मुश्किल में महिलाएं

LUCKNOW

राजधानी में आधी आबादी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आशियाना में गुरुवार रात मासूम बच्ची संग दरिंदगी के बाद रविवार को कृष्णानगर एरिया में बंगला प्यून ने मालकिन को पीट-पीटकर मार डाला। पारा में रिश्ते के चाचा ने किशोरी से हैवानियत की। अपने संग हो रहे जुल्मों को लेकर सीएम से मिलने की कोशिश कर रही महिला ने नाकामी हाथ लगने पर जान देने की कोशिश की।

1=

अपनी मालकिन को मार डाला

कृष्णानगर एरिया में शनिवार सुबह एक बंगला प्यून ने लेनदेन के विवाद में अपनी ही मालकिन पर लोहे के रॉड से हमला कर दिया। शोरशराबा सुनकर पहुंचे पड़ोसियों ने महिला को इलाज के लिये लोकबंधु हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां डॉक्टर्स ने उसे डेड डिक्लेयर कर दिया। उधर, घटना के बाद मौके से भाग रहे आरोपी नौकर व उसकी पत्‍‌नी को पड़ोसियों ने दबोच लिया और पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने मृतका की बेटी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।

इंजीनियर पति ट्रेनिंग पर गए थे

कैरेज एंड वैगन वर्कशॉप, आलमबाग में डिप्टी सीएमई पद पर कार्यरत संजय चौहान कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी सेक्टर डी-1 में पत्‍‌नी रेखा चौहान व बेटी हर्षिता के साथ रहते थे। जबकि, उनका बेटा लविश मुंबई में रहकर इंजीनियरिंग कर रहा है। संजय चौहान इन दिनों डिपार्टमेंटल ट्रेनिंग के लिये बड़ौदा गए हुए हैं। शनिवार सुबह करीब 10 बजे घोसी, मऊ निवासी रेलवे में खलासी के पद पर कार्यरत और इन दिनों संजय चौहान के घर पर बंगला प्यून के रूप में तैनात हरिप्रकाश प्रजापति अपनी पत्‍‌नी माधुरी संग उनके घर काम करने पहुंचा। वहां पहुंचने के बाद हरिप्रकाश छत पर पहुंचकर कार का कवर साफ करने लगा जबकि, उसकी पत्‍‌नी माधुरी किचन में खाना बनाने लगी।

रॉड से किया हमला

हर्षिता अपने कमरे में सो रही थी। इसी दौरान रेखा चौहान छत पर पहुंच गई और हरिप्रकाश को भला-बुरा कहने लगीं। इस पर हरिप्रकाश व रेखा के बीच तू-तू, मैं-मैं होने लगी। इसी से नाराज हरिप्रकाश ने कुछ दूर पड़ी लोहे की रॉड उठा ली और उनके सिर पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिये। जिससे रेखा लहूलुहान होकर वहीं बेहोश होकर गिर पड़ीं। शोर शराबा सुनकर पहुंचे पड़ोसियों ने पुलिस को घटना की सूचना दी और गंभीर रूप से घायल रेखा को इलाज के लिये लोकबंधु हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें डेड डिक्लेयर कर दिया।

बॉक्स

तनख्वाह में हिस्सा बनी वजह

पुलिस गिरफ्त में आए हरिप्रकाश ने बताया कि किसी परिचित के जरिए उसकी मुलाकात संजय चौहान से हुई थी। संजय चौहान ने उसे रेलवे में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया और घर पर काम कराने लगे। जून 2015 में हरिप्रकाश की रेलवे में खलासी पद पर नौकरी लग गई। हालांकि, नौकरी के लिये संजय की पत्‍‌नी रेखा ने शर्त रखी कि हर महीने की तनख्वाह में से 10 हजार रुपये हरिप्रकाश उन्हें देगा। कुछ महीनों तक तो हरिप्रकाश तनख्वाह में से रेखा को 10 हजार रुपये देता रहा। हरिप्रकाश ने बताया कि हाल ही में उसने रेखा से इसका विरोध जताया। जिसके बाद रेखा उसे बात-बात पर जलील करने लगी। इसी से नाराज होकर उसने रेखा को मौत के घाट उतार डाला।

--------------------

2

पारा में कन्या विद्याधन के बहाने भतीजी से रेप

पारा के वरदाखेड़ा में कन्या विद्याधन दिलाने का झांसा देकर रिश्ते के चाचा ने किशोरी को अपनी दरिंदगी का शिकार बना डाला। वारदात के बाद आरोपी पीडि़ता को वहीं छोड़ मौके से फरार हो गया। पीडि़ता किसी तरह अपने घर पहुंची और विधवा मां को आपबीती सुनाई। उसकी मां की सूचना पर पहुंची पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दरिंदे चाचा की तलाश शुरू कर दी है।

फॉर्म में अंगूठा लगवाने का झांसा

पारा स्थित एक सरकारी कॉलेज में हाईस्कूल की छात्रा 15 वर्षीया प्रियंका (बदला नाम) एरिया के ही एक गांव में अपनी मां व छोटे भाई के साथ रहती है1 प्रियंका के पिता का देहांत हो चुका है। पुलिस के मुताबिक, गांव में ही रहने वाले प्रियंका के रिश्ते के चाचा पेशे से इलेक्ट्रिशियन शत्रुघ्न लाल मौर्या ने बीते दिनों प्रियंका को कन्या विद्याधन दिलाने की बात कही। पिता के देहांत के बाद से तंगहाली में जिंदगी बसर कर रही प्रियंका ने इसके लिये हामी भर दी। शनिवार शाम अचानक शत्रुघ्न ने प्रियंका को कहा कि कन्या विद्याधन का फॉर्म भरना है और उसमें उसे अंगूठा भी लगाना पड़ेगा। उसने प्रियंका को इसके लिये पड़ोस के गांव वरदाखेड़ा तक साथ चलने को कहा।

परिचित के घर पर किया रेप

प्रियंका उसके संग चल पड़ी। शत्रुघ्न उसे वरदाखेड़ा स्थित किसी परिचित के खाली घर ले गया। जहां उसने प्रियंका के साथ छेड़खानी शुरू कर दी। चाचा की हरकत से अवाक प्रियंका ने इसका विरोध किया तो उसने बंधक बनाकर प्रियंका के संग दरिंदगी कर दी। इसके बाद आरोपी शत्रुघ्न प्रियंका को वहीं छोड़कर मौके से फरार हो गया। आरोपी के फरार हो जाने के बाद पीडि़ता प्रियंका किसी तरह अपने घर पहुंची और मां को आपबीती सुनाई। उसकी मां ने फौरन पुलिस को घटना की सूचना दी। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने प्रियंका की मां की तहरीर पर रेप व पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

3

सीएम आवास के सामने गर्भवती ने गला घोंटा

- नियुक्ति की मांग को लेकर पहुंची थी मुख्यमंत्री आवास

- पति के मफलर से गला कसकर की सुसाइड की कोशिश, झलकारी बाई हॉस्पिटल में एडमिट

सीएम अखिलेश यादव के सरकारी आवास के बाहर भदोही सुरियावां निवासी गर्भवती महिला ने शनिवार दोपहर पति के मफलर से अपना गला कसकर सुसाइड की कोशिश की। महिला की हालत बिगड़ती देख वहां सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन उसे इलाज के लिये सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे झलकारी बाई हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जहां दिव्या की हालत नाजुक बताई जा रही है।

सफल इंटरव्यू के बावजूद नहीं मिली नौकरी

भदोही के सुरियावां निवासी रंजन के मुताबिक, 16 अक्टूबर, 2008 को उसने पत्नी दिव्या पाठक (35) समेत करीब 1100 लोगों के साथ सफाई कर्मचारी पद के लिए भदोही ज्ञानपुर स्थित कलेक्ट्रेट ऑफिस में इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में 1000 लोगों को सफल घोषित किया गया था। पर, तब से वह नौकरी की आस लिये इंतजार करते रहे लेकिन, उन्हें नौकरी नहीं मिली। रंजन ने बताया कि उन लोगों ने कई बार सीएम के यहां भी इसकी शिकायत की लेकिन, हर बार आश्वासन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। रंजन ने बताया कि वह शनिवार को पत्‍‌नी दिव्या के संग सीएम से मिलने के लिये राजधानी पहुंचा था। सुबह 7 बजे से 11 बजे तक वह सीएम से मुलाकात का इंतजार करता रहा। लेकिन, जब मुलाकात नहीं हो सकी तो वे दोनों निराश हो गए। इसी बीच दिव्या ने सीएम आवास के सामने उसके मफलर से खुद का गला कसकर सुसाइड की कोशिश की।

डीएम के आश्वासन पर 28 महीने की बेगारी

रंजन और उसके साथ आए गोपीचंद्र ने बताया कि इंटरव्यू के बाद जब काफी दिनों तक उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने तत्कालीन सचिव नगर विकास से इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद उन्हें तत्कालीन डीएम ने मिलने के लिये बुलाया था। रंजन ने बताया कि उनकी समस्या सुनने के बाद डीएम ने उन्हें जल्द नियुक्ति का आश्वासन दिया और फिलहाल काम करने को कहा। डीएम से मिले आश्वासन के बाद उन लोगों ने 28 महीने तक काम सफाई कर्मचारी ने काम किया लेकिन, इसके बावजूद न तो नौकरी ही मिली और न 28 महीने तक काम करने की सैलरी। रंजन ने बताया कि वह और उसकी पत्‍‌नी दिव्या इंटर पास हैं। उन्होंने कई बार सरकारी नौकरी की कोशिश की लेकिन, आरक्षण की वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल सकी। पर्याप्त पूंजी न होने की वजह से वे बिजनेस भी नहीं कर पा रहे हैं।

राजधानी में असुरक्षित महिलाएं

वर्ष छेड़छाड़ शीलभंग रेप

2014 21 364 64

2015 18 321 96

2016 23 440 138

(नवंबर तक)

वूमेन पावर लाइन के आंकड़े

कुल शिकायतें दर्ज: 6,45, 854

लखनऊ: 1, 28 लाख

कानपुर: 32,197

वाराणसी: 24, 826

इलाहाबाद: 24, 822

आगरा: 16, 318

छात्राएं अधिक प्रताडि़त

1090 के आंकड़ों के मुताबिक शोहदों का सबसे ज्यादा शिकार छात्राएं बन रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत करने वालों में 50 परसेंट से अधिक संख्या छात्राओं की है। वहीं, 36 परसेंट गृहणियां और 14 परसेंट कामकाजी महिलाएं हैं।