-बहन के दूसरी बिरादरी के व्यक्ति से निकाह से क्षुब्ध था आरोपी

-गले में पहने लॉकेट ने बचाई जान, हालत खतरे से बाहर

Mawana: ईद का पाक त्यौहार जिस दिन बहनें अपने भाई से ईदी के इंतजार में रहती है लेकिन, वहीं अपनी तलाकशुदा बहन द्वारा दूसरी बिरादरी के व्यक्ति से निकाह करने से क्षुब्ध इंचौली निवासी एक युवक ने ईद के दिन बहन के सीने में गोली मार दी। घटना को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गया, जबकि घायल महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

तलाक के बाद की दूसरी शादी

प्राप्त जानकारी के अनुसार इंचौली निवासी शबनम (35 वर्ष) पुत्री उमरदीन मलिक का निकाह लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व लक्खीपुरा मेरठ निवासी इरफान पुत्र शौकत से हुई थी जिससे उसके तीन बच्चे है। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व इरफान ने उसे तलाक दे दिया तो इद्दत के बाद शबनम ने इंचौली निवासी पहले से ही शादीशुदा व नौ बच्चों के पिता अनीस कुरैशी पुत्र लियाकत से निकाह कर लिया तथा मेरठ रहने लगी।

बदनामी से क्षुब्ध था परिवार

लगभग एक सप्ताह पूर्व अनीस शबनम को गांव में अपने घर ले आया। दूसरी बिरादरी के व्यक्ति से निकाह करने के कारण बिरादरी में हो रही बदनामी से शबनम के परिवार वाले पहले से ही क्षुब्ध थे लेकिन अब उसके गांव में ही आकर रहने के कारण हो रही बदनामी के चलते उसके भाइयों व परिवार के लोगो का घर से निकलना दूभर हो गया था। बताया जाता है कि गुरुवार को सुबह लगभग आठ बजे जब सभी लोग ईद की नमाज के लिए गए हुए थे उसी वक्त मौका ताड़ शबनम का भाई वसीम उसकी सुसराल पहुंचा तथा ईद की तैयारियों में लगी शबनम के गले पर तमंचा सटा गोली मार दी तथा मौके से फरार हो गया।

मोहल्ले वालों ने कराया भर्ती

इसी बीच गोली चलने की आवाज सुन आसपास के लोग उसके घर पहुंचे तथा एंबुलेंस में डाल पहले थाने फिर जिला अस्पताल ले गए जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। घटना के संबंध में महिला के वर्तमान पति अनीस ने अपने साले नदीम व वसीम, सास शकूरी व नदीम के साले समान के खिलाफ घर में घुस जानलेवा हमला करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

लॉकेट ने बचा ली जान

इंचौली : जाको राखे साइयां मार सके ने कोय या यूं कह दे कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है कुछ ऐसा ही शबनम के साथ हुआ। शबनम को मारने में उसके भाई ने कोई कसर नही छोड़ी तथा गले के निचले हिस्से से तमंचा सटा कर गोली मारी। लेकिन कहते है न कि जिसकी मौत न आई हो उसका कोई बाल बांका भी नही कर सकता। गोली शबनम के गले में पहने सोने के लॉकेट (पैंडल) पर लगने के कारण शरीर में नही घुस पाई। जिससे उसके गले में गोली का मात्र मामूली सा घाव ही बना तथा उसकी जान बच गई।