- बैन के बावजूद रोडवेज बसों व अन्य वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न

-कानफोडू शोर से शहर के लोग बन रहे बहरे, 80 डेसीबल से ज्यादा शोर होता असहनीय

Meerut: आरटीओ और टै्रफिक पुलिस की लापहवाही शहर के बाशिंदों पर भारी पड़ रही है। एक तो भागमभाग भरी जिंदगी और ऊपर से कानफोडू शोर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। प्रेशर हॉर्न से नगर के लोग लगातार बहरेपन के शिकार हो रहे हैं और टै्रफिक पुलिस के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। जबकि दो माह पहले आरटीओ ने प्रेशर हॉर्न को पूरी तरह से बैन किया था। शहर के साइलेंस जोन में भी वाहन चालक धड़ल्ले से प्रेशर हॉर्न बजाते हैं पुलिस सिर्फ मुखदर्शक बनी रहती है।

बसों में लगे हैं प्रेशर हॉर्न

मेरठ में वैशाली व सोहराब गेट डिपो दो बस स्टैंड हैं। जिनसे 732 बसें संचालित की जाती है। जिनमें से लगभग 50 फीसदी बसों में प्रेशर हॉर्न का ही प्रयोग किया जाता है। जबकि आरएम के सख्त निर्देश हैं कि बसों में प्रेशर हॉर्न लगाना अवैध है। साथ ही बस चालकों को जरूरत के हिसाब से ही हॉर्न का प्रयोग करना चाहिए।

क्या है साइलेंस जोन

वह क्षेत्र जहां पर वाहनों के हॉर्न बजाने पर प्रतिबंधित होता है। उसे साइलेंस जोन कहा जाता है.साइलेंस जोन में सरकारी गैर सरकारी अस्पताल, सरकारी गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, कोर्ट, धार्मिक स्थल शामिल होते हैं।

ब्रेन का हिलना घातक

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ। राजीव अग्रवाल बताते हैं कि मनुष्य के लिए 60 से 80 डेसीबल का शोर ही सहनीय है। लगातार 90 या उससे ज्यादा डेसीबल के शोर से कान का मेंब्रेन हिलना शुरू हो जाता है.मेंब्रेन के लगातार हिलते रहने से कान का पर्दा फट जाता है।

क्या होती हैं बीमारियां

कान के बहने से समूचा तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इससे ब्लड़ प्रेशर बढ़ना, दिल की बीमारी, चिड़चिड़ापन, जी घबराना जैसी घातक बीमारियां हो सकती है।

हार्ट को खतरा

हार्ट के बीमार व्यक्ति को कभी भी प्रेशर हॉर्न के शोर में नहीं ले जाना चाहिए। प्रेशर हॉर्न सबसे ज्यादा हार्ट पर अटैक करता है। हॉर्न बजने से हार्ट के मरीज को बहुत बड़ा झटका लगता है। इससे वह चक्कर खाकर गिर सकता है।

क्या है जुर्माना

साइलेंस जोन में हॉर्न बजाने पर पहली बार में 1000 व दुसरी बार में 2000 रुपये तक का जुर्माना होता है, लेकिन मेरठ में पिछले दस सालों में एक भी प्रेशर हॉर्न का जुर्माना नहीं लगाया गया है।

वर्जन

वैसे तो प्रेशर हॉर्न बजाना सभी जगह प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बावजूद वाहन चालक प्रेशर हॉर्न का प्रयोग कर रहे हैं, जल्द ही प्रेशर हॉर्न पर अभियान चलाया जाएगा। ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

-विश्वजीत सिंह, एआरटीओ