मेरठ ब्यूरो। स्क्रैप पॉलिसी लागू होने के बाद भी शहर की सडक़ों से ना तो खटारा वाहनों की संख्या में कमी आ रही है। ना आबोहवा सही है। हालत यह है कि स्क्रैप होने के बजाए 10 से 15 साल पुराने कबाड़ वाहन बिना एनओसी के ही शहर की सडक़ों को प्रदूषित कर रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर नाम मात्र के वाहन सीज किए जा रहे हैं।
तैयार किया प्रपोजल
खास बात यह है कि अभी तक परिवहन विभाग के पास स्क्रैप वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह नहीं थी लेकिन अब इस समस्या से निजात मिल सकती है। दरअसल, परिवहन विभाग ने भूड़बराल में स्क्रैप सेंटर बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
एनओसी के नाम पर दौड़ रहे वाहन
गौरतलब है कि जिले में करीब 1.81 लाख से अधिक पुराने वाहन सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। इनमें शहर और देहात में 25 हजार से अधिक वाहन ऐसे हैं जिनकी उम्र पूरी हो चुकी है। इन वाहनों ने विभाग से एनओसी तो ले ली लेकिन उनका संचालन अभी भी एनसीआर क्षेत्र में जारी है। मेरठ के अधिकतर वाहन मालिक अपने 10 से 15 साल पुराने रजिस्टर्ड वाहन को पड़ोस के जनपद बिजनौर में रजिस्टर्ड कराने के बाद मेरठ में ही दौड़ा रहे हैं। इससे उनके डीजल और पेट्रोल वाहन की निर्धारित उपयोग अवधि पांच साल भी बढ़ गई और वाहन एनसीआर की सडक़ों पर प्रतिबंधित होने के बाद भी सडक़ो पर संचालित हो रहे हैं।

बनने लगा स्क्रैप सेंटर
अब सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी के तहत स्क्रैप सेंटर खोलने शुरू कर दिए हैं। इसमें 10 से 15 साल की उम्र पूरी कर चुके वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। मेरठ में रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर भूड़बराल में खोला जाएगा। इसकी जिम्मेदारी मेरठ की ही कंपनी अमर टेलीकम्युनिकेशन एंड कंस्ट्रेक्शन को दी गई है। कंस्ट्रेक्शन कंपनी ने तेजी से सेंटर पर निर्माण कार्य शुरु कर दिया है। विभाग के अनुसार 2024 जनवरी तक सेंटर शुरु कर दिया जाएगा। इसके बाद इस सेंटर में पुराने वाहनों को काटने की प्रक्रिया शुरु होगी।

सही कीमत मिलेगी
इन स्क्रैप सेंटर पर पुराने वाहन की सही कीमत मिलेगी। साथ ही संबंधित कंपनी की नई गाड़ी खरीदने पर मिलेगी 10 से 15 प्रतिशत छूट भी मिलेगी। वहीं, रजिस्टर्ड सेंटरों पर पुराने वाहन बेचने वालों को एक रसीद मिलेगी, जिसे दिखाने के बाद ही नई गाड़ी पर निर्धारित छूट का लाभ मिलेगा।

नहीं बेचे जाएंगे पाट्र्स
पांच साल बाद सेंटर संचालक के लाइसेंस का नवीनीकरण होगा। सेंटर पर एक मैकेनिकल इंजीनियर भी तैनाती रहेगी। खरीदी गई पुरानी गाडिय़ों के इंजन, गेयरबॉक्स और चेसिस को स्क्रैप में नहीं बेचे जाएंगे। ये सभी पार्ट संबंधित वाहन कंपनी को ही बेचे जाएंगे

एनजीटी की सख्ती
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अनुसार एनसीआर में डीजल चालित वाहनों की उपयोग अवधि 10 साल और पेट्रोल चालित वाहनों की 15 साल निर्धारित है। इससे अधिक वर्ष पहले बने वाहन दिल्ली एनसीआर की सडक़ों पर प्रतिबंधित हैं।

एक माह का समय
परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को राहत देने के लिए आरटीओ कार्यालय से एनओसी लेने के लिए एक माह का समय दिया है। आरटीओ के अनुसार करीब 1.81 लाख वाहन पूरी कर चुके आयु हैं। अवधि पूरी होने के बाद वाहन 34 जनपदों में एनओसी लेने के बाद संचालित हो सकते हैं।

भूड़बराल में स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए कंपनी का चयन हो चुका है। कंपनी ने निर्माण कार्य शुरु कर दिया और उम्मीद है कि अगले साल शुरुआत में सेंटर का संचालन शुरु हो जाएगा।
- राहुल शर्मा, आरआई
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अच्छी व्यवस्था है, लेकिन इसके लिए सख्ती से पुराने वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई करनी होगी तभी यह व्यवस्था कामयाब होगी।
- मनोज गुप्ता

10 व 15 साल पुराने वाहनों को पकडऩे के लिए टीम को सक्रिय होना पड़ेगा तभी स्क्रैप सेंटर तक वाहन पहुंचेंगे।
- मनीष

इस व्यवस्था से शहर की सडक़ों से पुराने वाहन हटना शुरु हो जाएंगे, पॉल्यूशन कम होगा।
- संचित गुप्ता