मेरठ ब्यूरो। प्रधानमंत्री, नेता, नौकरशाह, जज, अधिकारी और बिजनेसमैन सहित कई नामचीन हस्तियां मेरठ कॉलेज से निकली हैं। मेरठ कॉलेज ने सफलता के 131 साल पूरे कर लिए हैं। कोलकाता यूनिवर्सिटी से संबंद्वता प्राप्त कर केसरगंज के पालिका स्कूल से इस कॉलेज की नींव पड़ी थी। धीरे-धीरे मेरठ कॉलेज ने वेस्ट यूपी में ही नहीं बल्कि अपने छात्रों के बल पर देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई। ब्रिटिश काल में पड़ी मेरठ कॉलेज की नींव आज विशाल वट वृक्ष बन चुका है।

1882 में हुआ था उद्घाटन

गौरतलब है कि 15 जुलाई 1882 को मेरठ कॉलेज की शुभारंभ बैठक हुई थी। इसमें मेरठ कॉलेज और मेरठ कॉलेजिएट स्कूल के शुभारंभ का फैसला किया गया था। इसकी शुरूआत केसरगंज टाउन हाल बिल्डिंग से हुई। डब्ल्यू के बॉनाउड कॉलेज के पहले प्राचार्य अप्वाइंट हुए थे।

5 टीचर और 70 स्टूडेंट्स

आज के 131 साल पहले 5 टीचर और 70 स्टूडेंट्स से कॉलेज की शुरूआत हुई थी। कोलकाता विवि को बीए कोर्स की संबद्धता देने और दसवीं व बारहवीं छात्रों की परीक्षा लेने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा गया। कॉलेज शुरू होने के 78 दिनों बाद छात्रों की संख्या बढ़ गई और कॉलेज को टाउन हॉल से सिविल लाइन की इंपीरियल बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। कैंट का यह क्षेत्र तब रामपुर के नवाब की कोर्ट था।

कॉलेज में विजयंत टैंक

खास बात यह है कि 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में कहर बरपाने वाला विजयंत टैंक आज मेरठ कॉलेज की शोभा बढ़ा रहा है। कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग से जनरल विपिन रावत पीएचडी कर चुके है। सेना के दो दर्जन से अधिक अधिकारी यहां से शोध कार्य कर चुके हैं। कुछ आज भी कर रहे है।

टी-55 टैंक भी कॉलेज की शान

मेरठ कॉलेज में पुणे से लाया गया द्वितीय विश्व युद्ध का टी-55 टैंक कॉलेज के मुख्य द्वार पर स्थापित हैं, जो कॉलेज की शान को बढ़ा रहा है। 1882 में बने मेरठ कॉलेज में 1939 में डिफेंस स्ट्डीज विभाग की शुरुआत हुई थी। उस समय यह डिप्लोमा कोर्स था, लेकिन 1972 में विषयों की शुरुआत हुई और फिर 1982 से पीएचडी होने लगी। इसके बाद से विभाग ने पीछे मुडक़र नहीं देखा। डिफेंस स्ट्डीज विभाग का अपना वार म्यूजियम भी तैयार किया है।

दुनिया में यहां के टीचर्स की पहचान

मेरठ कॉलेज के टीचर्स की पहचान दुनियाभर में है। पूर्व प्राचार्य एसके अग्रवाल की एनेलिटिकल केमिस्ट्री देशभर की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाती है। एडवांस्ड इन आर्गेनिक केमिस्ट्री भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, सिंगापुर, दुबई, भूटान, हांगकांग, मॉरीसस और इंग्लैंड के विवि के सिलेबस में शामिल है।

मेरठ कॉलेज में बीते 131 सालों में काफी बदलाव आए है, आज उन्हीं यादों को ताजा करने के लिए स्थापना दिवस मनाया जाएगा।

प्रो। अंजलि मित्तल, प्रिंसिपल मेरठ कॉलेज