यानी न सिर्फ दुनिया के डर से न मिल पाने वाले प्रेमी इंटरनेट पर घंटों बातें कर रहे हैं, बल्कि नये प्रेमी भी बन रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ अब लैपटाप उनकी प्रेम कहानी को आगे बढ़ाने का जरिया भी बन गया है।

किसी का डर नहीं

शायद ही ऐसी कोई जगह है, जहां आप सुकून से दो पल बैठ कर अपने दिल की बात कर सकेंकहीं किसी के देख लेने का डर तो कहीं पुलिस का डरऐसे में सुकून के पल न बिता पाने की कमी तो खलेगी ही नापर स्मार्ट यूथ ने इसका ऑप्शन भी ढूंढ़ लिया हैअब ना ही तो अपने बिलव्ड तक लेटर पहुंचाने के लिए पापड़ बेलने की जरूरत है, और ना ही उसे देखने के लिए उसे बुलाने की जरूरतबस एक मेल किया और आपका लेटर पहुंच गयाउसे देखने का मन किया वेब-कैम ऑन किया और देख लिया

घर वालों की डांट का डर नहीं

निशातगंज में रहने वाली अकांक्षा बताती हैं कि उनकी मुलाकात ऋषभ से फेसबुक पर ही हुई थीबाद में वो उनसे मिलीं और आज हम दोनों कमिटेड रिलेशनश्पि में हैंसिर्फ आकांक्षा ही नहीं बल्कि कितने ऐसे यंगस्टर्स हैं जो इंटरनेट पर इश्क फरमा रहे हैंआईटी कॉलेज की स्टूडेंट रेशमी ने बताया कि कई गल्र्स पैरेंट्स उनके बाहर आने जाने पर काफी रोक लगाते हैं

फ्रेंडशिप करने पर भी पैरेंट्स का डर बना रहता है
इसलिये अपनी इच्छा को पूरा करने के लिये वो ई-फ्रेंडशिप और ई-लव का जरिया तलाश करती हैंऐसा ही कुछ फिरदौस का भी कहना हैउनकी मम्मी उन्हें कॉलेज और ट्यूशन्स के अलावा और कहीं जाने नहीं देतीऐसे में इंटरनेट लव उनके लिए भी एक बढिय़ा ऑप्शन है.

क्या कहता है डेटा

डेटिंग वेबसाइट ई-हार्मोनी के सर्वे के अनुसार, 2008 से लेकर अब तक में 18 से 24 साल के यूथ के बीच ऑनलाइन लव में 381 परसेंट का इजाफा हुआ हैचार में से एक यूथ ने एक ना एक बार ई-लव को जरूर ट्राय किया हैये यंगस्टर्स इस ऑनलाइन लव को ट्रेडिशनल पब्स और क्लब्स का आल्टरनेट मान रहे हैं

सपनों की है ये दुनिया

साइकोलॉजिस्ट डॉमलयकांत सिंह कहते हैं कि ई-लव एक वर्चुअल वल्र्ड हैलोग कई बार इसके थ्रू अपने ड्रीम्स में जीने लगते हैं और खुद के नेगेटिव प्वांइट को कभी जाहिर नहीं होने देतेखुद का बेस्ट पार्ट शो करने के लिये अक्सर झूठ बोलते हैं, पर रीयेलिटी सामने आती है तो उस क्रिटिकल सिचुएशन में खुद को हैंडल करना काफी मुश्किल हो जाता हैइस फेक लव के चक्कर में लोग कई बार डिप्रेशन में भी चले जाते हैं और कई हद तक लोग सुसाइड भी अटेम्पट कर लेते हैंसोशल साइट्स सिर्फ फ्रेंडशिप के लिये ही ठीक हैलव और सीरियस रिलेशनशिप बनाने से पहले बचना चाहिये.

क्या कहते हैं स्टूडेंट़स

स्टूडेंट आशिका सिन्हा का कहना है कि इंटरनेट कम्युनिकेशन का अच्छा जरिया हैघर में रिस्ट्रीकशन की वजह से मैक्सिमम गल्र्स में फेसबुक और दूसरे सोशल साइट्स की टेडेंसी बढ़ रही है.

क्या कहते हैं एक्सपर्टस

फैमिली कोर्ट की एडवोकेट रंजना दीक्षित कहती हैं कि हमारे पास कई बार ऐसे केस आते हैं जिनकी मुलाकात नेट पर हुई और घर वालों के न चाहने के बावजूद दोनों ने शादी की और राजी खुशी रह रहे हैंलेकिन कई बार ऐसे भी केस आते हैं जिन्होंने नेट के थ्रू शादी की, लेकिन वो रिश्ता टिक नहीं सकाबात तलाक तक पहुंच गईइंटरनेट पर दोस्ती अब बहुत आम हो गई है, लेकिन इस पर बनने वाले रिश्तों के टूटने की संख्या बहुत अधिक भी हो रही है

इन बातों का रखें ख्याल

- अपनी प्रोफाइल इन्फॉर्मेशन सेफ रखेंऐसा न हो कि आपके द्वारा अपडेट हर न्यूज को कोई वॉच कर रहा हो.

- फेसबुक या दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जल्दी किसी अननोन को फ्रेंड नहीं बनाएंअगर आप किसी से फ्रेंडशिप कर रही हैं तो उसकी

पूरी प्रोफाइल को वैरीफाई कर लें.

- यह ये जरूर चेक करें कि उसके द्वारा दी गयी इन्फॉर्मेशन सही हैं या नहींकई बार मैरिज, जॉब और एजुकेशन जैसी आईडेंट्टी हाइड करने

के कई केसेज सामने आए हैं.

- चैटिंग के दौरान बहुत सावधानी रखेंअपनी पर्सनल बातें और पर्सनल फोटोग्राफ्स शेयर नहीं करेंइससे सामने वाला पर्सन आपको कभी भी

चीट कर सकता है.