- दोनों दलों के नेता कर रहे थे 25-25 सदस्यों का दावा

- वोटों को देखकर आधे समय में क्लियर हो गया समीकरण

Meerut : एक जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष के नॉमिनेशन में जब सपा और भाजपा के नेता कलक्ट्रेट में जुटे थे तो सभी अपनी-अपनी ओर से दावे कर रहे थे, लेकिन गुरुवार के दिन दोनों ही पार्टियों के समीकरण पूरी तरह से हवाई साबित हुए। कांटे की इस टक्कर में कोई भी जीत सकता था।

किसी खेमे में 20 भी नहीं

एक जनवरी की बात करें तो सपा की ओर से शाहिद मंजूर, अतुल प्रधान और अन्य नेता 25 वोट हाथ में होने का दावा कर रहे थे। अतुल ने तो दावा किया था कि 20 मेंबर्स उनके साथ नॉमिनेशन में आए हैं, लेकिन 25 वोट तो दूर सपा कैंडीडेट को 20 वोट भी पूरे नहीं मिले। मामला सिर्फ 18 वोटों पर ही अटककर रह गया। वो भी विनिंग लाइन पर। अगर बात भाजपा की करें तो कुलविंदर और संगीत सोम ने अपनी जीत के बड़े दावे किए थे। जहां कुलविंदर ने कहा था कि सपा में कई विभीषण मौजूद हैं। वहीं संगीत सोम कहा था कि उनके समीकरण प्रदेश के सीएम भी चेंज नहीं कर सकते। रिजल्ट के बाद फुस्स हुए समीकरणों पर कोई बात करने को तैयार नहीं है।

बदलते रहे समीकरण

वहीं वोटिंग के बाद रिजल्ट के कुछ समय पहले तक भी समीकरण बदलते हुए दिखाई दे रहे थे। एक ओर भाजपा खेमा अपनी जीत 19-15 से देख रहा था तो दूसरी ओर सपा खेमा अपनी जीत को 20-14 से। मवाना से आए अशोक चौधरी ने कहा कि सत्ता का प्रभाव जरूर रहता है। ऐसे में अतुल की जीत तय है। ये जीत 22-12 की हो सकती है। ऐसे में आखिरी वक्त में यह देख पाना काफी मुश्किल लग रहा था कि आखिर में जीतेगा कौन? वहीं कचहरी में अपने काम से आए लोगों ने भी इस चुनाव में पूरी दिलचस्पी दिखाई। क्योंकि पूल में जाने वाले मेंबर्स भी बचत भवन में जाने के बाद किसे वोट करेंगे इस बात अंदाजा भी लगाना काफी मुश्किल लग रहा था। बाद में जो आंकड़े निकलकर सामने आए वो सभी सामने है।