-कॉलजों ने यूनीवर्सिटी में किया एफिलिएशन के लिए एप्लाई

- अधूरी डिटेल के साथ मांगी जा रही एफिलिएशन को इनकार

- अधिकांश कॉलेज में न स्टाफ है और न पूरी हो रहीं शर्ते

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी पर दिनों दिन कॉलेजों का बोझ बढ़ता जा रहा है। कुकुरमुत्तों की तरह कॉलेज खुल गए और अब इनको संभालने में यूनिवर्सिटी की कमर झुक रही है। वहीं करीब 150 कॉलेज अभी एफिलिएशन को लाइन में लगकर जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन इनकी फाइलों को यूनिवर्सिटी ने बीच में ही अटका दिया है। ये कॉलेज यूनिवर्सिटी में एफिलिएशन की शर्ते पूरी नहीं कर रहे, इसके बावजूद एफिलिएशन लेने को चक्कर काट रहे हैं। रजिस्ट्रार ने भी साफ कर दिया, पहले शर्ते पूरी करो फिर मिलेगी एफिलिएशन।

यह है सीन

सीसीएस यूनिवर्सिटी के अंडर नौ जिलों में कुल मिलाकर 774 कॉलेज मौजूद हैं, जिनमें 709 सेल्फ फाइनेंस कॉलेज और 65 सरकारी व एडेड कॉलेज शामिल हैं। 290 बीएड कॉलेज भी शामिल हैं। जो केवल बीएड के नाम से ही एफिलिएशन लेकर बैठे हैं। पिछले साल यूनिवर्सिटी के अंडर आने वाले सभी कॉलेजों की संख्या 678 थी, जहां एक साल में 96 कॉलेज बढ़ गए। इन कॉलेजों की बढ़ोतरी के बाद यूनिवर्सिटी पर बोझ भी अधिक बढ़ गया। साढ़े आठ लाख से अधिक स्टूडेंट्स इन कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। जिनको संभालना आसान नहीं है।

150 लाइन में लगे

लगातार एफिलिएशन बढ़ने के कारण यूनिवर्सिटी की हालत पतली होती जा रही है। जहां पहले ही 775 कॉलेज इसके अंडर आते हैं वहीं 150 कॉलेज और लाइन में लगे हुए हैं। जो एफिलिएशन को चक्कर काट रहे हैं। इनकी फाइलें प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी के पास अटकी हैं। जिनका साफ कहना है कि पहले कॉलेज यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन की शर्ते पूरी करेंगे तभी इनकी फाइल आगे बढ़ेगी। अगर शर्ते पूरी नहीं करते तो इनको एफिलिएशन किसी भी कीमत पर नहीं मिलेगी। भले ही यह कॉलेज कुछ भी कर लें।

न स्टाफ, न बिल्डिंग

इन कॉलेजों से एफिलिएशन को लेकर स्टाफ और बिल्डिंग की जानकारी मांगी गई है। जिसको कॉलेज वाले देने को तैयार नहीं हैं। रजिस्ट्रार का कहना है कि कॉलेजों की बिल्डिंग और इनके स्टाफ का कुछ अतापता नहीं है। टीचर्स की डिटेल भी पूरी नहीं दी गई है। ऐसे में कॉलेजों को एफिलिएशन कैसे दी जा सकती है। कई कॉलेजों के मालिक आकर गरमा गरमी करते हैं, लेकिन जब तक ये अपनी पूरी डिटेल नहीं देते तब तक एफिलिएशन नहीं मिल सकती। कुछ कॉलेज एफिलिएशन के लिए वीसी से भी जुगत लगाने में लगे हैं। लेकिन रजिस्ट्रार किसी की मानने को तैयार नहीं हैं।

बनेंगी चार यूनिवर्सिटी

यूजीसी की एक योजना के तहत अधिक कॉलजों वाली यूनिवर्सिटी से दो सौ कॉलेजों की एक यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। ऐसे में सीसीएस यूनिवर्सिटी में कुछ दिन में आठ सौ से अधिक कॉलेज हो जाएंगे। जिसके चलते अब चार यूनिवर्सिटी बनानी पड़ेंगी। माना जा रहा है कि सहारनपुर मंडल और मुरादाबाद मंडल में आने वाले कॉलेजों के लिए एक-एक यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। बाकी कॉलेज सीसीएस यूनिवर्सिटी से जुड़े रहेंगे। इसके बाद इस यूनिवर्सिटी का बोझ भी कम हो जाएगा।

इनका कहना है

डेढ़ सौ कॉलेज हैं जो एफिलिएशन को चक्कर काट रहे हैं। एफिलिएशन के लिए तो आ रहे हैं, लेकिन कोई पूरी जानकारी देने को तैयार नहीं है। ऐसे में इनको किसी भी कीमत पर एफिलिएशन नहीं दी जा सकती। टीचर्स हैं नहीं और बिल्डिंग की भी पूरी जानकारी नहीं।

- प्रभाष द्विवेदी, प्रभारी रजिस्ट्रार, सीसीएस यूनिवर्सिटी, मेरठ

अब एफिलिएशन की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन है। कॉलेजों को पहले पूरी डिटेल देनी होगी इसके बाद ही एफिलिएशन दी जाएगी। शर्ते पूरी करने के बाद ही एफिलिएशन मिलेगी।

- प्रो। एचएस सिंह, प्रो वीसी, सीसीएस यूनिवर्सिटी