-पिछले 35 दिनों से हड़ताल पर हैं सर्राफा कारोबारी

-अब तक कारोबारियों को लगी 350 करोड़ की चपत

Meerut : सर्राफा व्यापारियों के प्रदर्शन की आग में मेरठ सहित पूरे देश में सोने व चांदी की चमक फीकी पड़ गई है। मांगों को लेकर सर्राफ व्यापारी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। हर दिन उनका प्रदर्शन और हड़ताल मजबूत होता जा रहा है। इतना ही नहीं दूसरे व्यापारी संगठन भी सर्राफा व्यापारियों के समर्थन में जुटते जा रहे हैं। अकेले मेरठ से अब तक व्यापारियों को 350 रुपए की चपत लग चुकी है।

बढ़ रही आग

सर्राफा व्यापारियों के प्रदर्शन की आग बढ़ती ही जा रही है। एक मार्च को हड़ताल का ऐलान करने वाले सर्राफ व्यापारियों को यह उम्मीद थी कि सरकार उनकी मांग को मान लेगी और बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी वापस हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसका नतीजा ये हुआ कि सर्राफा व्यापारियों का पिछले 35 दिन से धरना- प्रदर्शन, मीटिंग, पुतला दहन और ज्ञापन सौंपे जाने का क्रम जारी है।

350 करोड़ का नुकसान

ज्वैलरी मार्केट के बंद रहने से अब तक पूरे जनपद में 350 करोड़ से अधिक का बिजनेस प्रभावित हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी सर्राफ व्यापारियों का हौसला बुलंद है।

बुलियन इंपोर्ट पर हो टैक्स

सर्राफ व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी से केवल 1650 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति सरकार को होगी। यदि बुलियन के इंपोर्ट पर वन परसेंट कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी जाए तो राजस्व की प्राप्ति 2,125 करोड़ हो जाएगी, जिसका नियंत्रण करने में सरकार को काफी सरलता होगी।

जब तक सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी को सरकार खत्म नहीं करती। तब तक सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर रहेंगे। आंदोलन दिन-प्रतिदिन तेज होता रहेगा।

-दिनेश रस्तोगी, महामंत्री सर्राफा कारोबारी

एक नजर में

देश में हैं 4 लाख सर्राफ एवं 40 लाख कारीगर

मेरठ में 2000 से अधिक सर्राफा कारोबारी

जनपद में ज्वैलर्स की संख्या 2700 से अधिक