- बाल संरक्षण गृह में पहुंचकर बच्चों ने साझा किए अनुभव

- बच्चे बोले, पहले जो नहीं था खाया वो सब मिला खाने में

- फल से लेकर चिकन तक खिलाया गया है बच्चों को

Meerut : बंगाली महिला के चंगुल से छूटने के बाद बाल संरक्षण गृह में पहुंचे मासूम बच्चों को मानों जैसा स्वर्ग सा मिल गया हो। दोनों बच्चों ने जैसे ही अच्छे खाने के साथ अपने जैसे बच्चों का माहौल देखा तो मानों जैसे उनकी खुशी का ठिकाना न था। अब वह बच्चे संरक्षण गृह में बहुत ही खुश है और उन्हें वहा अपना सा अहसास होने लगा है।

अंगूर और चिकन खाया

अभी तक हम बंधन में थे और हमें बस मुरमुरे, रस्क और चावल ही खाने को मिले थे। लेकिन जब से हम यहां आए है हमें वो सब मिला जो अभी तक नहीं खाया था। ये शब्द थे महिला के चंगुल से छूटने वाले बच्चों के। बच्चों को वहां अंगूर फल और रात को चिकन भी खाने को दिया गया है। इसके साथ बच्चों को वहां दूध भी पीने को मिला है। बच्चों के अनुसार उन्हें घर से आने के बाद पहली बार ऐसा लजीज खाना खाने को मिला है।

लगता है घर जैसा अहसास

बाल संरक्षण गृह में पहुंचे बच्चों ने जैसे ही अंदर एंटर किया तो उनको ऐसा अहसास होने लगा था कि जैसे स्वतंत्रता मिल गई हो। वहां पर उनके जैसे 20 के आसपास बच्चे पहले से मौजूद है। उनके साथ हंसना उनके साथ खेलना और प्यार के दो शब्द सुनने को मिलना उन्हें घर का अहसास दिला रहा था। बच्चों के अनुसार उन्हें ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो जैसे वह अपनों के ही बीच में आ गए हो।

मेडिकल रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई

शनिवार को दोनों जुवेनाइल का मेडिकल जिला अस्पताल में कराया गया। बाल कल्याण समिति की निगरानी में बच्चों को बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। समिति के चेयरमैन रवि मलहोत्रा ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद लेवर डिपार्टमेंट को स्थिति की जानकारी दी जाएगी। प्रकरण चाइल्ड लेवर से रिलेटेड नजर आ रहा है। पड़ताल के बाद लेवर डिपार्टमेंट इसमें मुकदमा दर्ज कराएगा।