दंग रह जाएंगे आप

आपको बताते चलें कि पिछले कई सालों से शूटर्स में एक साठगांठ चल रही है। ये साठगांठ है अपने सगे संबंधी, दोस्त को इस खेल में उतारने की। ऐसे में एक एक्सपीरियंस शूटर अपना शस्त्र प्रतियोगिता खेलने के लिए अपने साथियों को देता रहा है। जब वो शूटर एक्सपीरियंस हो गए या नेशनल में क्वालीफाई करने लायक बन गए तो उन्होंने लाइसेंस के लिए एप्लाई कर दिया। उधार के शस्त्र के इस समझौते ने अब धंधे का रूप ले लिया है। अब शूटर रुपए के बदले अपना शस्त्र दे रहे हैं साथ ही कारतूस के लिए भी रकम वसूल रहे हैं। किसके कितने रेट

जानकर ताज्जुब होगा कि एक .32 बोर की पिस्टल उधार में देने के 15 हजार रुपए रेट हैं। साथ ही 5 हजार कारतूस के अलग। 20 हजार रुपए से 30 हजार रुपए तक राइफल के रेट हैं। साथ ही 5 से 10 हजार कारतूस देने के अलग।

क्यों होता है ऐसा

दरअसल, हाईकोर्ट ने फिलहाल शस्त्र लाइसेंस बनवाने में रोक लगा रखी है। वैसे भी शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए यूपी में शूटर्स को धक्के ही खाने पड़ते हैं। ऐसे जो शूटर पिछले काफी समय से पुराना हथियार इस्तेमाल कर रहा है, वह अच्छे प्रदर्शन के लिए नए हथियार को खरीदना चाहता है, लेकिन लाइसेंस बनता ही नहीं है। ऐसे में वह प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट और अच्छे परिणाम के लिए उधार में हथियार ले लेता है। लगातार प्रैक्टिस में बने रहने के लिए शूटर्स को स्टेट लेवल तक की प्रतियोगिता में भाग लेना पड़ता है, लेकिन प्रतियोगिता कोई भी हो, उधार में हथियार देने के रेट तो एक ही हैं।

रेट

पिस्टल- 15 से 20 हजार

राइफल- 20 से 30 हजार

कारतूस- 5 से 10 हजार

 

'मुश्किल तो आ रही है, अगर नए इवेंट में भाग लेना चाहते हैं तो हथियार की जरूरत है, लाइसेंस बनता नहीं तो फिर उधार में ही रकम देकर हथियार से काम चलाना पड़ता है। '

अभिनव चौधरी, अंतर्राष्ट्रीय शूटर

'मुश्किल बहुत है, लेकिन समझता कोई नहीं। उधार का हथियार तो सही था, लेकिन अब इसके बदले कई शूटर पैसे भी वसूल रहे हैं.'

शोएब, शूटर