- 1988 में परम पूज्य संत डोंगरे महाराज ने की थी मूर्ति की स्थापना

Meerut : मेरठ के कैंट क्षेत्र में स्थित मां अन्नपूर्णा देवी की कृपा से घर में कभी भी रोटी कमी नहीं खलती है। ऐसी मान्यता है कि यहा मां की कृपा से अन्न की वर्षा होती है। बताया जाता है कि इस मूर्ति की उपासना करने से सुख और शांति मिलती है।

ऐसे हुई शुरुआत

मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री ब्रजभूषण ने बताया कि 1988 में मेरठ के भैसाली गाउंड में पहुंचे संत डोंगरे जी भागवत कथा के लिए आए हुए थे। उन्हीं दिनों में उन्हीं के आदेश से मां अन्नपूर्णा ट्रस्ट बनाया गया था। उस समय 50 गरीब लोगों भोजन कराकर इस मंदिर की शुरुआत की गई थी। उसके बाद 1994 में स्वामी कल्याण देव जी ने यहां मंदिर में मां अन्नपूर्णा देवी की छोटी मूर्ति स्थापित की थी।

बरसती है कृपा

मां की बरसती कृपा से धीरे-धीरे यहां खाना खाने व खिलाने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई, जिसे देखते हुए 2003 में शंकराचार्य दिव्यानंद महाराज के हाथों एक विशाल मंदिर में बड़ी मूर्ति की स्थापना की गई थी। आज यहां 200 से अधिक लोग रोजाना भोजन करते हैं। ब्रजभूषण ने बताया कि संस्था का प्रयास रहता है कि मानव को कोई दुख न रहे, इसलिए संस्था की ओर से कन्याओं के विवाह, हेल्थ कैंप व विभिन्न तरह के आयोजन किए जाते हैं।

दूर होते हैं भक्तों के कष्ट

पुजारी अरुण शास्त्री ने बताया कि यहां पर अनेकों दुख दूर हो जाते हैं। आज तक कोई ऐसा नहीं है जो अपनी कामना पूरी किए बिना लौटा हो। उन्होंने बताया कि माता की कृपा से अनेकों की शादियां हुई, और कई लोगों को संतान की प्राप्ति हुई है।

नवरात्र के इन नौ दिनों सुबह हवन और मां का श्रृंगार किया जाता है। अष्टमी व नवमीं पर भंडारा होता है।

पं। अरुण शास्त्री, पुजारी