- मीटर से बिक रहा किलो में आने वाला मांझा

- मुनाफे के चक्कर में खुलेआम जान से खेल रहे दुकानदार

- आंख मूंदकर बैठा पुलिस और प्रशासन, बढ़ रहीं हैं दुकानें

- शहर में चाइनीज मांझे ने गिरा दी देसी मांझे की डिमांड

<- मीटर से बिक रहा किलो में आने वाला मांझा

- मुनाफे के चक्कर में खुलेआम जान से खेल रहे दुकानदार

- आंख मूंदकर बैठा पुलिस और प्रशासन, बढ़ रहीं हैं दुकानें

- शहर में चाइनीज मांझे ने गिरा दी देसी मांझे की डिमांड

Meerut: Meerut: इंडिया में चाइना की हर चाल कामयाब हो रही है। यहां की मार्केट में वह पहले ही अपना सिक्का जमा चुका है। अब उसका मांझा लोगों पर जानलेवा हमला कर रहा है। बसंत पंचमी पर पतंगों के बाजार में चाइनीज मांझे ने कोहराम मचा रखा है। जिसके चलते देसी मांझे की डिमांड काफी गिर गई है। यह बेहद खतरनाक होने के बावजूद बाजार में लगातार बिक रहा है। इसको लेकर न पुलिस कुछ कर रही है और ना ही प्रशासन कुछ कर रहा है। दुकानदार भी मुनाफे के चक्कर में बेच रहे हैं। कुछ देसी मांझा बेचना चाहते हैं, लेकिन एक-दूसरे को देखकर अधिक कमाई के चक्कर में इसे ही बेचते हैं।

कमाने की मजबूरी

बसंत पंचमी की चहलकदमी से पहले शहर में पतंगों की दुकानें सज जाती हैं। महीने पहले छतों पर पतंग उड़ने लगती हैं और दुकानों पर खरीदारी होने लगती है। गली मोहल्लों में दुकानों पर पतंग और मांझे बड़ी तादाद में बिकने लगते हैं। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े दुकानदारों तक पतंग और मांझा बेचते हैं। जहां पहले देश में बनने वाला मांझा बिकता था अब उन्हीं दुकानों पर चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है। इसको बेचना इनकी मजबूरी भी बन गया है। जब सामने दुकानदार इस मांझे को बेचकर मुनाफा कमाता है तो दूसरा भी बेचने को मजबूर हो रहा है।

कैसे हो बंद

दुकानदार इस मांझे को मजबूरी में बेच रहे हैं। लेकिन वे भी चाहते हैं कि यह बंद हो। एक भी दुकानदार इस मांझे को बेचना नहीं चाहता। कुछ कमाने के लिए वे इसको बेच रहे हैं। लोकल मांझे से अधिक इसकी डिमांड बढ़ गई है। बरेली और रामपुर से आने वाला धागे का मांझा कभी खूब बिकता था, आज उसको खरीदने वाले कम दिखाई दे रहे हैं। दुकानदारों में इसको बेचते हुए डर भी है। अगर इस मांझे से किसी की मौत हो गई तो वे क्या करेंगे? अभी से ही पुलिस और प्रशासन इस मामले में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। अगर कोई वारदात होती है तो दुकानदारों को दोषी ठहराया जाएगा।

मांझे पर लगे पाबंदी

पतंग-मांझा व्यापारी नौशाद और मोहम्मद फैज पिछले साल से इस मांझे को बैन की मंशा रखते हैं। पतंग और मांझे की बड़ी मार्केट सदर बाजार व खैर नगर हैं। जहां दुकानदारों से बातचीत हुई तो उनका कहना है कि इस मांझे ने लोगों की दुकानदारी खराब कर दी है। कोई भी दुकानदार इसको नहीं बेचना चाहता। कई प्रदेशों में तो इसको बैन कर दिया गया है, लेकिन यहां इसको बेचा जा रहा है। इस मांझे से पतंग उड़ाने की किसी को भी सलाह नहीं देते। हमेशा बरेली के धागे वाले मांझे को ही बेचते हैं।

किलो में खरीदारी, मीटर में बिक्री

पूर्वा शेखलाल में पतंग बनाने वाले व्यापारी अनिल कुमार की दुकान पचास साल से भी पुरानी है। यह हमेशा बरेली का मांझा बेचते हैं। जिसमें मिर्जा जी, उमर भाई, नईम भाई, एसके खान सहित दर्जनों ब्रांड के मांझे आते हैं। इनका कहना है कि चाइनीज मांझे की बदौलत देशी मांझे कम बिक रहे हैं, जबकि यह मांझे अब से पहले सेल जो जाते थे। देशी मांझा रील में मीटर के हिसाब से आता है और चाइनीज मांझा किलो के हिसाब से मिलता है। इस मांझे की डोर प्लास्टिक की होती है। जिससे मछली पकड़ी जाती है। साथ ही इस पर कांच लगने के बाद यह और भी खतरनाक हो जाता है। जिससे किसी की मौत भी हो सकती है।

इसे यूज ना करें

खैर नगर में मौजूद व्यापारियों मोहम्मद मुख्तयार, नौशाद, अनिल, सुनील, संजय और व्यापारी रजनीश कौशल सहित सभी दुकानदारों ने इस मांझे को यूज ना करने की अपील की है। लोग इस मांझे का इस्तेमाल ना करें। यह मांझा काफी खतरनाक है। इसे बच्चों के हाथ में बिल्कुल ना दें। इससे बच्चों के हाथ कट सकते हैं। यह टूटता नहीं है खिंचता है, जो गर्दन पर लगेगा तो काट देगा। जिससे किसी की भी जान जा सकती है। इसलिए इसको प्रयोग ना करें। पुलिस और प्रशासन से भी इस मांझे पर रोक लगाने की मांग करते हैं। अब पुलिस प्रशासन को ही देखना है कि यह कैसे रोका जाए।

----------------------

इंडिया में चीनी चैलेंज

इस मांझे को चीन ने इंडिया में उतारकर मानो बड़ी साजिश रची है। हर कोई इस मांझे को ही खरीद रहा है। लोकल मांझा गज के हिसाब से मिलता है और यह किलो व ग्राम में बिक रहा है। जिसको दुकानों पर मीटर के हिसाब से बेचा जा रहा है। जिसमें हालत ये है कि दुकानदार कमाई के चक्कर में दूसरों की जान से खेल रहे हैं। पुलिस और प्रशासन भी इस मामले में कुछ करते नहीं दिख रहे। चाईना की यह चाल कामयाब हो रही है। अगर यह बंद नहीं हुआ तो कत्ल में भी इसका इस्तेमाल होने लगेगा।

हम चाहते हैं कि इस मांझे को तुरंत बंद करवाया जाए। यह बहुत खतरनाक है और इससे कई की जान जा चुकी है। कई लोग घायल हो चुके हैं। जनता से अपील है कि वे अपने बच्चों को इस मांझे से पतंग उड़ाने से रोकें। वहीं दुकानदार भी इसको ना बेचें। साथ ही पुलिस व प्रशासन दोनों मिलकर इस मांझे को बंद करवाएं।

- रजनीश कौशल

व्यापारी, खैरनगर

इस मांझे से बड़ा नुकसान होता है। आसमान में उड़ने वाले पक्षी भी इसकी चपेट में आकर मारे जा रहे हैं। लोगों की गर्दन पर लगता है तो काट डालता है। इसलिए सभी से अपील की जाती है कि वे इस मांझे का इस्तेमाल ना करें। ना ही इस मांझे से पतंग उड़ानें दें।

- मनोज शर्मा

व्यापारी, खैरनगर

आजकल चाइनीज मांझा लोगों की जान का दुश्मन बन गया है। ना पुलिस इसके लिए कुछ कर रही है और ना ही प्रशासन। यह मांझा ना टूटता है और ना ही कटता है। गर्दन पर लगता है तो काट देता है। इसलिए मैं अपील करता हूं कि इस मांझे का प्रयोग ना करें। किसी को नुकसान ना हो, इसलिए सादे धागे या फिर लोकल मांझे का ही यूज करें।

- रामकुमार शर्मा, एडवोकेट