मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, देवउठनी एकादशी से मंगलकार्य शुरू हो जाते हैं। हालांकि इस बार शादियों की शुरुआत 23 नवम्बर के बाद होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। इसके अगले दिन तुलसी विवाह किया जाता है। पाल बालाजी ज्योतिष डॉ। अनुराधा गोयल एवं भारतज्ञान भूषण ने बताया कि इस बार तुलसी विवाह भी 5 नवम्बर को है।

तुलसी विवाह है 5 नवंबर को
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। इस एकादशी को देवउठान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस बार तुलसी विवाह शनिवार 5 नवंबर को पड़ रहा है।

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि 3 नवंबर - शाम 7:30 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि 4 नवंबर -शाम 6:08 मिनट पर समाप्त

तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह - शनिवार 5 नवंबर 2022
कार्तिक द्वादशी तिथि आरंभ- 5 नवंबर, सायं 6:08 बजे
द्वादशी तिथि समाप्त- 6 नवंबर सायं 5:06 बजे

देव उठनी एकादशी पर नहीं मुहूर्त
देव उठनी एकादशी 4 नवंबर को है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान सूर्य की स्थिति विवाह के लिए उचित नहीं है। सूर्य इस दौरान तुला राशि में रहेगा साथ ही 23 नवंबर की रात्रि तक शुक्र का तारा भी अस्त रहेगा। अत सभी मांगलिक कर्म बंद रहेंगे।

चातुर्मास मास होगा समाप्त
देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त होगा। मान्यताओं के अनुसार चतुर्मास में भगवान विष्णु आराम करते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।

इन बातों का रखें ख्याल
मांस-मदिरा से रहें दूर।
महिलाओं का अपमान न करें और क्रोध से बचें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें।

एकादशी के दिन करें ये काम
एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है।
एकादशी के दिन संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए।
विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए।
एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होने की मान्यता है।
ऐसा भी कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

देवउठनी एकादशी पूजा विधि
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को धूप, दीप, पुष्प, फल, अध्र्य और चंदर आदि अर्पित करें। भगवान की पूजा करके मंत्रोच्चारण करें।

ये है मुहूर्त
नवम्बर में - 25, 27
दिसम्बर - 2,7, 8, 9, 14

इनका है कहना
शुक्र तारा उदय होने के बाद नवम्बर में 25, 27 को सहालग है, दिसम्बर में भी 14 तक ही साए हैं, क्योकि 15 से खरमास है, कुछ दिन की ही बुकिंग है, इसबार काम कुछ कम है।
मनोज गुप्ता, अध्यक्ष, मेरठ मंडप एसोसिएशन

नवम्बर व दिसम्बर के लिए मंडपों की बुकिंग हो चुकी है। इसबार कम सहालग हैं, शहर से देहात तक शादी समारोह होंगे।
विपुल सिंघल, संचालक, सेवेन इलेवन रेस्टोरेंट