आई एक्सक्लूसिव
मोहित शर्मा
- मजबूत किया जाएगा ट्रांसफॉमर्स का प्रोटेक्शन सिस्टम
-वीक प्रोटेक्शन सिस्टम के कारण दम तोड़ रहे ट्रांसफामर्स
Meerut: ट्रांसफामर्स के वीक प्रोटक्टशन सिस्टम को अब पीवीवीएनल स्ट्रॉंग करने जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रोटेक्शन सिस्टम से वंचित ट्रांसफामर्स को नई टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा। इससे न केवल ट्रांसफामर्स की लाइफ दोगुनी हो जाएगी, बल्कि विभाग को करोड़ों के घाटे से भी राहत मिल सकेगी।
क्या है सिस्टम
-ट्रांसफार्मर का यह प्रोटेक्शन सिस्टम 10 केवीए से लेकर 100 केवीए के ट्रांसफार्मर में काम करता है।
-बड़े यानी 250 से 400 केवीए के ट्रांसफामर्स के लिए एचटी फ्यूज के अलावा एलटी लाइन के लिए एमसीसीबी लगाई जाती है।
-ट्रांसफार्मर पर ओवरलोडिंग होते ही एमसीसीबी गिर जाती है, जिससे ट्रांसफामर्स से लाइन ऑटो डिस्कनेक्ट हो जाएगी।
सवा दो लाख ट्रांसफार्मर
-पश्चिमांचल के 14 जनपदों में हैं 2 लाख 21 हजार 505 ट्रांसफार्मर
-मेरठ जोन में लगे हैं 38 हजार 682 ट्रांसफार्मर
-मेरठ शहर में लगे हैं 3159 ट्रांसफार्मर
महंगा मेंटीनेंस
-ट्रांसफार्मर मेंटीनेंस पर सालाना खर्च 150 करोड़ रुपए
-100 केवीए से ऊपर की क्षमता वाले प्रत्येक ट्रांसफार्मर के मेंटीनेंस पर खर्च एक लाख रुपए
-इससे कम क्षमता वाले ट्रांसफार्मरों के रखरखाव पर खर्च 70 हजार रुपए।
मिलेगी राहत
असल में ओवरलोडिंग के कारण जल्दी-जल्दी ट्रांसफार्मर फुंकने के चलते लोगों को ट्रांसफार्मर बदलवाने में पसीने छूट जाते थे। नई टेक्नोलॉजी से ट्रांसफार्मर जलने काफी हद तक बंद हो जाएंगे।
पीवीवीएनएल अब नई टेक्नोलॉजी से लैस ट्रांसफामर्स खरीदने की योजना बना रहा है। इनमें प्रोटेक्शन सिस्टम काफी स्ट्रॉंग है। इससे ट्रांसफामर्स फुंकने काफी हद तक बंद हो जाएंगे।
-जीके गुप्ता, चीफ इंजीनियर, मैटीरियल मैनेजमेंट