-16 स्थानीय निकायों में से 10 पर महिला सीट
-चुनाव को लेकर सियासी दलों में खलबली, जोड़तोड़ शुरू
मेरठ: मेरठ जनपद के नगर निगम समेत 16 स्थानीय निकायों में से इस बार 10 पर महिला प्रत्याशी मैदान में होगीं। सूची जारी होने के बाद कई दलों के दावेदारों को शिकस्त मिली है तो वहीं आधी आबादी में खुशी की लहर है।
यह है स्थिति
स्थानीय निकाय श्रेणी
मेरठ नगर निगम अनुसूचित जाति, महिला
नगर पालिका
मवाना पिछड़ा वर्ग
सरधना पिछड़ा वर्ग, महिला
नगर पंचायत
सिवालखास महिला
खरखौदा अनुसूचित जाति महिला
किठौर महिला
परीक्षितगढ़ अनारक्षित
हस्तिनापुर अनारक्षित
बहसूमा अनारक्षित
फलावदा पिछड़ा वर्ग
लावड़ पिछड़ा वर्ग, महिला
दौराला महिला
करनावल पिछड़ा वर्ग
नवसृजित नगर पंचायत
हर्रा महिला
खिवाई महिला
शाहजहांपुर महिला
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निकायों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, मेरठ नगर निगम समेत स्थानीय निकायों में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने का सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है।
-डॉ। मधु वत्स, पर्यावरणविद्
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महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही हैं। समुचित भागेदारी के बेहतर परिणाम भी सामने आएंगे। सरकार का यह फैसला महिलाओं की निकाय चुनाव में भागेदारी बढ़ाएगा।
-अनीता राणा, समाजसेवी
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इंसेट
रोचक रहे मेरठ महापौर का चुनाव
मेरठ: मेरठ नगर निगम के महापौर का चुनाव रोचक रहा है तो इस कुर्सी पर लंबे समय से भाजपा के प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। साल1995 के नगर निकाय के चुनाव में कांटे की टक्कर शुरू हुई थी। नगर पालिका रहते हुए मेरठ के पहले नगर प्रमुख अरुण जैन थे। वे 1989 से लेकर 1994 तक नगर प्रमुख रहे।
रोमांचक रहा था चुनाव
सर्वप्रथम 1995 में नगर पालिका का चुनाव बेहद रोमांच भरा था, सामान्य सीट पर 3 दावेदार मैदान में थे, जिसमें बीजेपी से मोहनलाल कपूर, सत्यप्रकाश अग्रवाल और निर्दलीय अय्यूब अंसारी (सीनियर) में कांटे की टक्कर थी। मोहनलाल और सत्यप्रकाश की लड़ाई में अय्यूब अंसारी सीनियर ने जीत हासिल की थी। नगर पालिका से नाम बदलकर नगर निगम पड़ा और सामान्य सीट पर 2000 में बीजेपी प्रत्याशी पवन गोयल और बीएसपी के हाजी शाहिद अखलाक में टक्कर हुई। शाहिद अखलाक ने मुस्लिम वोटों को जुटाकर जीत हासिल की।
भाजपा का बना महापौर
2006 में शासन की ओर से मेरठ महापौर की सीट पिछड़ा वर्ग महिला घोषित की गई। पूर्व कार्यवाहक महापौर सुशील गुर्जर की पत्नी मधू गुर्जर बीजेपी की टिकट से मैदान में थीं तो अपोजिट में हाजी याकूब की पत्नी चुनाव लड़ीं। बीजेपी ने यह सीट हासिल कर स्थायी परचम लहराया, यह सिलसिला पूर्व महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने दोहराया। वे ओबीसी घोषित सीट पर बीजेपी की टिकट से 2012 में महापौर चुने गए।
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हम सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। भाजपा मजबूती से चुनाव मैदान में उतरेगी। जल्द ही प्रत्याशी की चयन प्रक्रिया का पूर्ण कर लिया जाएगा।
-करुणेश नंदन गर्ग, महानगर अध्यक्ष, भाजपा
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सपा निकाय चुनाव में पूरी मजबूती के साथ उतर रही है। जिला एवं महानगर नेतृत्व जल्द ही प्रभारी नियुक्त कर पार्षद और महापौर पद पर प्रत्याशी की घोषणा करेंगे।
-राजपाल सिंह, जिलाध्यक्ष, सपा
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