मिली फाइल को क्लीयरेंस
पश्चिम यूपी सब एरिया मुख्यालय के जीओसी मेजर जनरल वीके यादव ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से क्लीयरेंस मिलने के बाद फ्लाईओवर के निर्माण की एनओसी से जुड़ी फाइल, जो वित्त मंत्रालय में रूकी हुई थी, उसे शुक्रवार को क्लीयरेंस मिल गई है। ऐसे में अब हमने उप्र राज्य सेतु निगम को मौखिक रूप से काम करने की अनुमति दे दी है। दस्तावेज स्टेशन हेडक्वार्टर तक पहुंचेंगे तो वह भी सौंप दिए जाएंगे।
निर्माण शुरू करने को कहा
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक सतीश कुमार को शनिवार की दोपहर स्टेशन हेडक्वार्टर बुलाया गया जहां एडम कमांडेंट कर्नल आरके शर्मा ने लंबे अर्से से बंद पड़े फ्लाईओवर के निर्माण को शुरू करने को कह दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे को भी अपनी जमीन पर फ्लाईओवर का एक हिस्सा तैयार करना है, इसकी खातिर उनसे भी अपील की जा रही है कि वे सेतु निगम के साथ ही अपने काम को पूरा कर दें। दोनों ही अधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि शेष काम को छह माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
पांच स्लैब और
इस फ्लाईओवर का 76 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। पांच स्लैब अभी और डालने हैं। मंजूरी मिलने के बाद सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक सतीश कुमार ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि सप्ताह भर के अंदर काम शुरू कर दिया जाए।
बिल्डिंग, दीवार बनानी होगी
समझौते के तहत फ्लाईओवर तैयार किए जाने की स्थिति में मौके पर मौजूद फौज की दो बिल्डिंगों को तोड़कर दूसरी जगह बनाना है। साथ ही एक यूनिट की दीवार को नए सिरे से बनाना है। यह निर्माण भी फ्लाईओवर के साथ ही होगा।
कम होगा ट्रैफिक
रोहटा रोड फ्लाईओवर न होने की वजह से रोहटा की ओर से मेरठ शहर में आने वाला समूचा ट्रैफिक जिस रास्ते से आता है, वह चार्जिंग रैम मुख्यालय के सामने से होकर आता है। फ्लाईओवर के निर्माण के बाद मुख्यालय के सामने से आने वाला ट्रैफिक कम होगा।
जोनल कमांडर की बढ़ेगी जिम्मेदारी
फ्लाईओवर निर्माण के दौरान फौजी इकाईयों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सुरक्षा की कमान जोनल कमांडर को सौंपी गई है। कुछ माह पूर्व हुई चोरी की घटना के बाद यहां की सुरक्षा को पहले से ही बढ़ा दिया गया है।
फैक्ट एंड फिगर
कुल प्रस्तावित निर्माण लागत: 2207.47 लाख
रेलवे का प्रस्तावित अंशदान: 345.82 लाख
प्रदेश सरकार का प्रस्तावित अंशदान: 1861.65 लाख
निर्माण आरंभ हुआ: अप्रैल 2010
निर्माण कार्य रुका: नवंबर 2011