सुधारा जाएगा सीवरेज सिस्टम

कैंट क्षेत्र में फिलहाल सीवरेज के लिए कोई सिस्टम नहीं है। सीवर या तो नालों में गिरता है या फिर अंडरग्राउंड डंप किया जाता है। जेएनएनयूआरएम योजना में कैंट बोर्ड को शामिल न किए जाने की दिशा में कैंट बोर्ड यह कदम उठा रही है। इस सीवरेज सिस्टम को सभी आठ वार्डों से जोड़ा जाएगा और बाहरी क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा। एक-दूसरे से जोडऩे के लिए पूरे कैंट क्षेत्र में पाइपों का जाल बिछाया जाएगा। मौजूदा समय में छावनी की आबादी सवा लाख से ज्यादा है।

ये भी होगा काम

सीवरेज सिस्टम की बहाली के साथ ही कैंट बोर्ड अगली बैठक में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और डोर टू डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था पर भी विचार किया जाएगा। चार वार्डों से कूड़ा उठाने और उसे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने की के लिए टेंडर भी बुलाए थे। चार आवेदकों ने अपना आवेदन दिया है जिसमें सबसे कम लागत लगभग पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष की है। शुरुआत में कैंट बोर्ड वार्ड संख्या तीन, चार, पांच और छह में यह प्रयोग करना चाहता है। बुनियादी सुविधाओं के तहत सभी वार्डों में लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से सड़क निर्माण-मरम्मत का काम किया जाएगा।

वाकिंग प्लाजा भी होगा मुद्दा

इस बार की बैठक कुछ अहम मुद्दों को लेकर धमाकेदार हो सकती है। इसमें वाकिंग प्लाजा बंद कराने और फौज द्वारा गेट लगाने संबंधी मुद्दे प्रमुख हैं। वाकिंग प्लाजा पर डीएम के पत्र को भी विचार के लिए रखा जाएगा। देखना है कि कैंट बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर वोटिंग की नौबत आती है या नहीं क्योंकि कैंट बोर्ड के कई सभासद इस मसले पर वाकिंग प्लाजा तत्काल प्रभाव से खत्म करने की मांग लिखित में कर चुके हैं। इसके साथ ही फौज द्वारा सैन्य क्षेत्रों में गेट लगाने संबंधी प्रसंग भी जोर-शोर से उठ सकता है।