- होम साइसोलेशन की सुविधा मिलने से डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स से कम होगा दबाव

LUCKNOW : कोरोना मरीजों के बढ़ने के साथ ही कोविड अस्पतालों के बेड फुल होते जा रहे हैं। जिसे देखते हुए ऐसिम्टेमेटिक व माइल्ड लक्षण वाले संक्रमितों के लिए होम आइसोलेशन की मांग तेज हो रही है। हालांकि प्रदेश सरकार अभी होम आइसोलेशन की सुविधा देने से इंकार कर रही है, जबकि दिल्ली और जोधपुर आदि कई शहरों में यह सुविधा दी जा रही है। एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि अगर गाइडलाइन का सख्ती से पालन हो तो मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा सकती है। इससे अस्पतालों से दबाव कम होगा और डॉक्टर्स बाकी मरीजों पर अधिक ध्यान दे सकेंगे। पेश है अनुज टंडन की रिपोर्ट

पहले काउंसिलिंग बेहद जरूरी

लोहिया संस्थान के एमएस डॉ। विक्रम सिंह ने बताया कि कोरोना मरीजों के लगातार बढ़ने से अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है। मरीज जो सुविधाएं चाहते हैं, वे उन्हें नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में एसिम्टेमेटिक और माइल्ड केसेज वाले पेशेंट को होम आइसोलेट करना अच्छा आप्शन हो सकता है। इसके लिए मरीजों को आइसोलेशन की गाइडलाइन का पालन करना होगा, जिसके लिए पहले उनकी काउंसिलिंग करना बेहद जरूरी होगा। इस काउंसिलिंग के दौरान बताया जाए कि उन्हें आइसोलेशन के 14 दिन कैसे बिताने हैं।

सख्ती से फॉलो करें गाइडलाइन

केजीएमयू में माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ। शीतल वर्मा ने बताया कि अभी भी बहुत से लोग न मास्क लगा रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। शायद यही कारण है कि सरकार इससे हिचक रही है। होम आइसोलेशन के दौरान अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है। होम आइसोलेट व्यक्ति को गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। निश्चित रूप से अगर सरकार ऐसा करती है तो उसके पैसे और संसाधनों की बचत होगी।

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होम आइसोलेशन के दौरान इसका रखें ध्यान

- कमरे से वॉशरूम अटैच होना चाहिए

- मरीज हर समय थ्री लेयर मास्क पहने

- हर आठ घंटे में मास्क बदला जाए

- मास्क अगर गंदा हो या गीला हो तो तुरंत बदल दें

- मरीज बुजुर्गो, बच्चों और बीमार लोगों से दूर रहे

- मरीज तरल पदार्थो का अधिक से अधिक सेवन करे

- वह अपना सामान किसी को न छूने दे

- अपने कपड़े मरीज खुद ही साफ करे

- डेली अपनी बॉडी का टेंप्रेचर जांचे

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होम आइसोलेशन की गाइडलाइन

- डॉक्टर या मेडिकल ऑफिसर द्वारा माइल्ड, प्रीसिम्पटोमेटिक या एसिम्पटोमेटिक बताया गया हो।

- मरीजों को परिजनों से बिलकुल अगल रहना होगा।

- संक्रमित की देखभाल के लिए हर समय कोई मौजूद रहे।

- जिस हॉस्पिटल से मरीज का इलाज हो रहा है, वहां से देखभाल करने वाले का लगातार संपर्क रहे।

- सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द या बोलने में तकलीफ होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाया जाए।

- मरीज की उम्र 60 वर्ष से अधिक न हो।

- मरीज को डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर आदि गंभीर बीमारी न हो।

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कब खत्म होगा होम आइसोलेशन

- 10 दिन बाद तक मरीज में कोविड के लक्षण न दिखाई दें।

- लगातार तीन दिन तक मरीज को मामूली बुखार भी न आया हो

- मरीज को किसी भी तरह की मेडिकल जांच की जरूरत न हो

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बढ़ते कोविड केस के बीच होम आइसोलेशन एक अच्छा आप्शन हो सकता है। हालांकि इसके लिए पहले अच्छी तरह काउंसिलिंग करना जरूरी है। मरीज के साथ उसके परिजनों को भी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा।

डॉ। विक्रम सिंह, एमएस, लोहिया संस्थान

होम आइसोलेशन शुरू होने से सरकार के पैसे और संसाधन दोनों की बचत होगी, हालांकि इसके लिए लोगों को सख्ती के साथ कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा।

डॉ। शीतल वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, केजीएमयू