- 12 बजे के बाद नहीं बनाए गए मरीजों के पर्चे

- इलाज के लिए पूरे दिन भटकते रहे मरीज

- एसआर ओपीडी से रहे नदारद, मरीज हुए परेशान

Meerut : मेडिकल हॉस्पिटल में मेडिकल सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। अगर बात ओपीडी की करें तो गुरुवार को मरीजों की संख्या 50 फीसदी तक रह गई। इस बात की भी शिकायत आई कि 12 बजे के बाद मेडिकल में मरीजों के पर्चे ही बनने बंद हो गए, जिससे मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा। वहीं दूसरी ओर जिन लोगों के पर्चे बने उन्हें ओपीडी में डॉक्टर ही नहीं मिले। कई लोग घंटों इंतजार करने के बाद अपने घरों की ओर लौटना पड़ा।

छठे दिन हालात नाजुक

जूनियर रेजिडेंस के अडि़यल रवैये और इंटर्न के भूख हड़ताल पर बैठने की वजह मेडिकल सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं। जूनियर डॉक्टर्स मेडिकल ओपीडी नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं इमरजेंसी सेवाएं भी राम भरोसे रह गई है, जिसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है।

12 बजे के बाद नहीं बने पर्चे

गुरुवार को पब्लिक को और भी परेशानी देखने को मिली। आई नेक्स्ट की टीम के पास ऐसे कई कॉल आए, जिसमें लोगों ने कहा कि 12 बजे के बाद मेडिकल में पर्चा ही नहीं बना। जागृति विहार निवासी कॉलर ने बताया कि मैं अपने बेटे के इलाज के लिए आया था। 12:30 बजे काउंटर पर पहुंचा तो उन्होंने पर्चा बनाने से इनकार कर दिया। पहले कहा कि सर्वर डाउन है। फिर कहा लाइट नहीं है। फिर उसके बाद दूसरे बहाने बनाने लगा। मेरे साथ कई और लोग भी परेशान हुए। वहीं मवाना निवासी राकेश ने बताया कि मैंने ओपीडी बाहर के बाहर बैठकर दो घंटे तक डॉक्टर का वेट किया, लेकिन कोई नहीं आया। पूरे हॉस्पिटल में लोग भटकते रहे।

आज 50 फीसदी रह गई ओपीडी

मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की मौत के बाद हो रहे हंगामें और हड़ताल के दौर की वजह से मरीजों ने भी आना थोड़ा कम कर दिया है। सोमवार से गुरुवार तक अगर ओपीडी में आने मरीजों की संख्या की बात करें तो 18 फरवरी को सबसे कम ओपीडी देखने को मिली है। अगर बात सोमवार की ओपीडी की बात करें तो 1952 रही। मंगलवार को ओपीडी में आने वाले लोगों की संख्या 1900 थी। वहीं बुधवार को भी 1950 ही रही। वहीं गुरुवार को ओपीडी में आने वाले लोगों की संख्या 1500 के आसपास रही। गौरतलब है कि मेडिकल में हर रोज करीब 3 हजार ओपीडी रहती है।

अगर टेक्नीकल प्रॉब्लम हुई है तो कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन मरीजों के पर्चे बने हैं। फिर भी चेक करा लिया जाएगा कि 12 बजे के बाद क्या दिक्कत हुई कि पर्चे नहीं बनाए गए। वहीं सीनियर डॉक्टर्स को ओपीडी में बैठने को कहा गया है। वो बैठ भी रहे हैं। सभी कुछ सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हो रहा है।

- डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज

पिछले पांच दिनों में ओपीडी की स्थिति

दिन मरीजों की संख्या

सोमवार 1952

मंगलवार 1900

बुधवार 1950

गुरुवार 1500

ये मेडिकल में सुविधाएं

मेडिकल कॉलेज में कुल बेड की संख्या : 1040

मेडिकल इमरजेंसी में कुल बेड की संख्या : 25

कॉलेज कुल छात्रों की संख्या : 750

स्पेशलाइज्ड डॉक्टर्स की संख्या : 120

हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स : 150