- कांवड़ को लेकर जारी की गई गाइडलाइन पर भाजपाईयों का आपत्ति पत्र

- डीजे और लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध हटाने को लेकर की मांग

- डीएम ने कहा कि जारी रहेगा डीजे और लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध

Meerut : डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इस बार किसी भी कांवड़ शिविर में डीजे और लाउड स्पीकर लगाने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध को हटाने के लिए वैसे तो कई लोग आ रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को जब विधायक और मेयर और उनके समर्थक आए तो प्रतिबंध की असली बात निकलकर सामने आई। आखिर कौन-कौन से हैं वो कारण? आइए आपको भी बताते हैं

पहले विधायक और मेयर की बात

कैंट विधायक और मेयर की ओर से डीएम से कहा गया कि शिविर से डीजे और लाउड स्पीकर का प्रतिबंध हटा दिया जाए। कांवडि़ये आते हैं तो उनके मनोरंजन के लिए ही डीजे लगाए जाते हैं। ताकि उनकी थोड़ी थकान कम हो सके। वो थोड़ी मौज मस्ती कर सकें। उसमें कोई न्यूसेंस क्रिएट नहीं होता है। अगर न्यूसेंस क्रिएट करने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

डीएम का दो टूक जवाब

डीएम ने उनकी पूरी बात सुनने के बाद दो टूक जवाब दिया कि प्रतिबंध नहीं हटाया जाएगा। डीएम ने इसका लॉजिक देते हुए कहा कि जिस पर तरह के भजनों को डीजे पर चलाया जाता है वो किसी भी तरीके से सुनने लायक नहीं होते हैं। भजनों का मजाक बनाया जाता है। मौजूदा फिल्मों और म्यूजिक एल्बम के गीतों को भजनों में कनवर्ट कर भक्ति का माखौल उड़ाया जाता है, जो ठीक नहीं है।

गुलशन कुमार के भजन क्यों नहीं लगाते?

डीएम ने मौज और मस्ती की बात का जवाब देते हुए कहा कि क्या मस्ती और मौज सिर्फ डीजे पर बजने वाले गीतों से आती है। इन शिविरों पर अनुराधा पौंडवाल के गीतों को क्यों नहीं बजाया जाता है? गुलशन कुमार के भजनों की तो एक लंबी फेहरिस्त है, लेकिन उनके भजनों को नहीं सुनते हैं। सिंगर लखवीर सिंह 'लक्खा' के भजनों में जितनी मस्ती होती है शायद किसी के भजनों में नहीं होती है। उनके भजनों पर अपने आप ही पैर थिरकने शुरू हो जाते हैं। उसके बाद कोई इन बातों का जवाब नहीं दे सका।

ये भी रखी मांगे

- हाई वे की सड़कों पर जहां कमी बाकी रह गई है उन्हें युद्धस्तर पर दुरुस्त किया जाए।

- नए लगने वाले कांवड़ शिविरों के आयोजकों को नए नियमों के नाम पर प्रताडि़त न किया जाए। उन्हें शिविर लगाने की अनुमति दी जाए।

- शिविर में लगने वाले लाउड स्पीकर पर किसी प्रकार का प्रतिबंध न लगाया जाए।

- शिविर में डीजे पर प्रतिबंध न लगाया जाए।

- कांवड़ शिविरों तथा उनकी व्यवस्था के लिए एक निगरानी समिति बनाई जाए। जो लाखों कांवडि़यों के स्वास्थ्य, हादसे तथा सभी आपात व्यवस्थाओं की निगरानी करें।

डीजे और लाउडस्पीकर प्रतिबंध जारी रहेगा। इन पर से रोक नहीं हटेगी। अगर कोई उल्लंघन करता है तो कार्रवाई होगी।

- पंकज यादव, डीएम