मेरठ (ब्यूरो)। नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। मेरठ में दूसरे चरण में 11 मई को मतदान होगा। जनता की समस्या को टटोलने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने वार्ड नीति कैंपेन श्ुारू किया है। इसके तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर आम लोगों की मूलभूत समस्याओं को जान रही है। शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है, लेकिन इसके इतर हकीकत बिल्कुल जुदा है। हालत यह है कि शहर के कुछ इलाकों की हालत दयनीय है। हां, कुछ इलाकों में विकास की गंगा बही, लेकिन कुछ इलाके विकास की बाट जोहते ही रह गए। इस अभियान के पहले दिन वार्ड 34 की मूलभूत समस्याओं को लेकर स्थानीय लोगों से चर्चा कर हकीकत को समझा।

बदहाल है साईपुरम इंडस्ट्रीयल एरिया
दिल्ली रोड से जुड़े वार्ड-34 में शहर का सबसे प्रमुख इंडस्ट्रीयल एरिया साईपुरम आता है। औद्योगिक रेवन्यू के हिसाब से सबसे प्रमुख क्षेत्र है। बावजूद इसके, पांच साल से भरपूर टैक्स कलेक्शन करने के बाद भी नगर निगम यहां विकास से आंखे मूंदे बैठा है। विकास के नाम पर इस क्षेत्र में सड़क तक नगर निगम ने नहीं बनाई है। पांच साल से हालत जस की तस है। वहीं जलनिकासी के नाम पर जगह-जगह टूटी नालियां हैं। बारिश के दिनों में यहां तालाब बन जाता है।

यह है वार्ड की स्थिति
22 हजार कुल मतदाता हैं
12532 पुरुष मतदाता हैं
10000 लगभग आबादी है

आज भी ये हैं समस्याएं
सड़कों की जर्जर हालत, दिल्ली रोड से नूर नगर तक कच्ची सड़क
साईपुरम इंडस्ट्रीयल एरिया में सड़क, जल निकासी, सीवरेज का अभाव
इंडस्ट्रीयल एरिया में स्ट्रीट लाइट की कमी
जल निकासी के लिए अधूरे नाले
सड़कों पर उड़ती धूल, दूषित पेयजल
कूड़ा कलेक्शन सुविधा नही
इंडस्ट्रीयल एरिया में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं

वार्ड- 34 के प्रमुख मोहल्ले
साईपुरम इंडस्ट्रीयल एरिया, तेजपाल एन्क्लेव, मेवला हाफिजपुरा, मंगतपुरम

हमारे क्षेत्र में हाउस टैक्स की भरपूर वसूली होने के बाद भी नगर निगम हमें सड़क, पेयजल स्ट्रीट लाइट की सुविधा देने में नाकाम है। हमारे क्षेत्र में जीरो विकास निगम द्वारा किया गया है।
संजीव मोहन

मेन रोड एप्रोज पूरी तरह जर्जर है। दिनभर धूल उड़ती है। नालियां टूटी हुई है। स्ट्रीट लाइट और सड़क की बेसिक सुविधा देने में अब तक निगम नाकाम है। नगर निगम एमडीए में हमारी सुनवाई तक नही होती है।
प्रवीण मित्तल

विकास के नाम पर नगर निगम का काम शून्य है। पूरे वार्ड में रोड खड़ंजे तक नहीं हैं। खासतौर पर साईपुरम इंडस्ट्रीयल एरिया की स्थिति बहुत खराब है। कई बार विधायक इस क्षेत्र में आ चुके हैं। वादे किए जा चुके हैं लेकिन स्थिति बदत्तर होती जा रही है।
चरणजीत भाटिया

हमारे वार्ड में सड़क और नाले की समस्या प्राथमिक है। इनकी सुविधा के लिए कई बार आला अधिकारियों तक से बातचीत व मांग की जा चुकी है। सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि आए दिन बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।
नरेंद्र सिंह

हमारे वार्ड में मेवला हाफिजपुरा क्षेत्र में बिना बारिश के जलभराव रहता है। क्षेत्र में नालों का गंदा पानी भरा रहता है। वहीं इंडस्ट्रीयल एरिया में तो सड़क की खराब हालत के कारण कारोबार में नुकसान हो रहा है। विकास के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
रामबीर चौहान

सड़कें और नालियां हमारे क्षेत्र की हमेशा से बेसिक डिमांड रही है। यहां खराब सड़कों के कारण हर माह करोड़ों रुपए का उद्योगों को पहुंच रहा है। यानि करीब चार से पांच करोड़ रुपए प्रति माह हो रहा है। पिछले एक साल से नूर नगर वाली प्रमुख रोड बंद है जिससे इंडस्ट्रीज के अधिकतर ट्रक आते हैं।
राकेश मक्कड़

पानी की निकासी और पेय जल की समस्या इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या है। बारिश के दौरान महीनों तक पानी नही निकलता है। आए दिन सड़क की खराब हालत के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।
लोकेश जैन

वार्ड में वेस्ट डिस्पोज के नाम पर ना तो नियमित सफाई होती है और ना ही निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन गाडी की सुविधा मिल रही है। सरस्वती लोक, साई पुरम जैसे प्रमुख क्षेत्र इस वार्ड में होने के बाद भी कनेक्टिंग रोड की सुविधा निगम नही दे पा रहा है।
पंकज गोयल

हाउस टैक्स जमा करने में देरी हो जाए तो निगम पेनल्टी तक वसूल लेता है। लेकिन सीवरलाइन, स्ट्रीट लाइट तो दूर सड़क निर्माण या नालियों का निर्माण आज तक नही कराया गया है। इस क्षेत्र का पेयजल की इस कदर दूषित है कि बिना आरओ साफ पानी नही उपलब्ध होता है। इस कारण जलनिकासी की सुविधा ना होना है।
वीरेंद्र मेंधानी

निगम अपने टैक्स कलेक्शन को लेकर पूरी तरह सक्रिय है लेकिन सुविधाएं देने के नाम पर जीरो है। सड़कों की खराब हालत के कारण इंडस्ट्रीलिस्ट को जो नुकसान होता है उसकी भरपाई के लिए प्रोडक्ट के रेट में इजाफे के रूप में आम जनता को भुगतना पड़ता है।
गौरव राजपूत

हमारे क्षेत्र में निगम या एमडीए की तरफ से योजनाएं तो बहुत बनी है। लेकिन योजनाएं कागजों तक सीमत रही है। विकास कार्यों के नाम पर निगम का योगदान जीरो है। कम से कम कूडा कलेक्शन तक की सुविधा ही दे दें तो क्षेत्र मे जगह जगह गंदगी ना दिखाई दे।
सतेंद्र गुप्ता

वार्ड में विकास कार्यों के लिए नगर निगम ने कई बार बजट स्वीकृत भी किया और योजनाएं भी तैयार की, लेकिन एक भी योजना पिछले पांच साल से धरातल पर नही उतर सकी हैं। स्थिति यह है कि यह क्षेत्र शहर के अंदर होने के बाद भी गांव से बदत्तर स्थिति है।
मनोज अग्रवाल

अपने कार्यकाल की शुरुआत में क्षेत्र में विकास कार्य कराए गए थे। साईपुरम में शुरुआत के छह महीने बाद ही सड़क निर्माण कराया गया था। उसके बाद के विकास कार्य कोरोना के कारण रूक गए निगम द्वारा बजट ही नही मिल पाया।
नीलम शर्मा, पूर्व पार्षद