- डॉक्टर्स के काम न करने की वजह से मरीजों की बढ़ रही है मुसीबतें

- कई मरीजों ने मेडिकल से लिया अवकाश, कर रहे हैं मूव

Meerut : भले ही मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और सीनियर रेजिडेंट्स मेडिकल सेवाएं पूरी तरह से ठीक होने की बात कर रहे हों, लेकिन सच्चाई इसके पूरे विपरीत है। मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। ओपीडी में डॉक्टर्स की कमी साफ दिख रही है। हालात इतने नाजुक हो गए हैं कि ओपीडी में लोगों की कमी होने के साथ एडमिट लोग भी अपने आपको यहां रिलीज कर रहे हैं।

हो गए पांच दिन

जेडी और इंटर्न के अडि़यल रवैये की वजह मेडिकल सेवाएं पूरी तरह बाधित हो रही है। इंटर्न और जेडी दोनों ही मेडिकल ओपीडी में नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं इमरजेंसी सेवाएं भी राम भरोसे रह गई है। जिसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। मेडिकल में मरीज भटक रहे हैं। इस बात को अब पूरे पांच हो गए हैं। इस बात भी अभी कोई भरोसा नहीं है आने वाले कितने दिनों तक इसी तरह के रहने के आसार हैं।

हंगामे का पब्लिक पर बुरा असर

बीते दिनों पत्रकार के साथ बदसलूकी के बाद जूनियर डॉक्टर्स का हंगामा और उसके बाद डॉक्टर्स की लापरवाही के बाद इंटर्न डॉक्टर की मौत के बाद हुए हंगामें ने पब्लिक पर काफी बुरा असर डाला है। सोमवार की ओपीडी को भी 35 से 40 फीसदी तक गिरावट देखी गई थी। वैसे अब थोड़े से मरीज बढ़ें हैं कि लेकिन 2000 से कम ही हैं। मंगलवार को ओपीडी में आने वाले लोगों की संख्या करीब 1900 थी। वहीं बुधवार को भी 1950 ही रही। गौरतलब है कि मेडिकल में हर रोज करीब 3 हजार ओपीडी रहती है।

पब्लिक हो रही है परेशान

अब लोगों ने अपने लोगों को मेडिकल से डिस्चार्ज कराना शुरू कर दिया है। शामली से आए अशोक ने बताया कि मेरे चाचा पिछले कुछ दिनों से यहीं एडमिट हैं। लेकिन डॉक्टर्स न आने और ठीक से इलाज न होने के कारण मैं इन्हें यहां से लेकर जा रहा हूं। फलावदा से आई हिना ने कहा कि काफी देर से डॉक्टर का इंतजार करने बाद जा रही हूं। यहां पिछले दिनों से चक्कर काट कर थक गई हूं।

सभी सीनियर डॉक्टर्स ओपीडी में बैठ रहे हैं। हम लोगों का इलाज करने में कोई कोस कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बाकी व्यवस्थाएं जल्द ही ठीक हो जाएंगी।

- डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज