महिलाओं ने किया प्रर्दशन

शुक्रवार को जब लोगों के घरों में आई नेक्स्ट पहुंचा और पहले पेज पर प्रकाशित 'तेजाबी है ये शहरÓ पढ़ा तो सिटी की जागरुक महिलाएं शाइनिंग स्टार क्लब की मेंबर्स के साथ मिलकर डीएम ऑफिस पहुंची। आई नेक्स्ट की कॉपी के साथ डीएम कार्यालय के बाहर पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिलाओं ने 'स्टॉप एसिड अटैक' के नारे भी लगाए। साथ ही उन्होंने डिमांड रखी कि महिलाओं को सुरक्षा देने की खातिर एसिड अटैक को रोका जाए।

कोई जवाब नहीं था

एसिड अटैक को रोकने और 'तेजाब की बिक्री' पर रोक के लिए करीब आधा घंटा धरना प्रर्दशन करने के बाद जानकारी मिली कि डीएम सिटी में नहीं लखनऊ में मौजूद हैं। डीएम की जगह एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट सिविल लाइंस अजय कुमार तिवारी ज्ञापन लेने पहुंचे। जैसे ही अजय तिवारी ज्ञापन लेने आए तो महिलाओं ने उन पर सवाल दागने शुरू कर दिए। महिलाओं ने सबसे पहले कहा कि आखिर खुलेआम जिस तरह से मौत का लिक्विड बिक रहा है उसे कब तक रोका जाएगा? किराने की दुकानों पर किस तरह से ये तेजाब बिक रहा है। इन सवालों का जवाब एसीएम नहीं दे सके।

रहती है बेटियों की चिंता

महिलाओं ने एसीएम के सामने कहा कि जब तक हमारी बेटी घर तक नहीं पहुंचती वो चिंता में रहती हैं। उन्होंने कहा जिस तरह से सिटी में तेजाब फेंकने की घटना बढ़ रही हैं, उससे और भी ज्यादा डर लगता है। उन्होंने प्रशासन पर ऐसे मामलों में हमेशा सुस्त रहने का आरोप लगाया। महिलाओं ने ये भी कहा कि प्रशासन को सारे नियमों और कानूनों के बारे में जानकारी होने के बावजूद भी कार्रवाई क्यों नहीं करता है। प्रशासन को बताया कि तेजाब जैसी आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने जरूरी है।

नियमों से नहीं कार्रवाई से मतलब

महिलाओं के सवालों और बातों का कोई जवाब नहीं था। एसीएम ने समझाने की कोशिश की सब नियमों के तहत होगा। कार्रवाई की जाएगी, लेकिन एसीएम के मुताबिक पहले सुप्रीम कोर्ट के नियमों को रीड किया जाएगा उसके बाद देखा जाएगा कि किस अधिकारी की जिम्मेदारी होगी। इतना सुनते ही महिलाओं ने एसीएम सिविल लाइंस को तपाक से जवाब दिया कि हमें सुप्रीम कोर्ट के नियमों से कोई मतलब नहीं है। हमें सिर्फ कार्रवाई से मतलब है। इतना सुनते ही एसीएम एक फिर से निरुत्तर हो गए।

आंदोलन की चेतावनी

देखते ही देखते लोगों का आक्रोश काफी बढ़ गया। उन्होंने प्रशासन से मौजूद अधिकारियों को खुली चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में अगर किसी पर एसिड या तेजाब डालकर मारने की कोशिश या कोई इसी तरह की घटना को अखबारों की सुर्खियों में पाया गया तो शहर की सड़कों पर प्रशासन के खिलाफ आंदोलन होगा। इस बार भले ही कुछ महिलाएं दिख रही हो लेकिन सड़कों पर हजारों महिलाएं प्रशासन के खिलाफ खड़ी हुई दिखाई देंगी।

कैसे करें इंप्लीमेंट नहीं पता?

एसीएम सिविल लाइंस अजय कुमार तिवारी ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग्स के बारे में जानकारी है। लेकिन इन रुलिंग्स को किस तरह से इंप्लीमेंट किया जाए इस बारे में कुछ नहीं सूझ रहा है। अभी हमारे पास ऐसे कोई इंस्ट्रक्शंस नहीं आए हैं कि इन्हें कौन देखेगा।

नहीं पता, कितने हैं लाइसेंसधारी?

जब आई नेक्स्ट ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से पूछा कि जिले या सिटी में कितने लोगों के पास एसिड और केमिकल बेचने का लाइसेंस है और कितने लोगों ने आवेदन किया है तो उन्होंने साफ कहा इसकी जानकारी नहीं। जब पूछा गया कि इसका लाइसेंस कौन जारी करता है तो इस बात की जानकारी भी उनके पास नहीं थी।

 

अक्टूबर में जारी हुआ था सर्कूलर!  

एसीएम ने बताया कि जब जुलाई में सुप्रीम कोर्ट का दिशा निर्देश जारी हुआ तो अक्टूबर में सभी एसडीएम को सर्कूलर जारी हुआ था कि वो अपने क्षेत्रों में तेजाब और एसिड की बिक्री के बारे में पूरी जानकारी दें, लेकिन अभी तक किस ने भी इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया। हम कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सके।

 

नहीं है किसी तरह के स्पष्ट निर्देश

जिला प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो उनके पास शासन स्तर से भी कोई स्पष्ट निर्देश भी प्राप्त नहीं हुए है। जबकि अब तक इस कार्रवाई  हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो प्रमुख सचिव लेवल से जल्द ही इस मामले में कोई दिशा निर्देश आ सकते हैं।

'मैं इस बारे में बात करूंगा। इस तरह के मामले काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जो भी एसिड और तेजाब इललीगल तौर पर बिक रहा है उन कार्रवाई होनी चाहिए.'

- शाहिद मंजूर, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री, यूपी गवर्नमेंट

'तेजाब और एसिड जिस तरह से मार्केट में खुलेआम बिक रहा है वो काफी प्रशासन की लापरवाही को प्रदर्शित करता है। ये आजकल बदमाशों के हथियार बन चुके हैं। इन्हें रोकना काफी जरूरी है.'

- रविंद्र भड़ाना, एमएलए, मेरठ साउथ