ये कनफ्यूजन तो सभी के लिए कॉमन है। इसका सोल्यूशन पाने में टाइम निकल जाता है। लेकिन अब केंद्रीय विद्यालय के स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अब स्कूलों में फुल टाइम काउंसलर अप्वाइंट करने की मंजूरी दे दी है, जो बच्चों की काउंसलिंग करेंगे और उनके इस तरह के सवालों का जवाब देंगे।

Full day counselor

केवीएस ने अपनी लेस्टेस्ट बोर्ड ऑफ गवर्नर की मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब स्कूलों को सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री क्लासेज के लिए एक काउंसलर रखना ही होगा। साथ ही स्कूल चाहे तो इस काउंसलर को फुल डे के लिए भी अप्वाइंट कर सकते हैं। अब तक काउंसलर होते तो थे लेकिन वो फुल टाइम नहीं। ये काउंसलर सिर्फ दो घंटे के लिए अल्टरनेट डेज पर आते हैं। वो भी कुछ खास काउंसलिंग नहीं कर पाते हैं।

Career guidance service

केवीएस ने कहा है कि 9वीं से लेकर 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स के लिए काउंसलिंग सर्विस रेगुलर बेसेज पर दी जाए। सिर्फ इन्हीं क्लासेज को कैरियर काउंसलिंग सर्विस प्रोवाइड कराई जाए। ग्रुप गाइडेंस हफ्ते में एक बार जरूर हो। साथ ही संभव हो तो टीचर्स और काउंसलर बच्चों की इंडिविजुवल काउंसलिंग भी करें। इसके साथ ही प्रिंसीपल को काम दिया गया है कि वो अच्छे टीचर्स को छांटकर हर हफ्ते चार से छह पिरियड के लिए फ्री करेंगे। ये टीचर्स काउंसलिंग में हेल्प करेंगे।

25000 रुपए salary

बोर्ड ने इन काउंसलर्स के लिए महीने की सैलरी भी तय की है। महीने के अधिकतम 25 हजार रुपए काउंसलर पर खर्च किए जा सकते हैं। ये काउंसलर कांट्रेक्ट पर रखे जाएंगे। काउंसलर अप्वाइंट करने का जो भी खर्चा होगा उसे स्कूल विद्यालय विकास निधि से ही वहन करेगा।

सात हजार students

मेरठ में तीन केंद्रीय विद्यालय हैं। केवी पंजाब लाइंस, केवी डोगरा लाइन और केवी सिक्ख लाइन तीनों स्कूलों को मिलाकर कम से कम छह से सात हजार स्टूडेंट इनमें पढ़ते हैं। इन काउंसलर्स का फायदा इन सभी स्टूडेंट्स को मिलेगा।

ये बताएंगे बच्चों को काउंसलर

एग्जाम फियर के साथ कैसे डील करें।

स्ट्रेस मैनेजमेंट कैसे करें।

स्टडी हैबिट डेवलप कैसे करें।

स्टडी स्किल्स क्या होते हैं।

स्टडी टेक्निक कौन सी होती हैं।

टाइम मैनेजमेंट कैसे करें।

कम्यूनिकेशन स्किल्स कैसे इंप्रूव करें।

लो अचिविंग, अंडर अचिविंग और हाई अचिविंग स्टूडेंट्स के लिए टिप्स।

एग्जाम रिजल्ट, एप्टीटयूड टेस्ट और इंट्रेस्ट इनवेंट्री के बेसेज पर करियर गाइडेंस।

जो करियर स्टूडेंट ने चुना है उसके बारे में बताना।

स्टूडेंट्स को चार्ट और पोस्टर मेकिंग बनाना सिखाना।

इंडस्ट्रीज के टूर कराना और उनको फील्ड के एक्सपर्ट से मिलवाना।

कैरियर कांफ्रेंस और एग्जिबिशन अरेंज करना।

प्रॉब्लम फेस कर रहे स्टूडेंट्स की काउंसलिंग करना।

"स्कूलों में काउंसलर रखने का आदेश बोर्ड ऑफ गवर्नर की मीटिंग में पास हुआ है। ये बच्चों के लिए बेहतर है."

-अलका गुप्ता, प्रिंसीपल केवी डोगरा लाइन

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