मैमोरी बढ़ाने वाली दवाई?

बाजार में इस समय मैमोरी बढ़ाने वाली दवाई बिक रही है। स्टूडेंटस सोच रहे हैं कि ये दवाई खाने से उन्हें ज्यादा दिक्कत नहंी होगी और वो एग्जाम में अच्छे माक्र्स ले आएंगे। सब कुछ एक पेनड्राइव की तरह उनके माइंड में सेट हो जाएगा।

सोल्यूशन- ऐसी कोई भी दवाई आपको एग्जाम में अच्छे माक्र्स नहीं दिला सकती है। मैमोरी सिर्फ प्रोसेस से ही बढ़ सकती है उसके लिए जरूरी एफर्ट तो होने ही चाहिए। बिना मेहनत के कुछ हासिल भी नहीं हो सकता है।

टाइम मैनेजमेंट की प्रॉब्लम

स्टूडेंटस अपना टाइम मैनेजमेंट नहीं कर पा रहे हैं। पूरे साल फेसबुक और दोस्तों के साथ मस्ती में साल गुजर जाता है। लेकिन अब पढ़ाई के लिए स्टूडेंटस को टाइम मैनेज करने में प्रॉब्लम हो रही है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि कैसे टाइम मैनेज करें।

सोल्यूशन- टाइम मैनेजमेंट के लिए सबसे पहले आपको अपना शेडयूल बनाना होगा। फेसबुक, दोस्तों के साथ मस्ती जैसी सभी गतिविधियों से फिलहाल दूर रहना होगा। चार घंटे लगातार पढ़ाई नहीं हो सकती है, तो आपको दो घंटे पढ़ाई करना जरूरी है और उसके बाद आधा या एक घंटे का ब्रेक आप ले सकते हैं।

किस सब्जेक्ट को कितना टाइम?

स्टूडेंटस परेशान है कि किस सब्जेक्ट को कितना टाइम दें? पूरे साल जिस सब्जेक्ट से भागते रहे अब उस पर एक साथ मेहनत कैसे करें? किस सब्जेक्ट को दूर रखें?

सोल्यूशन- सब्जेक्ट को कितना टाइम दे ये आप खुद देखें। टेंशन लेने की जगह मुश्किल सब्जेक्ट के लिए अलग से टाइम निकालें, अपने टाइम टेबल में इस सब्जेक्ट को अधिक बार रखें, जिससे ये जल्दी से कवर हो सके। जबकि जिसमें आप परफेक्ट हैं, ऐसे सब्जेक्ट में आप थोड़ा थोड़ा टाइम निकाल सकते हैं। लेकिन दूरी नहीं बनाए, सब्जेक्ट के टच में जरूर रहें।

घबराहट बहुत हो रही है?

एग्जाम की टेंशन और उससे भी बड़ी तैयारी पूरी नहीं है। ऐसे में स्टूडेंटस घबरा रहे हैं। वह इसका सोल्यूशन निकाल नहंी पा रहे हैं, जिससे टाइम भी निकले ही जा रहा है।

सोल्यूशन- एग्जाम की टेंशन होना नार्मल हैं। लेकिन इसका सोल्यूशन यही है कि जिस सब्जेक्ट में आप परफेक्ट हैं, टेंशन के वक्त उस ही सब्जेक्ट की तैयारी करें। इससे आपको कांफीडेंस मिलेगा और आप बेहतर कर पाएंगे। साथ ही जिस सब्जेक्ट में आप परफेक्ट हैं और जिसमें कमजोर उन दोनों को साथ साथ पढऩा जरूरी है। इससे आपको कांफीडेंस मिलेगा।

हमारा बच्चा पढ़ता नहीं

कई पैरेंटस भी इस समय मुश्किल में है, कि एग्जाम नजदीक आ रहे हैं लेकिन उनका बच्चा पढ़ नहीं रहा है। पूरा दिन टीवी, कम्प्यूटर, फोन और घूमता रहता है।

सोल्यूशन- इस नेचर को नेगेटिव ना लें, अपने बच्चें से कहें कि तुम्हारी तैयारी अच्छी हो सकती है, लेकिन उससे भी आगे एक स्टेप बढऩा जरूरी है, जिससे कोई दिक्कत नहीं हो। हो सकता है कि वो पढ़ाई पर वाकई ध्यान नहीं दे रहा हो, ऐसे में बच्चें को इमोशनली जोडऩा जरूरी है, उसे डांट कर कुछ नहीं नतीजा निकल सकता है।

हम टॉप कैसे करें?

टेंशन उन स्टूडेंटस को भी है, जो पढ़ाई में अच्छे हैं, वो चाहते हैं कि हमारी तो तैयारी अच्छी है, लेकिन टॉप कैसे किया जाए। कैसे अच्छे से अच्छे माक्र्स लाए जाएं।

सोल्यूशन- अच्छे माक्र्स के लिए सिस्टेमेटिक स्टडी होनी चाहिए। हमारा कोई टॉपिक छूटना नहीं चाहिए। फाइटिंग फार एवरी माक्र्स। अधिक से अधिक प्रश्न पत्र हल करना आना चाहिए।

इस समय करें संपर्क

टाइम- 4 टू 8 पीएम

डा। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर 9837159564

 

बच्चों को टेंशन होना लाजमी है, रोज 10 से 12 बच्चें फोन करते हैं। टेंशन दूर करने का एक ही उपाय है बच्चें में कांफीडेंस भरा जाए।

डा। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर