मेरठ ब्यूरो। क्लीनिक और नर्सिंग होम में मनमाने दामों पर बेची जा रही दवाओं के विरोध में गुुरुवार को आईएमए पदाधिकारियों और दवा व्यापारियों के बीच बैठक हुई। बैठक में दवा व्यापारियों ने आम जनता की सुविधा के लिए क्लीनिक या नर्सिग होम की फार्मेसी से दवा कारोबार बंद करने की आईएमए पदाधिकारियों से अपील की। मरीजों का हो रहा शोषण गौरतलब है कि गुरुवार को आईएमए पदाधिकारियों ने होलसेलर और रिटेलर केमिस्ट एसोसिएशन को आईएमए हॉल में वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। इसमें गोपाल अग्रवाल ने बिंदुवार सभी परेशानियां रखी। इस कारण दवाओं के नाम पर मरीजों का शोषण हो रहा है। क्लीनिक में मेडिकल स्टोर और नर्सिंग होम में खुद का फार्मेसी स्टोर चलाने के कारण दवा आमदनी का बहुत बड़ा साधन बन गई है।

जताई आपत्ति

उन्होंने कुछ चिकित्सकों और नर्सिंग होम में अपनी सस्ती दवा बनवा कर रखने और उनके ऊपर मन माफिक एमआरपी डलवा कर मुनाफा कमाने पर आपत्ति प्रकट की। डॉक्टर्स की हो रही आलोचना संस्था के महासचिव घनश्याम मित्तल ने कहा कि यह पहला अवसर है जब जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी और केमिस्ट संगठन के पदाधिकारी आपस में बातचीत कर रहे हैं। जबकि यह संवाद निरंतर बने रहना चाहिए था। यदि संवाद बना रहता तो हम आज मुनाफा वसूली के जिस टीले पर पहुंचने के लिए चिकित्सकों की आलोचना कर रहे हैं ऐसी नौबत नहीं आती। दोनों वर्ग अपनी सीमा में रहते हुए अपना-अपना कारोबार करते।

व्यापार पर कर रहे अतिक्रमण

होलसेलर एंड रिटेलर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह ने कहा कि डॉक्टर दवा विक्रेताओं का साथ चाहते हैं तो उन्हें भी दवा विक्रेताओं का साथ देना पड़ेगा। वर्तमान स्थिति का आंकलन करते हुए उन्होंने कहा कि दवा विक्रेता डॉक्टर्स के क्षेत्र पर अतिक्रमण नहीं करते जबकि डॉक्टर दवा विक्रेता के व्यापार पर अतिक्रमण कर उनकी रोजी-रोटी समाप्त करने में लगे हुए हैं।

ये लोग रहे मौजूद

बैठक में केमिस्ट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष गगन गुप्ता, राम अवतार तोमर, राजेश सिंह आदि उपस्थित थे। डॉक्टरों की ओर आइएमए के अध्यक्ष डॉक्टर संदीप जैन, डॉक्टर तरुण गोयल, डॉक्टर सुमित उपाध्याय, डॉ नवनीत कुमार आदि ने अपना पक्ष रखा।