मेरठ (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए फीडबैक अभियान एक जुलाई को शुरू हुआ था। अभियान के खत्म होने में मात्र चार दिन शेष बचे हैैं। अभियान के लिए करीब 20 लाख से अधिक लोगों को अपना फीडबैक देना था। मगर आपको ये जानकार ताज्जुब होगा कि 55 दिन में केवल 15 हजार लोगों ने अपना फीडबैक दिया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जागरूकता न होना। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम कितना सीरियस है।

बीते वर्ष 15वीं रैैंक
दरअसल, नगर निगम को पता है कि उसने स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए विकास कार्य भले ही कम किए हों लेकिन अगर जनता ने उनके विकास कार्यों पर मोहर लगा दी तो इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक नगर निगम के खाते में आ जाएगी। साल 2022 में निगम को सात हजार करीब फीडबैक हासिल हुआ था और इसी की बदौलत निगम ने बीते वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में 15वीं रैंक हासिल कर चुका है। इसी के चलते नगर निगम ने एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैैंकिंग के लिए अधिक से अधिक लोगों का फीडबैक जुटाना शुरू कर दिया है। इसके लिए शहर में जगह-जगह क्यूआर कोड स्कैनर भी निगम ने लगा दिए हैैं।

अधिक अंक लेने की कवायद
नगर निगम की तरफ से सिटीजन फीडबैक का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। इसमें प्रदेश और देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों से मेरठ नगर निगम की प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में अन्य महानगरों के मुकाबले अधिक से अधिक सिटीजन फीडबैक कराया जाना है। तभी बेहतर रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन अन्य शहरों की तुलना में मेरठ के फीडबैक की रफ्तार बहुत धीमी है क्योंकि अन्य शहरों का फीडबैक लाखों तक पहुंच चुका है। अब ऐसे में इसके लिए निगम के एसबीएम सेल की टीम को लगाया गया है। जिसमें कुछ आइटी एक्सपर्ट भी हैं। जो मोहल्लों में जाकर लोगों से फीडबैक देने की अपील करने के साथ फीडबैक कराने का काम कर रहे हैं।

दे सकते हैैं फीडबैक
मोबाइल के क्यूआर कोड स्कैनर से निगम के क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद सिटीजन फीडबैक 2023 का पेज खुल जाएगा। यहां फीडबैक में लोगों को 9 सवालों के जवाब देने होंगे। जिसके बाद फीडबैक दर्ज कर लिया जाएगा। हालांकि नगर निगम की वेबसाइट एसबीएमयूआरबीएएन।ओआरजी पर जाकर भी आप अपनी फीडबैक दे सकते हैैं।

फैक्ट्स एक नजर में
1 जुलाई से शुरु हुआ था फीडबैक अभियान
16 अगस्त थी फीडबैक की अंतिम तिथि
अब 30 अगस्त तक बढ़ाई गई अंतिम तिथि
20 लाख से अधिक आबादी को देना है फीडबैक
15 जुलाई तक मात्र 3 हजार लोगों ने दिया था फीडबैक
इसमें सिटीजन फीडबैक 2475 अंक निर्धारित हैं
फीडबैक में 9 सवालों के देने होंगे जवाब
निगम द्वारा जारी क्यूआर कोड या लिंक से दे सकते हैं फीडबैक
लिंक पर क्लिक करने के बाद फीडबॅैक के लिए सवालों के देने होंगे जवाब
मंगलवार तक 15491 लोगों ने दिया निगम को फीडबैक

सात साल में सिटीजन फीडबैक
वर्ष 2016- 224 अंक
वर्ष 2017-216.89 अंक
वर्ष 2018-605.73 अंक
वर्ष 2019-662.3 अंक
वर्ष 2020-736.27 अंक
वर्ष 2021-1157.17 अंक
वर्ष 2022-2047.08 अंक

सात साल में स्वच्छता सर्वेक्षण में मिली रैंक
वर्ष 2016- 69 वीं रैंक
वर्ष 2017-339 वीं रैंक
वर्ष 2018-323 वीं रैंक
वर्ष 2019-286 वीं रैंक
वर्ष 2020-41 वीं रैंक
वर्ष 2021-27 वीं रैंक
वर्ष 2022-15 वीं रैंक

इन सवालोंं के देने होंगे जवाब
क्या आपके घर से हर दिन कूड़ा एकत्र होता है?
क्या कचरा अलग अलग एकत्र किया जाता है?
क्या शहर के नाले पूरी तरह साफ हैं?
क्या आप निगम के आरआरआर के बारे में जागरुक हैं?
क्या शहर के सामुदायिक सार्वजनिक शौचालय साफ हंै?
क्या आपने कभी सार्वजनिक शौचालय का उपयोग किया है?
क्या डिजीटल मैप पर शौचालयों की स्थिति मिलती है या नहीं?
आपके मोहल्ले के आसपास साफ सफाई की स्थिति क्या है?

2022-23 में स्वच्छ सर्वेक्षण की स्थिति
7500 अंकों का है सर्वेक्षण
2250 अंक का था सिटीजन फीडबैक
देश में मेरठ नगर निगम की 15वीं रैंक थी
मेरठ को मिले थे कुल 5283.65 अंक
सिटीजन फीडबैक में मिले थे 2047.08 अंक
सर्वेक्षण में मिले थे 70.4 प्रतिशत अंक
सिटीजन फीडबैक में मिले थे 90.9 प्रतिशत अंक

अधिकतर लोगों को पता ही नहीं है कि स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। फीडबैक के लिए निगम की तरफ से कहीं कोई जागरुकता अभियान भी नहीं चलाया जा रहा है।
सुमित

निगम कुछ चुनिंदा इलाकों तक ही स्वच्छता अभियान सीमित रखता है और उन्हीं क्षेत्रों से फीडबैक लेने का प्रयास करता है। 70 प्रतिशत शहरवासियों को फीडबैक कैसे करना है।
शरीफ

हमारे क्षेत्र में तो पूरे साल सफाई ही नहीं होती तो स्वच्छता सर्वेक्षण का फीडबैक तो बहुत दूर की बात है। अगर स्वच्छता सर्वेक्षण की जांच हो तो निगम की सफाई की पोल खुल जाए।
मदन

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए सिटीजन फीडबैक का आंकडा तेजी से बढ़ रहा है। 30 अगस्त तक शहर के अधिक से अधिक लोगों का फीडबैक देकर सर्वेक्षण में अपना सहयोग दे सकते हैं।
प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त