-पेपर इंडस्ट्री पॉल्यूशन मामले में सैनी के किसानों ने जला दी खेतों में खड़ी फसल

-प्रशासन पर निकाली अपनी भड़ास, कार्रवाई न होने पर दी भूख हड़ताल की चेतावनी

Meerut: पेपर इंडस्ट्री से निकल रहा पॉल्यूशन फसलों पर इस कदर कहर बरपा रहा है कि मजबूर किसानों को अपने ही हाथों अपनी फसल जलानी पड़ रही है। गुरुवार को पॉल्यूशन से आजिज किसानों ने अपने गन्ने की फसल में आग लगाकर इंडस्ट्रीयल पॉल्यूशन का विरोध किया। किसानों का आरोप था कि वो पिछले सात सालों से पॉल्यूशन का दंश झेल रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। किसानों ने कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर इस प्रकरण कार्रवाई नहीं होती तो वह पेपर इंडस्ट्री के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

बांझ हुए वृक्ष

मवाना रोड स्थित सैनी गांव पेपर इंडस्ट्री का हब बना हुआ है। इस पेपर इंडस्ट्रीयल हब का इस क्षेत्र पर प्रभाव इस कदर है कि यहां के वृक्षों से फल गायब हो गए हैं। जो वृक्ष कभी फलों से लदे होते थे आज वो अपनी बर्बादी की कहानी कह रहे हैं। लोगों की मानें तो इन पेपर मिल्स की चिमनियों से जो जहरीली स्याही वृक्षों और फसलों पर आकर गिरती है, उससे उनमें तमाम तरह की बीमारियां पैदा हो जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि वृक्ष फल देना बंद कर देते हैं और जहरीली फसल खाकर पशु बीमार पड़ने लगते हैं। लोगों की मानें तो गांव में पशुओं की मौतों का एक सिलसिला चल निकला है।

अन्न को निगल रहा पॉल्यूशन

पेपर इंडस्ट्री से निकल रहे पॉल्यूशन को लेकर किसानों ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और तहसील दिवस से लेकर प्रशासनिक कार्यालयों में शिकायतें की, लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। किसानों का आरोप है कि विभिन्न स्तर पर कराई गई जांच में यह क्लीयर हो गया है कि पॉल्यूशन का खेतों में खड़ी फसलों और बागों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बावजूद इसके इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही। पॉल्यूशन की मार और प्रशासनिक बेरुखी से तंग किसानों ने अपनी गन्ने की फसल में आग लगाकर प्रशासनिक अफसरों को चेताया।

भूख हड़ताल करेंगे

किसानों ने इंडस्ट्री संचालकों और प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि एक हफ्ते के भीतर इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हो पाती तो ग्रामीण इंडस्ट्री की घेराबंदी करेंगे। किसानों ने चेतावनी देते हुए कि कार्रवाई न होने की दिशा में ग्रामीण फैक्ट्री के गेट पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। और न्याय मिलने तक भूख हड़ताल पर बने रहेंगे।

पॉल्यूशन की भेंट चढ़ी फसल

फैक्ट्री के पास मेरा बारह बीघा का चक है। उसमें मैंने चारे की फसल उगाई थी, लेकिन मिल की चिमनियों से निकल रहे धुंए से सारी फसल तबाह कर दी।

-चमनपाल सिंह, ग्रामीण

पेपर मिल की बराबर में खड़ी दस बीघा गन्ने की फसल बिल्कुल सूखचा गई गई। लाखों रुपए का नुकसान है। कई बार विरोध किया लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई।

-कर्मवीर सिंह, किसान

फैक्ट्री के पास की जमीन बिल्कुल बंजर हो गई है। कोई भी फसल बोए तो कुछ नहीं उगता। पॉल्यूशन अफसर के यहां कई बार शिकायत की। कार्रवाई नहीं हो पाई।

-महकार सिंह, किसान

चालीस बीघे का आम का बाग है। बाग में लंगड़ा, दशहरी व चौसा जैसी प्रजाति के आम हैं। पॉल्यूशन के चलते पिछले सात सालों से कोई फल नहीं आया।

-विरेन्द्र सिंह, किसान

इस प्रकरण में जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने पर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। किसानों द्वारा फसल जलाना गलत है।

-पंकज यादव, डीएम मेरठ