निगम-एमडीए की तनातनी में जनसेवाएं पस्त

बिजली बंबा लाइट्स को टेक ओवर नहीं कर रहा निगम

एमडीए सीई ने नगरायुक्त से बात कर पूछा कारण

Meerut। दो सरकारी विभागों की आपसी तनातनी में जनसेवाएं कैसे पस्त हो जाती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण एमडीए और नगर निगम हैं। इन दो विभागों की तनातनी का नतीजा है कि बिजली बंबा बाईपास मार्ग पर लगी रोड लाइट्स अभी तक नगर निगम को हैंड ओवर नहीं हो सकी हैं। हालांकि इसको लेकर दोनों विभागों के अफसर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे हैं, लेकिन इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

शोपीस बना प्रोजेक्ट

दरअसल, छह माह पूर्व मेरठ विकास प्राधिकरण ने सवा करोड़ की लागत से बिजली बंबा बाईपास मार्ग पर 147 लाइट्स लगवाई थी। इसका इंस्टॉलेशन पीवीवीएनएल से कराया गया था। प्रोजेक्ट के बाद एमडीए द्वारा यह प्रोजेक्ट नगर निगम को हैंडओवर किया जाना था.लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट हैंड ओवर नहीं किया जा सका है।

जनता उठा रही खामियाजा

प्रोजेक्ट के हैंड ओवर न होने का सबसे बड़ा खामियाजा जनता को उठाना पड़ रहा है। असल में जन सुविधओं से जुड़े किसी प्रोजेक्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। प्रोजेक्ट का रखरखाव हैंड ओवर करने के बाद ही शुरू होता है। अब चूंकि यह प्रोजेक्ट निगम के हैंड ओवर नहीं है, तो इन लाइट्स में आने वाली परेशानियों को समय रहते दूर नहीं किया जा रहा है। महीने में पंद्रह दिन ये लाइट्स खराब रहती हैं। जिससे लोगों को अंधेरे में गुजरना पड़ता है।

निगम नहीं कर रहा टेकओवर

एमडीए चीफ इंजीनियर एससी मिश्रा ने बताया कि निगम को इस संबंध में कई बार पत्र लिखा जा चुका है। बावजूद निगम प्रोजेक्ट को टेकओवर करने को तैयार नहीं है। चीफ इंजीनियर ने बताया कि मजबूरीवश रखरखाव का खर्च एमडीए को उठाना पड़ रहा है।

नगरायुक्त को इस संबंध में पत्र लिखा जा चुका है। बावजूद इसके नगर निगम प्रोजेक्ट टेक ओवर नहीं कर रहा है। रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है।

-एससी मिश्रा, चीफ इंजीनियर एमडीए