डेंगू से बचाव के लिए इस बार छिड़काव की बजाय खोजा नया तरीका

विभाग ने मछली पालकों से किया संपर्क

वेक्टर बोर्न डिजीज से मिलेगी सुरक्षा, करेंगे जागरूक

Meerut। कोरोना संक्रमण के बाद अब जिले में वेक्टर बोर्न बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है। इससे निपटने के लिए इस बार जिला मलेरिया विभाग मछलियां पालेगा। विभाग का दावा है कि मछलियों की एक प्रजाति गंबूजिया मच्छरों से निपटने में कारगर होती है। ऐसे में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें पालने की तैयारी शुरू कर दी है।

तालाबों, नालों में पलेंगी

जिला मलेरिया अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि कई क्षेत्रो में तालाबों और जलभराव वाले क्षेत्रों में मच्छरों का पनपना शुरू हो गया है। इस कारण डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने की आशंका बहुत बढ़ गयी है। ऐसे में जिला मलेरिया विभाग और नगर निगम इस बार इन तालाबों, नालों और जलभराव वाले स्थानों पर गंबूजिया मछली पालने की तैयारी कर रहे हैं।

ऐसे होगा फायदा

मलेरिया अधिकारी ने बताया कि गंबूजिया मछली मच्छरों के लार्वा व अंडों को खा लेती है और यह साफ और गंदे पानी में रह सकती है। हर बार मच्छरों को मारने के लिए एंटी लार्वा स्प्रे व पायरेथ्रम दवा का छिड़काव होता था लेकिन ये ज्यादा समय तक कारगर नहीं रहता। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग तालाबों व जलभराव वाले ऐसे स्थान जहां मच्छर पनपने की आशंका है, वहां गंबूजिया मछलियां पाली जाएंगी।

तैयारी शुरू

मलेरिया अधिकारी के अनुसार इस बार शुरुआत में ही यह मछलियां खरीदने की योजना बनाई जा रही है। बरसात के मौसम में मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया फैलने का खतरा रहता है। इससे पहले ही विभाग ने चिह्नित जगहों पर मछली छोड़ने की तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम ने एंटी लार्वा स्प्रे व पायरेथ्रम दवा के छिड़काव के साथ-साथ गंबूजिया मछली जलभराव वाले स्थानों पर छोड देंगे।

जून भर चलेगा अभियान

डेंगू व मलेरिया रोधी अभियान इस बार पूरे जून महीने तक चलेगा। अधिकारियों का कहना है कि इसमें लोगों को जागरूक करने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। नगर निगम के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। गजेन्द्र सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से मलेरिया फैलने के संभावित क्षेत्रों की पहचान करके वहां पर दवा का छिड़काव किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी एंटी लार्वा छिड़काव अभियान चला रही है।

गंबूजिया मछलियां पानी में पनपने वाले मच्छरों के लार्वा और उनके अंडों को पहले ही खा लेती हैं। दो इंच की मछली का सबसे प्रिय खाना यही होता है। मलेरिया व डेंगू पर काबू पाने के लिए इन मछलियों से काफी मदद मिलेगी। मछली पालन वाले केंद्रों के संचालकों से इसके लिए सम्पर्क किया गया है।

सत्य प्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी