लखनऊ (ब्यूरो)। नशे के कारोबार में महिला गैैंग की सक्रियता बढ़ती जा रही है। इस धंधे के बड़े प्लेयर्स अब पुलिस व एसटीएफ से बचने के लिए महिलाओं को पैडलर्स बना रहे हैं। नशे के खेप की सप्लाई हो या फुटकर बिक्री। हर जगह महिला पैडलर्स सक्रिय हैं। हाल ही में पुलिस व एसटीएफ ने बड़े पैमाने पर पैडलर्स व बिक्री करने वाली महिलाओं को गिरफ्तार भी किया है। लखनऊ में भी कई ऐेसे प्वाइंट हैं जहां पर महिलाएं खुलेआम नशे की पुडिय़ा की बिक्री कर रही हैं।

कहां से आती है नशे की खेप

राजधानी में नशीले पदार्थों की सप्लाई देश के विभिन्न हिस्सों से होती है। जहां हेरोइन पंजाब, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा से आती है, तो गांजा उड़ीसा व असम से सप्लाई होता है। अफीम की सप्लाई बाराबंकी से की जाती है। चरस की खेप नेपाल व पूर्वोत्तर के राज्यों से राजधानी पहुंचती है।

महिला पैडलर्स को मिलता है कमीशन

नशे की खेप की सप्लाई महिला पैडलर्स से कराई जाती है। एसटीएफ से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, ट्रेन व बसों में सफर कर महिला नशे की खेप की सप्लाई करती है। उसके बदले उन्हें मोटी रकम दी जाती है। हालांकि, कई बार वह नशे की जिस खेप की सप्लाई करती हैं, उन्हें उसकी मार्केट रेट का भी अंदाजा नहीं होता। हाल ही में एसटीएफ ने बीबीडी इलाके से ऐसे ही महिला व पुरुष को गिरफ्तार किया था, वे दोनों एक साल से नशे की सप्लाई कर रहे थे। उन्हें एक चक्कर का 40 हजार रुपये मिलता था।

केस एक

एसटीएफ ने हाल ही में बीबीडी थाना क्षेत्र के इंदिरा कैनाल से एक महिला व पुरुष को 18 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी बेलिता बिहार निवासी इजहार मियां और पश्चिम चम्पारण बिहार निवासी निशा देवी हैं। दोनों बेतिया बिहार से चरस लेकर नई दिल्ली सप्लाई के लिए ले जा रहे थे। उन्हें सप्लाई करने के लिए 40 हजार रुपये मिलते थे और वह एक साल से यह काम कर रहे थे। पकड़ी गई चरस की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 95 लाख रुपये है।

केस दो

पीजीआई के तेलीबाग में पुलिस ने छापेमारी कर एक महिला व एक युवक को स्मैक की तस्करी करते रंगेहाथ दबोचा था। पकड़े गए युवक लाल कुंवर व महिला की पहचान कंचन राजपूत के रूप में हुई। उनके पास से 20 ग्राम स्मैक बरामद की गई। दोनों ने बताया कि वे बाराबंकी से लाकर लखनऊ में स्मैक की बिक्री करते थे।