लखनऊ (ब्यूरो)। हम लोग जिस एरिया में रहते हैं वहां की सबसे बड़ी समस्या गंदगी, नालियों की सफाई न होना और महिला सुरक्षा पर बहुत ध्यान न देना है। ऐसे में इस बार के निकाय चुनाव में हम उसी कैंडीडेट को वोट करेंगे जो इन मुद्दों को प्राथमिकता देगा। शुक्रवार को नाका स्थित गुरुनानक गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने डीजे आईनेक्स्ट की वार्ड नीति में हिस्सा लेते हुए नगर निकाय चुनाव में अपनी समस्याओं, उम्मीदों और सुझाव पर खुलकर बात की।

महिला सुरक्षा है सबसे बड़ा मुद्दा

स्टूडेंट्स व टीचर्स ने कहा कि बतौर फीमेल हमारे लिए सबसे बड़ा कंसर्न वुमेन सेफ्टी है। हमारे कॉलेज में कई स्टूडेंट्स ऐसे इलाकों से आती हैं जहां के रास्ते सुनसान हैं। कई जगह की स्थिति ऐसी है कि शाम 7 बजे के बाद वे उन रास्तों से आ जा नहीं सकती। ऐसे में महिलाओं की सेफ्टी के मुद्दे को तो किसी भी तरह से नकारा नहीं जा सकता। इसपर हर पार्टी के प्रत्याशी को सोचना चाहिए।

सड़कों की मरम्मत व नालियों की सफाई जरूरी

वार्ड नीति के दौरान शामिल स्टूडेंट्स व टीचर्स ने सड़कों की मरम्मत और गंदगी को भी एक बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने बताया कि शहर भर में हर एरिया की कोई न कोई सड़क या तो खुदी हुई है या उसकी स्थिति अच्छी नहीं है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, इससे दुर्घटना का खतरा रहता है। इसके अलावा नालियों की भी साफ-सफाई नहीं होती है। खाली पड़े प्लॉटों में लोग कूड़ा फेंकते हैं और इस समस्या का भी कोई समाधान नहीं होता।

पब्लिक प्लेस पर वॉशरूम की दिक्कत

तीसरी सबसे अहम दिक्कत मार्केट या पब्लिक प्लेस पर वॉशरूम न होने की है। स्टूडेंट्स व टीचर्स का कहना है कि शहर के कई बड़े बाजारों में भी हमें महिलाओं के लिए वॉशरूम्स नहीं मिलते। अगर कहीं हैं भी तो उनकी प्रॉपर साफ-सफाई नहीं होती। गंदे वॉशरूम यूज करने से बीमार होने का खतरा रहता है, जिससे महिलाएं वहां जाने से बचती हैं। ऐसे में पब्लिक प्लेस में वॉशरूम की समस्या का समाधान होना चाहिए।

तीन उम्मीदें

1.चूंकि इस बार भी मेयर महिला ही बनने वाली हैं ऐसे में उनसे उम्मीद है कि वह महिला सुरक्षा को गंभीरता से लेकर उस पर बेहतर काम करेंगी।

2. प्राइमरी स्तर पर स्कूलों में बुनियादी शिक्षा को सुधारने के लिए स्कूलों में सुविधाएं देंगी, खासकर गल्र्स एजुकेशन पर काम होगा।

3. पब्लिक प्लेसेस पर फीमेल वॉशरूम की संख्या बढ़ाने के साथ उनमें साफ-सफाई के प्रॉपर इंतजाम किए जाएंगे।

मैं जिस वार्ड से रहती हूं वहां प्रॉपर सेनिटेशन न होना सबसे बड़ी समस्या है। पीने के पानी से लेकर सीवेज तक का सिस्टम गड़बड़ है। इसे दूर करने का प्रयास होना चाहिए।

नियति पाल

बतौर कॉलेज स्टूडेंट मेरे लिए ट्रांसपोर्टेशन एक बड़ी दिक्कत है। हमारे कॉलेज की ही कई लड़कियों को देर होने पर ट्रांसपोर्टेशन नहीं मिलता है। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए कंवेंस को बेहतर किया जाए।

गरिमा पाल

मोहल्ले में गंदगी एक बहुत बड़ी समस्या है। सड़कों पर झाड़ू लगाने से लेकर कूड़ा उठाने पर भी कई तरह की समस्याएं होती हैं। ऐसे में साफ-सफाई एक बड़ा मुद्दा है।

श्रद्धा सिंह

मुझे लगता है कि सड़कों पर इंक्रोचमेंट की वजह से ट्रैफिक जाम की समस्या होती है। इसके अलावा चारबाग में ई-रिक्शा पर भी कोई लगाम नहीं लगती। इस समस्या के समाधान की जरूरत है।

अंशिक चोपड़ा

बाजारों में फीमेल पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं। कुछ जगह पर पिंक टॉयलेट से यह समस्या दूर हुई है, लेकिन अभी भी कई जगहों पर न ही इन पब्लिक टॉयलेट की साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाता है और न इनकी अवेलेबिलिटी है। इसको दुरुस्त किया जाए।

डॉ। अंकिता

महिला सुरक्षा हर चुनाव में एक बड़ा मुद्दा होता है। निकाय चुनाव में भी मैं इसे बहुत अहम मानती हूं। जिस तरह शहर में महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं इसको रोका जाना चाहिए। महिलाएं व लड़कियां सुरक्षित होंगी तभी वे घर से निकल कर स्कूल जा सकेंगी या ऑफिस जाकर काम कर सकेंगी।

डॉ। कुमुद पांडेय

शहर में आवारा पशुओं का आतंक काफी बढ़ गया है। हम रोज पेपर में डॉग्स के हमलावर होने की खबरें हम पढ़ते हैं। गलियों में भी आवारा पशु घूमते हैं और गंदगी करते हैं। इस समस्या पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

अमृता शर्मा

मेरे घर के आसपास नालियों की साफ-सफाई बिल्कुल नहीं हो रही है। बजबजाती नालियां बारिश में ओवरफ्लो हो जाती है और इलाके में बहुत गंदगी हो जाती है। इसका असर पीने के पानी की सप्लाई पर भी दिखना शुरू हो जाता है।

आंचल

शहर के कई इलाके हैं जहां गर्मियों में पीने के पानी की बहुत समस्या होती है। साफ पानी जो हमारी बुनियादी जरूरत है, वह भी ठीक से उपलब्ध नहीं है।

ईशा शर्मा

स्मार्ट एजुकेशन की खूब बात हो रही है, लेकिन नगर निगम के अंतर्गत आने वाले स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में नई शहर सरकार प्राइमरी स्तर पर एजुकेशन को दुरुस्त करने का काम करे।

अंकिता सिंह