लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी पूर्वी अमित आनंद ने बताया कि रूचि सिंह की प्रतापगढ़ में तैनात तहसीलदार पद्मेश से फेसुबक पर दोस्ती हुई। लंबे रिलेशनशिप के बाद जब रूचि ने दो बच्चों के बाप पद्मेश पर शादी का दबाव बनाया तो उसने इनकार कर दिया। रूचि उसे जेल भिजवाने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगी। उसने प्रगति को भी धमकी दी। इस पर दंपति ने उसकी हत्या की योजना बनाई।

लालच में दिया साथ

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि रूचि की हत्या के लिए पद्मेश ने प्रतापगढ़ के नामवर सिंह को सुपारी दी थी। इसके बदले कई साल से रुकी उसकी जमीन के दाखिल खारिज करवाने का लालच दिया। हालांकि नामवर का भी पद्मेश की पत्नी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिससे वह इसके लिए राजी हो गया।

अनार के जूस में मिलाई नींद की गोलियां

एडीसीपी काशिम आब्दी ने बताया कि 12 फरवरी को पद्मेश लखनऊ आया। नामवर की पीजीआई के कल्ली पश्चिम में एल्युमिनियम की दुकान है। दोनों ने रूचि को यहीं मिलने के लिए बुलाया और जब वह आई तो उसे गाड़ी में बैठाकर अनार के जूस में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दिया। जब वह बेहोशी की हालत में आई तो पहले उसका गला दबाया गया और फिर किसी भारी चीज से सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी गई और शव कल्ली नाले में फेंक दिया गया।

काल डिटेल से पुलिस को मिला सुराग

एडीसीपी ने बताया कि रूचि को मौत के घाट उतारने के बाद नामवर ने अपने नंबर से पद्मेश की पत्नी को फोन कर बताया कि काम को अंजाम दे दिया गया है। रूचि की कॉल डिटेल में पुलिस को लास्ट लोकेशन पीजीआई गेट और लास्ट कॉल नामवर की मिली थी। इसी के बाद कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया।