- शासन ने पूरे प्रदेश में तय किए 100 ब्लैक स्पॉट, एडमिन से कहा, अपने जिले ब्लैक स्पॉट भी करें शामिल

- ब्लैक स्पॉट के आसपास के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन आदि पर मौजूद होंगी एंबुलेंस

- सीएम की घोषणा के बाद शहरी क्षेत्र में 20 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट में पहुंचेगी एंबुलेंस

Meerut : बढ़ती एक्सीडेंट की घटनाओं और लोगों को हॉस्पिटल तक पहुंचाने की सुविधाओं को देखते हुए आदेश जारी कर दिया है। शासन ने हर जनपद को उनके 'ब्लैक स्पॉट' के नजदीक एंबुलेंस खड़ी करने के आदेश कर दिए हैं। ताकि एक्सीडेंट होने की स्थिति में मरीज को जल्द से जल्द हॉस्पिटल में पहुंचाया जा सके और उसे बचाया जा सके। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है एंबुलेंस को शहरी में ग्रामीण क्षेत्र में जाने के लिए ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए।

मेरठ में 10 ब्लैक स्पॉट

अगर बात ब्लैक स्पॉट की करें तो प्रदेश में शासन के द्वारा 100 ऐसे ब्लैक स्पॉट बनाए गए हैं, जहां खतरनाक एक्सीडेंट होते हैं। वहीं मेरठ में ट्रैफिक पुलिस ने दस ऐसे खतरनाक स्पॉट को चिह्नित किया है। जहां पर सबसे ज्यादा एक्सीडेंट और दुर्घटनाएं होती है। अधिकारियों की मानें ये सभी स्पॉट नेशनल हाईवे पर बनाए गए हैं। जिनमें सबसे अधिक नेशनल हाई वे 58 हैं। जिनमें से भूड़भराल, परतापुर तिराहा, और रुड़की रोड के कुछ प्वाइंट्स को लिया जा सकता है।

मौजूद रहेंगी एंबुलेंस

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अरविंद कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि ब्लैक के स्पॉट के नजदीक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी, पुलिस चौकी, इनमें से जो भी हो वहां पर 108 एंबुलेंस की सुविधा जरूर उपलब्ध कराई जाए। प्रमुख सचिव के आदेशों की मानें तो इन एंबुलेंस में मरीज के प्राथमिक इलाज के पूरे उपकरण होने जरूरी होंगे। ताकि हॉस्पिटल में पहुंचने से पहले 10 से 15 फीसदी इलाज संभव हो सके और उसकी जान को बचाया जा सके।

जल्द से जल्द पहुंचे एंबुलेंस

अधिकारियों की मानें तो एंबुलेंस की व्यवस्था और इस दुरुस्त करके रखा जाए कि शहरी क्षेत्र में 20 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट में पहुंचा जा सके। इस बात को सीएम भी कुछ दिन अपने भाषण में कह चुके हैं कि अब लोगों की पहुंच में 20 और उससे भी कम मिनट में एंबुलेंस पहुंच में होगी। वैसे ये जिले के अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहने वाली है। क्योंकि कई बार जिले में एंबुलेंस के लेट पहुंचने और सवारियां ढोने की शिकायतें भी मिल चुकी हैं।

मेरठ में कुल 25 एंबुलेंस

मुख्यमंत्री की 500 एंबुलेंस की घोषणा के बाद मेरठ को 9 एंबुलेंस दी गई थी। जिससे अब मेरठ में एंबुलेंस की संख्या 25 हो गई है। अधिकारियों की मानें तो मेरठ में 108 एंबुलेंस की संख्या पर्याप्त मात्रा में हैं। ऐसे में लोगों को हॉस्पिटल में पहुंचाने में कोई दिक्कत या परेशानी नहीं होगी। वैसे भी मेरठ में कई प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिग होम हैं। जिनकी अपनी एंबुलेंस सड़कों पर दौड़ रही हैं।

2 लाख पर एक एंबूलेंस जरूरी

शासन के आदेशों की मानें तो जिन जनपदों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या 10-10 लाख से ऊपर हैं। उन जनपदों में 2 लाख की पॉपुलेशन पर एक एंबुलेंस का प्रावधान किया गया है। अगर बात मेरठ जिले की करें तो मौजूदा समय में मेरठ की कुल पॉपुलेशन करीब 36 लाख के आसपास हैं। इसका मतलब ये हैं कि 25 एंबुलेंस के हिसाब से एक एंबुलेंस 1.44 लाख की आबादी पर है।

वर्जन

हमारे जिले में 10 ब्लैक स्पॉट हैं। जो कि नेशनल हाईवे पर बनाए गए हैं। सिटी में ब्लैक स्पॉट इसलिए नहीं बनाए गए क्योंकि वहां पर एक्सीडेंट होना काफी मुश्किल होती है। भारी ट्रैफिक और गाडि़यों की स्पीड काफी स्लो होती है।

- पीके तिवारी, एसपी ट्रैफिक

हमारे यहां पर कुल 25 एंबुलेंस 108 नंबर की हैं। जिसमें से 100 फीसदी कार्यरत हैं। जिसके आदेश प्राप्त हुए हैं, उन्हें अमल में लाया जाएगा।

- जीएस नेगी, 108 एंबुलेंस प्रभारी