आयु पूरी होने के कारण तकरीबन 80 फीसदी सिटी बसों का संचालन बंद
10 साल पुराने डीजल वाहनों का एनसीआर में संचालन बैन है एनजीटी के मुताबिक
2009 में शुरू हुआ था जेएनएनयूआरएम के तहत सिटी बसों का संचालन
80 फीसदी सिटी बसों का संचालन बंद हो चुका है शहर में
10 मिनी बसों से ही यात्रा कर रहे हैं शहर के यात्री
120 लो फ्लोर, कमल, मिनी बसें शुरू हुई थी साल 2009 में
2019 दिसंबर में खत्म हो गई है इन बसों की आयु
37 बसों का संचालन बंद किया जा चुका है जनवरी माह में
10 बसों का संचालन बंद किया जा चुका है फरवरी में
60 बसों का देहात रूट पर हो रहा है संचालन
Meerut। एनजीटी के आदेश ने शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, एनजीटी के मानकों के अनुसार 10 साल पुराने डीजल वाहनों का एनसीआर में संचालन बैन है। ऐसे में 2009 से संचालित जेएनएनयूआरएम के तहत सिटी बसों का सफर इस साल खत्म हो रहा है। इस कारण शहर से करीब 80 प्रतिशत सिटी बसों का संचालन बंद हो चुका है। महज देहात रूट पर निर्बाध बस सेवा का संचालन जारी है।
महज 10 बसें ही उपलब्ध
दरअसल, साल 2009 में 120 लो फ्लोर, कमल और मिनी बसों का संचालन शुरु किया गया था। इनकी संचालन आयु 2019 दिसंबर में खत्म हो गई। इसके बाद जनवरी में 37 और फरवरी 10 बसों का संचालन बंद हो चुका है। इसमें शहर के अंदर संकरी सड़कों और जाम की स्थिति को देखते हुए 40 मिनी बसों का संचालन शुरु किया गया था। जिनमें से 30 मिनी बसों की आयु पूरी होने के कारण संचालन बंद हो चुका है। अब मात्र 10 मिनी बसों का शहर में संचालन हो रहा है। इस कारण से शहरवासियों को दिक्कत हो रही है।
बंद हुई लो फ्लोर
शहर में संचालित 10 लो फ्लोर बसों की आयु पूरी होने के कारण जनवरी माह में 10 बसों का संचालन बंद हो गया है। वहीं 60 के करीब कमल बसों का संचालन देहात रूट पर यानि सरधना, मवाना, किठौर, मोदीनगर, सिवाया, किला और किठौर आदि पर हो रहा है। तकरीबन 7 कमल बसें आयु पूरी होने से खड़ी कर दी गई हैं।
लोकल बसों का बढ़ा दायरा
शहर में रोजाना हजारों की संख्या में दैनिक यात्री सिटी बसों में सफर करते हैं। ऐसे में यात्रियों की संख्या अधिक है और बसें कम होने के कारण अधिकतर सभी रूटों पर 20 से 25 मिनट तक यात्रियों को सिटी बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। इसका फायदा उठाकर लोकल डग्गेमार सिटी बसों का शहर में संचालन बढ़ता जा रहा है।
नई बसें अभी मुख्यालय से भेजी नही गई हैं और पुरानी बसें आयु पूरी होने के कारण बंद की जा रही हैं। हमने मुख्यालय मांग की हुई है जल्द बसों की डिमांड पूरी होगी।
विजय कुमार, एमडी एमसीटीएस
मेडिकल से बच्चा पार्क के जाने के लिए पहले हर 5 मिनट में बस मिल जाया करती थी लेकिन अब 15 से 20 मिनट में एक बस आ रही है।
राकेश कुमार
बसों की कमी होने से कई रूटों पर बहुत दिक्कत बढ़ गई है। इसमें जेलचुंगी होते हुए कमिश्नरी जाने वाले यात्रियों को अब ऑटो का ही सहारा लेना पड़ रहा है।
जोगेंद्र
दिल्ली रोड पर तो सिटी बसों का संचालन रेलवे रोड चौराहे पर पूरी तरह से ही बंद हैं। यहां केवल ऑटो का ही सहारा है। रेलवे रोड पर भी कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है।
कुलदीप