे हैं।

अवतार सिंह, अध्यक्ष, लखनऊ स्कूल वेलफेयर ओनर एसोसिएशन

स्कूली वाहनों की फीस निर्धारित कर प्रस्ताव शासन भेजा गया है। इसमें बढ़ती कीमतों के साथ सभी खर्चों को शामिल कर फीस निर्धारित की गई है। अब शासन को आगे फैसला लेना है।

- वीके सोनकिया, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन, परिवहन विभाग

स्कूली वाहन संचालकों के फीस बढ़ाने से बजट बिगड़ गया है। हम अब खुद ही अपने बच्चे को छोडऩे और लेने स्कूल आ जा रहे हैं। स्कूली वाहनों की फीस सरकारी स्तर पर निर्धारित की जानी चाहिए। इससे पेरेंट्स को राहत मिल सकती है।

पीके श्रीवास्तव, अध्यक्ष, अभिभावक संघ

कॉमर्शियल सिलिंडर के भी रेट बढ़े

नए वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से व्यवसायिक सिलेंडर में भी 250 रु। की वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के साथ व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत दो हजार के पार हो गई है। जिसकी वजह से छोटे दुकानदार, रेस्टोरेंट और होटल संचालकों की जेब पर असर पड़ रहा है।

पहले से ही तेल-रिफाइंड के रेट बढ़े हुए थे और अब कॉमर्शियल सिलिंडर के रेट में भी बढ़ोत्तरी हो गई है। लगभग सभी खाद्य प्रोडेक्ट्स के रेट में 8 से 9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अभी फिलहाल इसका भार कस्टमर्स पर नहीं डाला जा रहा है।

यश अग्रवाल, रेस्टोरेंट संचालक